एन0जी0टी0 ने जांच के लिए कमेटी कि गठित-चौ0 यशवन्त सिंह

सोनभद्र।


भारतीय सामाजिक न्याय मोर्चा के अध्यक्ष चौ0 यशवन्त सिंह ने बताया कि विभिन्न क्षेत्रों में जारी किये गये बालू खनन पट्टे तथा पत्थर खनन हेतु पहाड़ियों के पट्टो के साथ ही अवैध स्टोन क्रशर प्लांटो को बन्द करने उनसे हो रहे पर्यावरण प्रदूषण पर रोक लगाने तथा अब तक प्रदूषण के कारण हुई क्षति की भरपाई कराने हेतु दाखिल की गई दो अलग-अलग याचिकाओं पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने कमेटियों का गठन कर वास्तविकता एवं अब तक कि किगई कार्यवाहियों से एक माह के अन्दर अवगत कराने हेतु आदेषित किया है। उक्त जानकारी देते हुये याचिकाकर्ता भारतीय सामाजिक न्याय ट्रस्ट/मोर्चा के अध्यक्ष चौ0 यशवन्त सिंह ट्रिब्यूनल के उक्त आदेशों के स्वागत करते हुये क्षेत्रीय जनों को न्याय मिलने की उम्मीद जतायी है।
चौधरी ने बताया कि यात्रिका काा संख्या 278/2019 के द्वारा नेशनल ग्रान ट्रिब्यूनल से मांग की गयी थी कि सूरज बिर्ल्डस, अखिलेश पाल और प्रवीन कुमार को जारी किये गये खनन पट्टो को निरस्त किया जाय साथ ही बालू खनन हेतु बरमोरी/हर्रा, खोखा, खेबन्धा में जारी किये गये, खनन पट्टो के पट्टेदारों द्वारा अवैध तरीके से ह्यूम पाइप के अस्थायी पुलो का निर्माण किया गया है। जिसके कारण सोन, रेणु एवं कनहर नदियों की धारा प्रभावित हो रही है और जलीय जीव एवं जनजीवन खतरे में पड़ने के साथ ही ट्रको के आवागमन से क्षेत्रीय जनता की फसल एवं सड़के क्षतिग्रस्त हो रही है। खननकर्ताओं द्वारा क्षेत्र में अवैध रूप से पेड़ों की कटाई एवं पत्थर खनन कर नदी में मार्ग निर्माण किये गये है। साथ ही पूर्व में इस मामले में पट्टेदारों एवं आम जनता के बीच आगजनी एवं गोला बारी तक हो चुकी है। आरोपित है कि प्रशासन कि मिली भगत से क्षेत्रीय ग्रामीणों को अभी भी परेशान किया जा रहा है। याचिका पर सुनवाई करते हये एन0जी0टी0 द्वारा विगत 28 मार्च को आदेश जारी करते हुये केन्द्रिय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, उ0प्र0 राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड एवं प्रमुख सचिव भूगर्भ एवं खनन, प्रमुख सचिव वन एवं बन्यजीव तथा जिला मजिस्ट्रेट सोनभद्र को एक संयुक्त जांच कमेटी करते हुये एक माह के अन्दर रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश दिया है।
इसीक्रम में सुकृत स्थित मे0 मैहर स्टोन, मे0 जै मां भण्डारी स्टोन, मे0 ज्याति स्टोन, मे0 वैष्णो स्टोन एवं गुरूकृपा एसोसिएट्स स्टोन एवं अन्य पर भी याचिकाकर्ता चौधरी यशवन्त सिंह ने याचिका सं0-279/2019 द्वारा आरोप लगाया था कि सम्बन्धितों द्वारा पर्यावरण प्रदूषणा की रोकथाम हेतु मानकों की अनदेखी हो रही है। साथ ही यह भी कहा गया है कि उक्त सभी प्लांट उच्चतम न्यायालय व केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा सन् 200 से लगायी गयी रोक के बाद लगाये गये है जो गलत है।
इस सम्बन्ध में एन0जी0टी0 द्वारा उ0प्र0 प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड एवं जिलाधिकारी सोनभद्र कि जांच कमेटी का गठन करते हुये एक माह में रिपोर्ट से अवगत कराने का आदेश दिया है। चौधरी ने कहा कि जिला प्रशासन द्वारा पर्यावरण व प्रदूषण रोकथाम का दावा खोखला है। यही सिथति व बदस्तुर रही तो लोगो को आक्सीजन व पानी खरीदने के लिये मजबूर होना पड़ेगा। प्रेसवार्ता के समय फत्ते मुहम्मद, दीप नरायन पटेल, अर्जुन चौहान, आदि लोग उपस्थित थे।


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