गजेन्द्र सिंह शेखावत ने गंगा क्वेस्ट 2019 पुरस्कार प्रदान किए
जल शक्ति केंद्रीय मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने आज पर्यावरण संरक्षण और विशेष रूप से जल संरक्षण के लिए जन आंदोलन की आवश्यकता पर जोर दिया। वे विश्व पर्यावरण दिवस 2019 के उपलक्ष्य में राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (NMCG) द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे। श्री शेखावत ने कहा कि प्रकृति के साथ बेहतर तालमेल बनाकर रहना और उसके विभिन्न तत्वों की श्रद्धाभाव से पूजा करना हमेशा से हमारी संस्कृति का एक अभिन्न अंग रहा है। उन्होंने कहा कि हमें अपने इन मूल्यों पर फिर से ध्यान केंद्रित करने की आवश्कता है ताकि पर्यावरण संरक्षण हमारी चेतना का हिस्सा बन सके। श्री शेखावत ने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को जल संरक्षण और नदी विकास की जिम्मेदारी लेनी चाहिए क्योंकि इस संबंध में अकेले सरकार के प्रयास पर्याप्त नहीं होंगे। केन्द्रीय मंत्री ने आगे कहा कि सभी को यह देखना चाहिए कि पर्यावरण की सुरक्षा के लिए वे क्या कर सकते हैं।
श्री शेखावत ने कहा कि वर्ष 2014 में नमामि गंगे कार्यक्रम की शुरुआत होने के बाद से गंगा नदी की सफाई के लिए मोदी और उनकी सरकार द्वारा दिखाई गई प्रतिबद्धता उल्लेखनीय रही है। उन्होंने कहा कि इस दिशा में काफी कुछ हासिल किया जा चुका है और अब उनका जनशक्ति मंत्रालय इस काम को और आगे बढ़ाएगा।
इस अवसर जलशक्ति राज्य मंत्री श्री रतन लाल कटारिया ने नमामि गंगे परियोजना के तहत किए गए कार्यों का ब्यौरा दिया और गंगा की सफाई के लिए विभिन्न पक्षकारों को एकसाथ लाने के लिए मंत्रालय को बधाई दी। .
कार्यक्रम के दौरान, गंगा क्वेस्ट 2019 के विजेताओं को पुरस्कार प्रदान किए गए। इसके तहत गंगा नदी के बारे में जागरूकता और जानकारी तथा सूचनाओं के प्रचार प्रसार के लिए महीने भर चलने वाली ऑनलाइन प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था। इसकी शुरुआत 22 अप्रैल 2019 को (विश्व पृथ्वी दिवस) के दिन की गई थी। इसका सपामन 22 दिसंबर, 2019 (विश्व जैव विविधता दिवस) पर हुआ था। इसका आयोजन एनएमसीजी ने वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया, ट्री क्रेज फाउंडेशन, जीआईजेड और वीए टेक WAGAG के साथ मिलकर किया था। प्रतियोगिता में केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के स्कूलों , नवोदय विद्यालय और अन्य स्कूलों ने सक्रिय रूप से भाग लिया । इसमें देश के विभिन्न हिस्सों से लगभग 36,500 छात्रों / उम्मीदवारों ने हिस्सा लिया। प्रतियोगिता चार श्रेणियों में आयोजित की गई थी। पहली श्रेणी कक्षा 8 तक के छात्रों के लिए थी जबकि दूसरी श्रेणी में कक्षा 8 से 10 तक के छात्र तथी तीसरी श्रेणी में कक्षा 11-12 के छात्र और चौथी श्रेणी में सभी किस्म के छात्रों के लिए थी। अधिकतम भागीदारी वाले स्कूलों को पुरस्कार भी दिए गए।
कार्यक्रम के दौरान गंगा प्रहरी भी सम्मानित किए गए। भारतीय वन्य जीव संस्थान द्वारा स्थानीय समुदायों से स्वेच्छा से गंगा सफाई के लिए सम पि߾ఀत वांलियटिरों का समूह गंगा प्रहरी के रूप में तैयार किया गया है। यह प्रहरी गंगा की धारा को निर्मल और अविरल बनाने के लक्ष्य के साथ गंगा के किनारे की जैव विविधता के संरक्षण के लिए कार्यरत हैं। इस साल आयोजित कुंभ मेले के दौरान गंगा प्रहरियों के एक समूह द्वारा गंगा की सफाई के लिए किए गए उत्कृष्ट कार्यों को काफी सराहा गया था।
कार्यक्रम के दौरान पश्चिम बंगाल में सरकार और निजी क्षेत्र की भागीदारी के तहत हावड़ा, बाली और बारानगर तथा कामरहाटी के लिए जलशोधन संयंत्र (एसटीपी) परियोजनाओं के लिए एक कन्सेशन समझौते पर भी हस्ताक्षर किए गए। पीपीपी मोड के तहत हाइब्रिड एन्यूटी आधारित यह परियोजनाएं पश्चिम बंगाल में अपनी किस्म की पहली परियोजनाएं हैं। इसके तहत 165 एमएलडी क्षमता वाले तीन नए जलशोधन संयंत्र लगाए जाने का काम शामिल है। इसमें से 65 एमएलडी क्षमता वाला जलशोधन संयंत्र हावडा, 40 एमएलडी वाला बाली में तथा 60 एमएलडी वाला संयंत्र बारानगर और कामराहाटी में लगाया जायेगा। इसके अलावा बाली में पहले से स्थित 22 एमएलडी क्षमता वाले एसटीपी को पुनर्स्थापि߾ त किया जायेगा। इसमें 16 किलोमीटर लंबा सीवेज नेटवर्क बनाना, मौजूदा पंप स्टेशनों को पुन: स्थापि߾त करना तथा अगले 15 वर्षों तक इससे जुड़ी आधारभूत संरचनाओं तथा संयंत्रों के संचालन और उनकी मरम्मत का काम करना शामिल है। इस परियोजना पर कुल 592 करोड़ रुपए की लागत आयेगी।
इस अवसर पर गंगा नदी की जैव विविधता तथा गंगा के जल ग्रहण क्षेत्रों में लगाए गए कागज और लुगदी बनाने वाले संयंत्रों के आसपास जल स्रोतों की स्थिति को बेहतर बनाने के लिए गंगा नदी बेसिन प्रबंधन और अध्ययन संस्थान' द्वारा प्रकाशित दो पुस्तकों का विमोचन भी किया गया।.
एनएमसीजी के सचिव श्री यू पी सिंह और महानिदेशक श्री राजीव रंजन मिश्रा सहित मंत्रालय के कई वरिष्ठ अधिकारी भी इस अवसर पर उपस्थित थे।