सभी कष्टों का निवारण करे हनुमानजी की आराधना

लखनऊ।


गीता परिवार के तत्वावधान में शिव मंदिर गढ़ीकनौरा, शिव मंदिर मवैया, देवेश्वर धाम मंदिर संजयनगर में मंगलवार से तीन दिवसीय अर्जुन भव संस्कार पथ शिविरांे का आरंभ किया गया। वहीं चले रहे तीन दिनी शिविरों का समापन हुआ शिव महिमा मंदिर शिवनगर मड़ियांव में ध्यान में राधिका शर्मा, अर्जुन साधना में देवांश सिंह, ज्ञानवर्धक गृहकार्य में अनुभवी शर्मा, आदर्श शिविरार्थी में मंयक शुक्ला अव्वल रहे। प्रियदर्शिनी कालोनी के रामजानकी मंदिर में आदर्श शिविरार्थी में आयुष्मान मिश्रा, भगवती स्त्रोत में गौरी मिश्रा, गीता श्लोक में अंशिका तिवारी, टंकी पार्क में आदर्श शिविरार्थी में ईनू मिश्रा, अर्जुन साधना मंे सूरज सिंह, भगवद्गीता में अनुष्का, ध्यान में अंश विजयी रहे। हनुमान मंदिर कायमखेड़ा मोतीनगर में गीता मंे संदीप कुमार, अर्जुन साधना में कोमल रावत, सर्वश्रेष्ठ शिविरार्थी में सनी कुमार शुक्ला विजयी रहे। शिविर का निर्देशन रूबी गुप्ता, सोनलिका दीक्षित, उद्देश्य बाजपेयी और सत्रों का संचालन अंजलि, पीयूष, सुभाषिनी, सुमित कुमार, पूजा साहू, ़ऋषि ठाकुर, रिया मिश्रा, दीपिका मिश्रा, अनुष्का मौर्य, वैभव, अश्विनी, इशिता ने किया। श्री शिव हनुमान मंदिर बीकानेर राजस्थान मंे पेंटिंग में भूमि अधाना, भगवद्गीता में प्रियांश, सर्वश्रेष्ठ शिविरार्थी में राजीव व सावी ने बाजी मारी। शिविर का निर्देशन पूजा गोयल व अन्य सत्रों का आयोजन विशाल कश्यप, कविता वर्मा ने किया। समापन पर मुख्य अतिथियों में गणेश कुमार शर्मा मौजूद थे। शिविर में सिखायी बातों को संस्कारी बच्चों ने शिविर वृतांत की मनमोहक छठा मुख्य अतिथियों के समक्ष बिखेरी। पूजा गोयल ने मुख्य अतिथियों का स्वागत एवं अभिनंदन पुष्पगुच्छ एवं अर्जुन भव का स्मृति चिन्ह भेंट कर किया। गणेश कुमार शर्मा ने कहा खेल-खेल में बच्चों को संस्कार की बाते बताना, भगवद्गीता का इतना शुद्ध उच्चारण सुनकर मन मंत्रमुग्ध हो गया, कार्यक्रम देखकर आश्चर्यचकित रह गये और उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम कम से कम सात दिन अवश्य होना चाहिए, जिससे बच्चों को खेल के साथ-साथ संस्कारों का ज्ञान, गीता श्लोक, योग, ध्यान, प्रेरणादायक कहानियां व रचनात्मक कार्यशाला में ज्यादा-ज्यादा से सहभागिता कर उसका लाभ उठा सके। समापन अवसर पर प्रतियोगिता के विजयी बच्चों को मुख्य अतिथियों ने पुरस्कृत किया। आज सभी शिविरों पर विशेष रूप से संगीतमय हनुमान चालीसा पाठ एवं भक्त हनुमान की महिमा का बखान किया गया। रमाकान्त साहू ने बताया कि हनुमानजी को बल, बुद्धि, विद्या, शौर्य और निर्भयता का प्रतीक माना जाता है संकट काल में हनुमानजी का ही स्मरण किया जाता है वह संकटमोचन कहलाते है। 


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