डॉ.दरबारी लाल अस्थाना की 114वी जयंती समारोह 19 को


विद्यार्थी, राष्ट्रीयता पर आधारित चित्र बनायेंगे


डालीगंज स्थित प्राथमिक विद्यालय लाहौरगंज परिसर में होगा आयोजन


लखनऊ।


स्वतंत्रता सेनानी डॉ.दरबारी लाल अस्थाना की 114वी जयंती, शुक्रवार 19 जुलाई को स्मृति दिवस के रूप में डालीगंज स्थित प्राथमिक विद्यालय लाहौरगंज परिसर में मनायी जाएगी। कार्यक्रम निदेशिका शुभ्रा अस्थाना ने बताया कि इस अवसर पर परिसर में स्थित प्राथमिक विद्यालय और पूर्व माध्यमिक विद्यालय के विद्यार्थी राष्ट्रीयता से ओत-प्रोत चित्र बनायेंगे। समारोह में सक्रीय समाज सेवी निराला नगर निवासी हरीश कपूर, लखनऊ महोत्सव के तहत आयोजित युवा महोत्सव के संयोजक मयंक रंजन, जवाहर भवन इंदिरा भवन कर्मचारी महासंघ के महामंत्री सुशील कुमार बच्चा और डालीगंज स्थित प्रतिष्ठित माधव मंदिर से निकलने वाली भव्य जगन्नाथ यात्रा के युवा संयोजक, अनुराग साहू सहित अन्य का सम्मान किया जाएगा।


अभिनंदन समारोह में निराला नगर निवासी हरीश कपूर का सम्मान किया जाएगा। वह शहर के जरूरतमंद लोगों को मानव के मृत शरीर को संरक्षित करने के लिए वातानुकलित बाक्स नि:शुल्क उपलब्ध करवा रहे हैं। अब तक तीन सौ से अधिक लोग उनकी इस नि:शुल्क सेवा के कारण ही अपने परिचितों के अंतिम दर्शन कर सके हैं। 13 सितम्बर 1914 से वह इस दिशा में सक्रीय है। सुशील अब तक शहर में 500 से अधिक रक्तदान करवा चुके हैं। इसके साथ वह 2003 से योग और फिजियोथेरेपी के शिविर भी आयोजित कर रहे हैं। उन्होंने पर्यावरण संरक्षण के लिए गोमती स्वच्छता अभियान और गौरैया बचाओं अभियान का भी संचालन किया है। वह इन्दिरा नगर आवासीय महासमिति के महासचिव रहते हुए क्षेत्रवासियों की सुखसुविधाओं के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं। मयंक रंजन के प्रयासों का ही परिणाम है कि शहर के कलाकार हर्षित सक्सेना, फराज नाज, टुइंकल बाजपेई, विनीत सिंह, समर अरोड़ा, शिवांगी बाजपेई जैसे कई नामों को देश विदेश में पहचान मिली है। वह बीते 21 सालों से हिन्दी और उर्दू के युवा रचनाकारों का सम्मान कर उन्हें प्रोत्साहित कर रहे हैं। 30 मार्च 2005 को हुई गंभीर दुर्घटना के बाद भी वह आज भी जन हित में लगे हुए हैं। वह बस्तियों में जाकर रोगियों का उपचार करवाते हैं। उन्होंने डाक्टरी की पढ़ाई करने वाले युवाओं के लिए अपनी देह को दान देने का संकल्प लिया है। अनुराग साहू क्षेत्र में रक्तदान शिविर और स्वास्थ्य शिविरों के साथ साथ उपेक्षित बच्चों को संस्कारित करने का कार्य भी विभिन्न माध्यमों से कर रहे हैँ।


कार्यक्रम संयोजक भारतीयम संस्था के संस्थापक निदेशक पुनीत अस्थाना ने बताया कि वरिष्ठ स्वतन्त्रता सैनानी और गांधीवादी दर्शनशास्त्री डॉ.दरबारी लाल अस्थाना ने अपना पूरा जीवन देश सेवा और समाज सेवा को अर्पित कर दिया था। माता राजरानी देवी और पिता मुकुन्द लाल अस्थाना के पुत्र डॉ.दरबारी लाल अस्थाना का जन्म 24 जुलाई सन 1905 को आगरा में हुआ था। उनका राजनीतिक सफर अंग्रेंज़ी हुकुमत के दौरान राजकीय कॉलेज आगरा के बहिष्कार के साथ शुरू हुआ। ग्रामीण अर्थशास्त्र और पुनर्निर्माण कार्य के अध्ययन करने वह शान्तिनिकेतन भी गये जहां उन्हें गुरुदेव रविन्द्र नाथ टैगोर का सानिध्य भी मिला। युसुफ मेहर अली के अखिल भारतीय युवक आन्दोलन और सिंन्घियों के महान आध्यात्मिक गुरु टी.एल.वासवानी के भारतीय सांस्कृतिक पुनरुत्थान आन्दोलन में भी वह सक्रीय रहे। उन्होंने महात्मा गांधी और जवाहर लाल नेहरू जैसे देश के शीर्षस्थ नेताओं के साथ भी कार्य किया। महात्मा गांधी द्वारा संचालित सत्याग्रह आन्दोलन के तहत उन्हें 1930 में वृंदावन के प्रेम महाविद्यालय में आन्दोलन के दौरान 9सी-12 धारा के अन्तर्गत गिरफ्तार कर लिया गया और 4 अगस्त सन 1930 को उन को छह महीने के कठोर कारावास का दंड सुनाया गया। 11अक्टूबर सन् 1930 उन्हें मथुरा जेल से सीतापुर जेल में ट्रांसफर कर दिया गया। जेल से रिहा होने के बाद डॉ.दरबारी लाल अस्थाना प्रदेश कांग्रेंस कमेटी के सदस्य भी रहे। मथुरा और आगरा काग्रेंस कमेटियों के भी डॉ.दरबारी लाल अस्थाना अग्रणीय कार्यकर्ता रहे। स्वतन्त्रता प्राप्ति के बाद उन्होंने देहरादून में रहकर मेडिकल प्रैक्टिस भी की। उसके बाद वह लखनऊ आ गये और गांधी स्मारक निधि के संचालक पद पर लम्बे समय तक कार्य करते रहे। वह काफी समय तक पत्रकारिता भी की। तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने उन्हें 15 अगस्त 1972 को तात्रपत्र से सम्मानित किया था।


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