यूपी कांग्रेस ने स्वर्गीय शीला दीक्षित को दी श्रद्धांजलि
लखनऊ।
दिल्ली प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेत्री रहीं शीला दीक्षित के दो दिन पूर्व हुए आकस्मिक निधन पर शोक संवेदनाओं एवं श्रद्धांजलि कार्यक्रमों के क्रम में सोमवार को प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में श्रद्धांजलि सभा का आयेजन पूर्व विधायक सतीश अजमानी की अध्यक्षता में किया गया।
श्रद्धांजलि सभा में स्व0 दीक्षित के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए अ0भा0 कांग्रेस कमेटी के राष्ट्रीय सचिवगण, प्रदेश के वरिष्ठ पदाधिकारीगण, पूर्व विधायकगण एवं भारी संख्या में कार्यकर्ताओं ने स्व0 दीक्षित के साथ अपने अनुभवों को साझा करते हुए एवं उनके द्वारा कांग्रेस संगठन को दिये गये अप्रितम योगदान को देखते हुए अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की। कार्यक्रम की शुरूआत स्व0 शीला दीक्षित के चित्र पर माल्यार्पण से हुई।
प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता बृजेन्द्र कुमार सिंह ने आईपीएन को बताया कि श्रद्धांजलि सभा को सम्बोधित करते हुए वक्ताओं ने स्व0 दीक्षित के सम्पूर्ण व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला कि कैसे एक कपूरथला पंजाब की बेटी हमारे उ0प्र0 की बहू और देश की राजधानी दिल्ली की माँ के रूप में उन्होने देश और प्रदेश के विकास में अपना उल्लेखनीय योगदान दिया। स्व0 दीक्षित ने बहुलता और विविधता के संगम जहां सैंकड़ों सभ्यताएं एक साथ रहती हैं देश की राजधानी नई दिल्ली को दुनिया के सर्वश्रेष्ठतम राजधानी और शहर में शुमार कराया। सैंकड़ों ओबरब्रिज, मेट्रो ट्रेन, सीएनजी बसें और दिल्ली में रहने वाले लाखों गरीब लोगों को आवास का अधिकार प्रदान करके उन्हें पक्के मकान और उसका स्वामित्व प्रदान करने का ऐतिहासिक कार्य किया है। इसी का परिणाम रहा कि लगातार 15 वर्षों तक दिल्ली की जनता ने उन्हें मुख्यमंत्री के रूप में देश की राजधानी की सेवा करने का अवसर प्रदान किया। वह 1986 से 1989 तक भारत सरकार के प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री रहीं तथा इसी दौरान उन्होने संयुक्त राष्ट्र के हर प्रतिनिधिमंडल का प्रतिनिधित्व किया।
शोकसभा में प्रमुख रूप से राष्ट्रीय सचिव बाजीराव खड़े एवं सचिन नायक ने अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि हम सभी कार्यकर्ताओं को स्व0 शीला दीक्षित के कार्य व्यवहार और संस्कृति से सीख लेकर संकल्प लेने की आवश्यकता है कि कैसे विनम्रता और सादगी के साथ लम्बी उम्र तक पार्टी की बेहतर सेवा की जा सकती है और संगठन को मजबूत किया जा सकता है यही स्व0 दीक्षित को सच्ची श्रद्धांजलि होगी।