मैं स्वयं प्रतिदिन 17 से 18 घण्टे पूरी प्रतिबद्धता से करता हूं कार्य : मुख्यमंत्री


प्रदेश सरकार ने अधिकारियों-कर्मचारियों के कल्याण हेतु प्रभावी कदम उठाए : मुख्यमंत्री


लखनऊ।


मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश सरकार ने राजकीय अधिकारियों व कर्मचारियों के कल्याण के लिए प्रभावी कदम उठाए हैं। राजकीय कर्मियों की समस्याओं के समयबद्ध निराकरण के निर्देश दिये गये हैं। सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों के सेवा सम्बन्धी लम्बित प्रकरणों का शीघ्रता से निस्तारण किया गया है। वर्तमान राज्य सरकार के कार्यकाल में तीन बार डीपीसी कर तहसीलदार संवर्ग के 299 अधिकारियों को प्रान्तीय सिविल सेवा में प्रोन्नति दी गई है, जबकि यह पदोन्नतियां वर्षों से लम्बित थीं। इन प्रोन्नतियों के लिए पात्रता में शिथिलीकरण भी किया गया है। वर्तमान में प्रदेश में कार्यरत लगभग 1000 प्रान्तीय सिविल सेवा के अधिकारियों में 60 प्रतिशत प्रोन्नत अधिकारी हैं। इससे राज्य सरकार की राजकीय कर्मियों के हित की मंशा स्पष्ट है। राज्य सरकार भी अधिकारियों, कर्मचारियों से अपने दायित्वों का पूरी प्रतिबद्धता, निष्ठा, लगन और परिश्रम के साथ निर्वहन करते हुए अच्छे परिणाम दिये जाने की अपेक्षा करती है।
मुख्यमंत्री शनिवार को उत्तर प्रदेश प्रान्तीय सिविल सेवा (प्रोन्नत अधिकारी) संघ के सामान्य अधिवेशन-2019 के उद्घाटन सत्र को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राजस्व विभाग का सबसे बड़ा और पुराना संवर्ग होने के कारण आपकी भूमिका अत्यन्त महत्वपूर्ण है। इस संवर्ग के अधिकारियों को अनेक महत्वपूर्ण दायित्वों के निर्वहन के अवसर मिलते हैं। संवर्ग की कार्यपद्धति से ही उसकी पहचान बनती है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि परिणाम देने के लिए विशेष अवसर की जरूरत नहीं होती है। मौजूदा तंत्र में भी अच्छे परिणाम दिये जा सकते हैं। इसके लिए प्रतिबद्धता के साथ कार्य करने की आवश्यकता होती है। दायित्वों का प्रतिबद्धता और निष्ठा के साथ निर्वहन करने से सन्तुष्टि मिलती है। उन्होंने कहा कि सेवा से बढ़कर कोई धर्म और पुण्य का कार्य नहीं है। इस संवर्ग के अधिकारियों का जनता से सीधा जुड़ाव होता है। आप सभी को जनता की सेवा निष्पक्ष भाव से पुण्य समझकर करनी चाहिए। पुण्य और सेवा भाव से किये गये कार्य में दीर्घ कार्यावधि पीड़ा नहीं, खुशी देती है। उन्होंने कहा कि वे स्वयं भी प्रतिदिन 17 से 18 घण्टे पूरी प्रतिबद्धता से कार्य करते हैं। इससे उन्हें आत्मिक संन्तुष्टि प्राप्त होती है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रतिबद्धता, निष्ठा, लगन और परिश्रम से कार्य करने पर विश्वसनीयता के साथ ही, सम्मान भी बढ़ता है। अच्छा कार्य करने वाले अधिकारियों को लोग वर्षों याद रखते हैं। उन्होंने कहा कि सब कुछ परिवर्तनशील है। इसलिए अधिकारियों को प्राप्त हुए अवसर का लाभ उठाते हुए परिश्रमपूर्वक कार्य करना चाहिए। इससे अधिकारी स्वयं और उनका संवर्ग यशस्वी होगा। उन्होंने कहा कि राजकीय सेवा को औपचारिकता नहीं समझा जाना चाहिए। यह अपने समाज, देश और प्रदेश की सेवा का अप्रतिम अवसर है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अपने जनता दर्शन कार्यक्रम के दौरान उन्होंने अनुभव किया है कि 90 प्रतिशत से अधिक मामले राजस्व और पुलिस विभाग से सम्बन्धित होते हैं। समय से इन प्रकरणों का समाधान न होने पर बड़े विवाद पैदा हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि हर संवर्ग के अधिकारी द्वारा प्रतिदिन सुबह साढ़े नौ से साढ़े दस बजे तक एक घण्टे जनसुनवाई की जाए। इससे जन शिकायतों का प्रभावी समाधान सम्भव होगा। प्रतिदिन सुनवाई करने से धीरे-धीरे जनता की सन्तुष्टि बढ़ती जाएगी और शिकायतें भी कम होती जाएंगी। राज्य सरकार द्वारा जन शिकायतों के निस्तारण के लिये आईजीआरएस पोर्टल और मुख्यमंत्री हेल्प लाइन शुरू की गई है। इसमें शिकायतकर्ता की सन्तुष्टि को शिकायत निस्तारण का आधार बनाया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सेवा संघ के अधिवेशनों में मुख्य सचिव, विभागीय अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव को आमंत्रित कर उनके समक्ष, क्षेत्र-विशेष में उत्कृष्ट कार्य करने वाले अधिकारियों द्वारा अपनाये गये नवाचारों आदि के सम्बन्ध में प्रस्तुतिकरण कराने चाहिए। इससे अन्य अधिकारियों को भी इनकी जानकारी मिलेगी और वे भी अच्छे कार्य करने के लिये प्रेरित होंगे।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव नियुक्ति एवं कार्मिक मुकुल सिंघल, विशेष सचिव मुख्यमंत्री शुभ्रान्त कुमार शुक्ला सहित शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी एवं उत्तर प्रदेश प्रान्तीय सिविल सेवा (प्रोन्नत अधिकारी) संघ के पदाधिकारी व सदस्यगण उपस्थित थे।


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