प्रकृति संवर्धन के चिंतन का उद्घोष

डॉ दिलीप अग्निहोत्री
भारतीय चिंतन में प्रकृति चेतना सदा सर्वदा जाग्रत रही है। नदियों के तट पर कुंभ ही नहीं अनेक पर्व आयोजित होते है। यह नदियों व जल के प्रति हमारा सम्मान व संरक्षण भाव है। इसी प्रकार प्रकृति को हमारे यहां बहुत सम्मान दिया गया। हमारे ऋषियों ने कहा-


ओम द्यौः शान्तिरन्तरिक्षँ शांतिः
पृथ्वी शान्तिरापः शांतिरोषधयः शांतिः,
वनस्पतयः शान्तिर्विश्वे देवाःशांतिर्ब्रह्म शांतिःः,
सर्वँ शान्तिः, शान्तिरेव शांतिःः, सा मा शांतिरेधि।।
ओम शांतिः शांतिः शांतिः


यजुर्वेद के इस शांति पाठ मंत्र में ईश्वर से शांति की कामना की गई।  समस्त जीवों, वनस्पतियों और प्रकृति में शांति बनी रहे इसकी प्रार्थना की गई है। कहा गया है कि हे परमात्मा स्वरुप शांति कीजिये, वायु में शांति हो, अंतरिक्ष में शांति हो, पृथ्वी पर शांति हों, जल में शांति हो, औषध में शांति हो, वनस्पतियों में शांति हो, विश्व में शांति हो, सभी देवतागणों में शांति हो, ब्रह्म में शांति हो, सब में शांति हो, चारों और शांति हो, हे परमपिता परमेश्वर शांति हो, शांति हो, शांति हो। इस शांति के लिए प्रकृति का शांत रहना अपरिहार्य है। पाश्चात्य उपभोगवादी संस्कृति ने प्रकृति को कुपित किया है। इसलिए पौधरोपण के माध्यम से विश्व को शांति का भी सन्देश दिया गया। प्रयागराज कुम्भ का दिव्य, भव्य और अभूतपूर्व आयोजन योगी आदित्यनाथ की उपलब्धियों में शामिल है। उनके प्रयासों से इसमें अनेक रिकार्ड कायम हुए थे। स्नानार्थियों और विदेशी आगन्तुओं का रिकार्ड बना था। चार सौ वर्षों बाद प्रयागराज नामकरण किया गया, इतने ही वर्षों बाद सरस्वती कूप के दर्शनों का लोगों को सौभाग्य मिला। इस अवधि में अनेक वैचारिक कुंभों का भी आयोजन किया गया था। इसमें पर्यावरण कुम्भ भी शामिल था।
तभी यह अनुमान लगाया गया कि योगी आदित्यनाथ पर्यावरण से संबंधित भी किसी महाकुंभ का आयोजन कर सकते है। यह अनुमान सही साबित हुआ। अगस्त क्रांति सतहत्तर वर्ष बाद नौ अगस्त उन्नीस सौ उन्नीस को पौधरोपण की क्रांति हुई। इसे पर्यावरण कुम्भ का नाम दिया गया। इस महाकुंभ में उत्तर प्रदेश की जनसंख्या के अनुरूप बाईस करोड़ पौधे लगाए गए। इस प्रकार पौधरोपण का विश्व रिकार्ड बन गया। इसी के साथ विश्व स्तर पर भारतीय चिंतन का उद्घोष भी हुआ। जिसमें वृक्षो को भी पूज्य माना गया। हमारे ऋषि युगद्रष्टा थे। वह जानते थे कि भविष्य में उपभोगवादी संस्कृति पर्यावरण के समक्ष संकट उतपन्न करेगी। इसका मुकाबला अधिक से अधिक वृक्ष लगाकर ही हो सकेगा।
आदित्यनाथ प्रयागराज में गंगा यमुना तट पर स्थित परेड ग्राउंड में निशुल्क पौधों का वितरण किया। अब तक सबसे अधिक पौध वितरण का रिकॉर्ड महाराष्ट्र के नाम है जहां एक ही स्थान पर तीस हजार से अधिक पौधे बांटे गए थे। गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड की टीम भी पहुँची थी। योगी आदित्यनाथ ने पौधरोपण महाकुंभ का शुभारंभ सरोजनीनगर के जैतीखेड़ा में किया। इसके बाद वह प्रयागराज रवाना हुए थे। वहां के परेड ग्राउंड में निशुल्क पौधा वितरण कार्यक्रम में हिस्सा लिया। यहां एक ही स्थान पर सबसे अधिक पौधे वितरित करने का विश्व रिकॉर्ड बनाया गया। प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल कार्यभार ग्रहण करने के बाद पहली बार लखनऊ से बाहर किसी सार्वजनिक कार्यक्रम में शामिल हुई। उन्होंने कांसगज के गंगा वन में पौधारोपण किया।
महात्मा गांधी की एक सौ पचासवीं जयंती को यादगार बनाने के लिए सभी जिलों में गांधी उपवन स्थापित किया जा रहा है। इसमें आम, बरगद, नीम, साल, महुआ, कल्पवृक्ष, सहजन आदि प्रजातियों के पौधे लगाए जाएंगे। गांधी उपवन में जन प्रतिनिधियों एवं विशिष्ट जनों की उपस्थिति में अंतिम पौधा नक्षत्र एवं मौलश्री का रोपित किया जाएगा। बाइस करोड़ पौधारोपण महाकुंभ अभियान की मूल इकाई ग्राम पंचायत निश्चित की गई है। पौधरोपण की निगरानी चुनावी पैटर्न पर होगी। इसमें पौधे मतपत्र होंगे व ग्राम पंचायत पोलिंग बूथ। ग्राम प्रधान, ग्राम पंचायत सचिव एवं ग्राम विकास अधिकारी पीठासीन अधिकारी होंगे। ब्लाक स्तर पर सेक्टर पौधारोपण समन्वयक, न्याय पंचायत स्तर पर सेक्टर मजिस्ट्रेट, तहसील स्तर पर जोनल पौधारोपण समन्वयक तथा जोनल मजिस्ट्रेट नामित किए गए हैं। पौधारोपण की स्वतंत्र एजेंसी से होगी जांच भी की जाएगी। पौधारोपण के बाद पौधों की क्या स्थिति है इसका मूल्यांकन किया जाएगा। जिन स्थानों पर पौधारोपण किया गया वहां जियो टैगिंग की जा रही है। राज्यपाल आनन्दी बेन पटेल ने कासगंज में पौधारोपण समारोह का शुभारंभ किया। यहां गंगावन के पैसठ हेक्टेयर क्षेत्रफल में एक लाख एक हजार पौध रोपित होंगे, जिसमें औषधीय, फलदार वृक्ष होंगे। सहजन उपवन, गांधी उपवन, हरि वाटिका सहित अनेक उपवन बनाए गए हैं। आनन्दी बेन ने कहा कि जिस तरह माता पिता अपने बच्चों को पालन पोषण करते है,उसी तरह हम सभी लोगों को पौधों का संरक्षण करना चाहिए। उत्तर प्रदेश की जनसंख्या के अनुरूप बाइस करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसकी सफलता के लिए प्रदेश के सभी नागरिकों को अपनी जिम्मेदारी का निर्वाह करना चाहिए। प्रयागराज में कुछ समय पहले संगम तट पर कुंभ का आयोजन हुआ था। अब यहां पौधा वितरण का गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड बना। संगम तट पर कुंभ मेला क्षेत्र के परेड मैदान योगी आदित्यनाथ की उपस्थिति में एक लाख से अधिक पौधों का वितरण किया गया। 


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