शिक्षा का उद्देश्य केवल डिग्री लेना नहीं : राज्यपाल

गुरुकुल की परम्पराओं-उपनिषदों की भावनाओं को आगे बढ़ा रहा दीक्षान्त समारोह : मुख्यमंत्री


गोरखपुर।


उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने गुरूवार को यहां मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के चतुर्थ दीक्षान्त समारोह के दौरान छात्र-छात्राओं को बधाई देते हुए कहा कि शिक्षा का उद्देश्य केवल डिग्री लेना नहीं, बल्कि बौद्धिक व आध्यात्मिक विकास भी होना चाहिए। उन्होंने कहा कि इन्फोसिस के संस्थापक एनआर नारायणमूर्ति द्वारा दी गयी जानकारी को भी आत्मसात करना चाहिए। बहुत ही अल्प समय में इस विश्वविद्यालय में काफी काम हुआ है और यह विश्वविद्यालय निरन्तर प्रगति कर रहा है। इस अवसर पर राज्यपाल ने 34 गोल्ड मेडल भी वितरित किए।
दीक्षान्त समारोह को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कोई भी व्यक्ति परफेक्ट नहीं होता। जीवन कुछ न कुछ सीखते रहने का नाम है। उन्होंने कहा कि डिग्री प्राप्त करके मात्र नौकरी को ही प्राथमिकता न दें, बल्कि समाज के उत्थान में आपकी क्या भूमिका हो सकती है, इस पर भी चिंतन करें और अपनी डिग्री की सार्थकता को भी प्रमाणित करें।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के जनपद गोरखपुर में प्रथम आगमन के लिए अभिनन्दन किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने इंफोसिस के संस्थापक एनआर नारायणमूर्ति को डीएससी की मानक उपाधि एवं सभी छात्र-छात्राओं को डिग्री प्राप्त करने पर बधाई दी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि दीक्षान्त समारोह गुरुकुल की परम्पराओं एवं उपनिषदों की भावनाओं को आगे बढ़ा रहा है। यह सत्य बोलने, धर्म के मार्ग पर चलने एवं स्वाध्याय से कभी विमुख न होने की प्रेरणा देता है। जिन छात्र-छात्राओं को राज्यपाल द्वारा आदर्शों के पथ पर चलने की प्रतिज्ञा दिलाई गई हैं, उन्हें उस प्रतिज्ञा को निभाना है।
मुख्यमंत्री ने तकनीक के महत्व पर विचार व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार बनने के बाद बजट का अभाव था और लघु एवं सीमांत किसानों का 36 हजार करोड़ रुपये का कर्ज माफ किया जाना था। सरकार द्वारा सभी किसानों के खातों को तकनीक के माध्यम के आधार से जोड़ा गया और सत्यापन के बाद सरकार द्वारा लघु एवं सीमान्त किसानों का एक लाख रुपये तक का कर्ज माफ किया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में सरकार बनते ही 15 करोड़ लोगों तक खाद्यान्न पहुंचाया गया। सरकार द्वारा गड़बड़ी रोकने के लिए राशन कार्डों की जांच करवाई गईं और आधार से जोड़कर ई-पॉस मशीनें लगायी गयीं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 2 रुपए किलो गेहूं, 3 रुपए किलो चावल दिया जा रहा है। सरकार ने तकनीक का इस्तेमाल कर बड़े पैमाने पर व्याप्त भ्रष्टाचार पर रोक लगाई साथ ही, एक हजार करोड़ रुपए की बचत भी की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व में इंसेफेलाइटिस से हजारों लोग प्रभावित होते थे। सरकार बनने के बाद बड़े पैमाने पर जागरूकता अभियान चलाया गया, जिसकी वजह से इंसेफेलाइटिस को नियंत्रित किया जा सका। उन्होंने कहा कि केन्द्र में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार आने के बाद 10 करोड़ से ज्यादा लोगों को शौचालय, ढाई करोड़ से ज्यादा लोगों को आवास, करीब 50 करोड़ लोगों को आयुष्मान भारत योजना से जोड़ा गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2024 तक 'हर घर नल' योजना के तहत हर घर तक शुद्ध पेयजल पहुंचाया जाना है। इसमें तकनीक का कैसे बेहतर उपयोग हो सकता है, इसके लिए प्रौद्योगिकी के छात्रों को आगे आना चाहिए। नदियों के प्रदूषण को रोकने, सस्ते आवास बनाने जैसे लोक कल्याण कार्यों में बेहतर तकनीक के इस्तेमाल के लिए प्रौद्योगिकी संस्थानों को आगे आना चाहिए।
कार्यक्रम में विधायक डॉ0 राधा मोहन दास अग्रवाल सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण तथा शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी, शिक्षकगण एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।


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