ग्राम्य विकास मंत्री ने की विभागीय समीक्षा बैठक, दिए निर्देश


प्रतापगढ़-बलिया में निर्मित सड़कों की जॉच टीएसी से कराने के निर्देश
पीएमजीएसवाई की सड़कों का अनुरक्षण कार्य 15 नवम्बर तक कराने के निर्देश
लापरवाही-अनियमितता की पुष्टि होने पर संबंधित के खिलाफ होगी कार्रवाई
पीएम आवास योजना में अपात्रों का चयन किसी भी दशा में न होने के निर्देश
लखनऊ।


ग्राम्य विकास मंत्री मोती सिंह ने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत  प्रतापगढ एवं बलिया में निर्मित सड़कों की जॉच टेक्निकल आडिट सेल (टीएसी) से कराने के निर्देश दिये। उन्होंने पीएमजीएसवाई के तहत निर्मित सड़कों के अनुरक्षण कार्य आगामी 15 नवम्बर तक पूर्ण कराये जाने के निर्देश दिये। यदि इस अवधि तक निर्मित सड़कों के अनुरक्षण का कार्य पूर्ण न हुआ तो संबंधित प्रखण्ड के अधीशासी अभिंयता एवं संबंधित ठेकेदार के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी। श्री मोती सिंह ने ग्राम स्तर पर विभाग द्वारा चलायी जा रही योजनाओं का नियमित सोशल ऑडिट कराये जाने के निर्देश दिये। उन्होने समय-समय पर  जन जागरुकता रैली के माध्यम से लोगों को सोशल ऑडिट के बारे में जागरुक कराने के भी निर्देश दिये। यह निर्देश प्रदेश के ग्राम्य विकास मंत्री राजेन्द्र प्रताप सिंह 'मोती सिंह' ने आज यहां सचिवालय स्थित अपने कार्यालय कक्ष में विभागीय समीक्षा बैठक में विभागीय अधिकारियों को दिए।
समीक्षा बैठक में ग्राम्य विकास मंत्री ने अच्छा कार्य करने वालों को प्रोत्साहन दिए जाने के निर्देश दिए और कहा कि विभागीय अधिकारियों एवं कर्मचारियों को मिलने वाले लाभ निश्चित समय से दिए जायें इसमें किसी प्रकार की लापरवाही एवं लेट लतीफी न की जाय। अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा विभागीय कार्यों में किसी भी प्रकार की उदासीनता बर्दाश्त नहीं की जायेगी। कार्यों के प्रति किसी प्रकार की लापरवाही एवं अनियमित्ता की पुष्टि होने पर संबंधित के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने विभाग में लंबित जांचों को जल्द से जल्द निस्तारित करने के निर्देश दिये तथा निश्चित समय में फाइलों का निस्तारण सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि जो भी दोषी हों उन्हें दण्डित किया जाय।
मोती सिंह ने कहा कि मनरेगा  ग्राम  एवं मनरेगा पार्क की संकल्पना पर विचार किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि मनरेगा के माध्यम से गांव की ड्रेनेज व्यवस्था को सुदृढ किया जाए, जिससे जलभराव की समस्या को दूर किया जा सके। साथ ही ग्राम्य विकास विभाग द्वारा कराये जा रहे निर्माण कार्यों के संबंध में संबंधित अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाय। जिस किसी भी अधिकारी के स्तर पर इन  कार्यों के संबंध में लापरवाही पायी जाय उसके खिलाफ कड़े एक्शन लिए जाए।
ग्राम्य विकास मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण प्रधानमंत्री जी का ड्रीम प्रोजेक्ट है। प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत वास्तविक लाभार्थियों का  चिन्हांकन किया जाय और उन्हें योजना का लाभ प्रदान कराया जाय। उन्होंने कहा कि योजना का लाभ पात्र लोगों को ही मिले, अपात्र लोगों का चयन किसी भी हाल में नहीं होना चाहिए। अपात्रों को लाभ पहुंचाने वाले अधिकारियों एवं कर्मचारियों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई की जायेगी। वास्तविक लाभार्थियों को किसी भी स्तर पर योजना के लाभ से वंचित नहीं रहने दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि इसके लिए बड़े विजन से काम करने की आवश्यकता है। इस कार्य को पूरी ईमानदारी एवं कर्तव्यनिष्ठा के साथ किया जाय। विभागीय कार्यों को पूरी पारदर्शिता के साथ गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखते हुए  निश्चित समयावधि में पूरा कराया जाय।
मोती सिंह ने उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण अजीविका मिशन को और अधिक सशक्त बनाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि इसको और अधिक सशक्त बनाने में अन्य विभागों का भी सहयोग लिया जाय। इसके तहत समूहों का अधिक से अधिक विस्तार करते हुए विभिन्न गतिविधियों को इसमें शामिल किया जाय। उन्होंने कहा कि इसके स्वयं सहायता समूहों द्वारा निर्मित उत्पादों की ब्रांडिंग की जाय।
समीक्षा बैठक में राज्यमंत्री ग्राम्य विकास आनंद स्वरूप शुक्ला, महानिदेशक उ0प्र0 ग्राम्य विकास प्रशिक्षण संस्थान एल0 वेंकटेश्वर लू, ग्राम्य विकास आयुक्त के0 रविन्द्र नायक सहित अन्य विभागीय अधिकारी मौजूद थे।


 


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