नव चयनित अभियंता जलशक्ति को प्रदेश का नम्बर एक विभाग बनाने में योगदान दें : मंत्री

अधीनस्थ चयन आयोग से चयनित 69 अवर अभियंताओं (सिविल) ने अपनी पंसद के तैनाती स्थल चुनें


लखनऊ।


उत्तर प्रदेश के जलशक्ति मंत्री डॉ0 महेन्द्र सिंह ने अधीनस्थ चयन आयोग उ0प्र0 से चयनित होकर आये 73 अवर अभियंताओं (सिविल) को बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए कहा कि सिंचाई विभाग को पूरे प्रदेश में प्रथम स्थान पर लाने के लिए उनका महत्वपूर्ण योगदान होगा। उन्होंने कहा कि हमारे देश में नारी शक्ति के सम्मान की प्राचीन परम्परा रही है और नारी शक्ति सृजन के क्षेत्र में सदैव आगे रही हैं। उन्होंने उम्मीद जाहिर किया कि इतनी बड़ी संख्या में नारी शक्ति का सिंचाई विभाग में आने से उनकी प्रतिभा एवं दक्षता का अधिकतम उपयोग करते हुए सिंचाई विभाग उतरोत्तर प्रगति के पथ पर अग्रसर होगा।
डॉ0 सिंह ने कहा कि अधीनस्थ चयन आयोग से 73 अवर अभियंता (सिविल) चयनित होकर आये हैं जिसमें से 01 को छोड़कर शेष सभी नारी शक्ति हैं। आज 69 अवर अभियंताओं ने अपने पसंद की तैनाती के लिए जनपदों के विकल्प चुनें। इन अवर अभियंताओं में चार अनुपस्थित थे। जिनका आवंटन बाद में किया जायेगा। इन चयनित अवर अभियंताओं में एक विकलांग पुरूष अभ्यर्थी श्री मुकेश कुमार भी हैं। इन सभी अवर अभियंताओं को नियुक्ति/तैनाती पत्र शीघ्र ही सौंप दिये जायेंगे।
जलशक्ति मंत्री ने कहा कि सिंचाई विभाग प्रदेश का सबसे पुराना विभाग है। उन्होंने नवचयनित अभियंताओं से अपेक्षा किया कि उ0प्र0 की जनता को सिंचाई विभाग से जो अपेक्षाएं हैं उनको पूरी मेहनत और ईमानदारी से पूरा करें। उन्होंने कहा कि नवचयनित अभियंताओं को सिंचाई विभाग के अधीन विभिन्न परियोजनाओं में उनके विकल्प के आधार पर पूरी पारदर्शिता बरतते हुए मेरिट के आधार पर तैनाती दी जायेगी। उन्होंने कहा कि सभी अवर अभियंताओं के मन में विभिन्न प्रकार की शंकाएं होगी कि ट्रांसफर-पोस्टिंग में बहुत सारी बातें होती हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि सिंचाई विभाग में आदर्श व्यवस्था स्थापित करते हुए मेरिट के आधार पर उनके दिये हुए विकल्प के आधार पर जनपदों का आवंटन किया गया है। अब उनकी सारी शंकाएं निर्मूल हो गयी होंगी।
जलशक्ति मंत्री ने अवर अभियंताओं को संबोधित करते हुए कहा कि जिस संकल्प के साथ सिंचाई विभाग में आये हैं, उसी उत्साह और पूरी लगन से अपने दायित्वों का निर्वहन करें। इसके साथ ही पूरी पारदर्शिता एवं गुणवत्ता पर ध्यान देते हुए विभाग में एक नई संस्कृति तथा आदर्श व्यवस्था स्थापित करें। उन्होंने कहा कि सभी अवर अभियंताओं को उनकी मनपसंद के जनपदों में विकल्प चुनने का अवसर दिया गया है। यदि किसी को समस्या अथवा घरेलू परेशानी भविष्य में उत्पन्न होगी तो मानवीय आधार को अपनाते हुए उनपर विचार किया जायेगा। उन्होंने कहा कि सिंचाई विभाग में विकल्प चुनने का यह अभिनव प्रयोग पहली बार किया गया है।
प्रमुख सचिव सिंचाई एवं जल संसाधन टी0 वेंकटेश ने सिंचाई विभाग के गौरवशाली इतिहास एवं उत्कृष्ठ परम्पराओं के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि प्रदेश का यह सबसे प्राचीन विभाग है और इसकी स्थापना सन 1830 में ईस्ट इंडिया कम्पनी ने आर्मी के सहयोग से सहारनपुर में की थी। उन्होंने अवर अभियंताओं को बधाई देते हुए कहा कि सभी लोग पूरी लगन व निष्ठा से अपने-अपने जनपदों में पहुंच कर कार्यभार ग्रहण करें और सिंचाई विभाग को मंत्री की अपेक्षाओं के अनुरूप प्रदेश में प्रथम स्थान पर ले आएं।
प्रमुख सचिव ने कहा कि आज सुबह 11ः00 बजे से ही अवर अभियंताओं को सिंचाई विभाग की कार्यप्रणाली, नियमावली, कार्य संस्कृति तथा उनके दायित्वों के बारे में वरिष्ठ अभियंताओं तथा विशेषज्ञों द्वारा विस्तार से जानकारी दी गयी। इसके साथ ही अवर अभियंताओं को तैनाती व विकल्प चुनने संबंधी प्रक्रिया से भी अवगत कराया गया। कार्यक्रम का संचालन मुख्य अभियंता एके सिंह ने किया।


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