फेसबुक किडनी रैकेट केस में प्रोटेस्ट प्रार्थनापत्र पर आदेश सुरक्षित
लखनऊ।
स्पेशल सीजेएम कस्टम लखनऊ सुदेश कुमार ने आईपीएस अफसर अमिताभ ठाकुर द्वारा फेसबुक पर किडनी रैकेट के सक्रिय होने के सम्बन्ध में मई 2014 में थाना गोमतीनगर में दर्ज कराये गए मुकदमे को लखनऊ पुलिस द्वारा बंद करते हुए कोर्ट में भेजे गए अंतिम रिपोर्ट के खिलाफ दायर प्रोटेस्ट प्रार्थनापत्र पर आज अपना आदेश सुरक्षित रख लिया।
अमिताभ की अधिवक्ता डॉ नूतन ठाकुर ने कोर्ट को कहा कि लखनऊ पुलिस द्वारा इस अत्यंत संवेदनशील प्रकरण में बहुत सतही ढंग से विवेचना की गयी तथा गलत ढंग से निष्कर्ष निकाला गया, अतः मामले में अग्रिम विवेचना आवश्यक है। प्रोटेस्ट प्रार्थनापत्र पर आदेश 30 सितम्बर 2019 को दिया जायेगा।
एफआईआर संख्या 333/2014 धारा 270, 336, 403, 413, 414, 420, 467, 468, 511 आईपीसी व धारा 19, द ट्रांस्प्लानटेशन ऑफ़ ह्यूमन ओर्गंस एक्ट 1994 में अमिताभ ने बताया था कि नोयडा के प्रतीक जैन ने उन्हें फेसबुक पर एक सन्देश भेजा था कि उन्हें अनुराग जोशी नामक व्यक्ति फेसबुक पर किडनी बेचने के लिए संपर्क कर रहा था इसके लिए करीब 3.5-4 लाख रुपये दे रहा था। अमिताभ ने उस आदमी से फोन पर बात की तो उसने कहा कि उन्हें किडनी के लिए करीब तीन लाख रुपये मिलेंगे। उसने बताया कि अमिताभ को इसके लिए पुणे आना पड़ेगा और वहां से ईरान जाना पड़ेगा। क्राइम ब्रांच, लखनऊ पुलिस ने यह कहते हुए विवेचना समाप्त कर दी कि प्रकरण में वास्तव में किडनी की खरीद-बिक्री नहीं हुई थी, अतः कोई अपराध घटित नहीं हुआ।
अमिताभ की अधिवक्ता डॉ नूतन ठाकुर ने कोर्ट को कहा कि लखनऊ पुलिस द्वारा इस अत्यंत संवेदनशील प्रकरण में बहुत सतही ढंग से विवेचना की गयी तथा गलत ढंग से निष्कर्ष निकाला गया, अतः मामले में अग्रिम विवेचना आवश्यक है। प्रोटेस्ट प्रार्थनापत्र पर आदेश 30 सितम्बर 2019 को दिया जायेगा।
एफआईआर संख्या 333/2014 धारा 270, 336, 403, 413, 414, 420, 467, 468, 511 आईपीसी व धारा 19, द ट्रांस्प्लानटेशन ऑफ़ ह्यूमन ओर्गंस एक्ट 1994 में अमिताभ ने बताया था कि नोयडा के प्रतीक जैन ने उन्हें फेसबुक पर एक सन्देश भेजा था कि उन्हें अनुराग जोशी नामक व्यक्ति फेसबुक पर किडनी बेचने के लिए संपर्क कर रहा था इसके लिए करीब 3.5-4 लाख रुपये दे रहा था। अमिताभ ने उस आदमी से फोन पर बात की तो उसने कहा कि उन्हें किडनी के लिए करीब तीन लाख रुपये मिलेंगे। उसने बताया कि अमिताभ को इसके लिए पुणे आना पड़ेगा और वहां से ईरान जाना पड़ेगा। क्राइम ब्रांच, लखनऊ पुलिस ने यह कहते हुए विवेचना समाप्त कर दी कि प्रकरण में वास्तव में किडनी की खरीद-बिक्री नहीं हुई थी, अतः कोई अपराध घटित नहीं हुआ।