कन्या सुमंगला योजना

उन्नाव 


जिलाधिकारी श्री देवेन्द्र कुमार पाण्डेय ने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार बालिकाओं/महिलाओं को बढ़ावा देने के उद्देश्य से तत्पर है,सरकार की मंशा है कि प्रदेश की कोई भी महिला अशिक्षित न रहे। इसी क्रम में जिलाधिकारी महोदय ने माननीय मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना के अंतर्गत बताया कि इस योजना के अंतर्गत सामाजिक कुरीतियों को दूर करने हेतु सरकारी और गैर-सरकारी स्तर पर निरंतर प्रयास भी किए जा रहे हैं। इस परिवेश के दृष्टिगत उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा कन्या सुमंगला योजना के रूप में नई पहल की जा रही है जो अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार द्वारा बालिकाओं एवं महिलाओं को सामाजिक सुरक्षा के साथ-साथ विकास हेतु नए अवसर प्रदान करने के लिए यह योजना प्रारंभ की गई है। इसकी फलस्वरुप जहां एक तरफ कन्या भ्रूण हत्या एवं बाल-विवाह जैसी कुरीतियों के रोकथाम के प्रयासों को बल मिलेगा वहीं दूसरी ओर बालिकाओं को उच्च शिक्षा व रोजगार के अवसरों की ओर बढ़ने का अवसर प्राप्त होगा। उन्होंने बताया कि महिला सशक्तिकरण वर्तमान उत्तर प्रदेश सरकार की प्रतिबद्धता है। महिला सशक्तिकरण के आधारभूत स्तंभ स्वास्थ्य एवं शिक्षा है। जनपद में बालिकाओं के स्वास्थ्य एवं शिक्षा के स्तर में वृद्धि करने तथा उनके भविष्य को उज्जवल बनाने के लिए ही राज्य सरकार द्वारा कन्या सुमंगला योजना बनाई गई है। इस योजना के क्रियान्वयन से श्बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओश् की अवधारणा सुदृढ़ होगी तथा महिलाओं के सशक्तिकरण को भी बल मिलेगा। जिलाधिकारी महोदय ने कन्या सुमंगला योजना के मुख्य उद्देश्य को बताते हुए कहा कि इस योजना का उद्देश्य जनपद में स्वास्थ्य एवं शिक्षा की स्थिति को सुदृढ़ करना, कन्या भ्रूण हत्या को समाप्त करना,समान लिंगानुपात स्थापित करना,बाल विवाह की कुप्रथा को रोकना,नवजात कन्या के परिवार को आर्थिक सहायता प्रदान करना तथा जनपद में बालिका के जन्म के प्रति आमजन में सकारात्मक सोच विकसित करना व उनके उज्जवल भविष्य की आधारशिला रखना है। उन्होंने कन्या सुमंगला योजना के क्रियान्वयन के स्तर को बताते हुए कहा कि प्रथम श्रेणी के अंतर्गत नवजात बालिकाओं जिनका जन्म 01 अप्रैल 2019 या उसके पश्चात् हुआ हो को लाभान्वित किया जाएगा। द्वितीय श्रेणी के अंतर्गत वह बालिकाएं सम्मिलित होंगी जिनका एक वर्ष के भीतर संपूर्ण टीकाकरण हो चुका हो तथा उनका जन्म 01 अप्रैल 2018 से पूर्व न हुआ हो। तृतीय श्रेणी के अंतर्गत वह बालिकाएं सम्मिलित होंगी जिन्होंने चालू शैक्षणिक सत्र के दौरान प्रथम कक्षा में प्रवेश लिया हो। चतुर्थ श्रेणी के अंतर्गत वह बालिकाएं सम्मिलित होंगी जिन्होंने चालू शैक्षणिक सत्र के दौरान छठी कक्षा में प्रवेश लिया हो। पंचम श्रेणी के अंतर्गत वह बालिकाएं सम्मिलित होंगी जिन्होंने चालू शैक्षणिक सत्र के दौरान नवी कक्षा में प्रवेश लिया हो। षस्टम श्रेणी के अंतर्गत वह सभी बालिकाएं सम्मिलित होंगी जिन्होंने 12वीं कक्षा उत्तरीण करके चालू शैक्षणिक सत्र के दौरान स्नातक-डिग्री या कम से कम दो वर्षीय डिप्लोमा में प्रवेश लिया हो। उन्होंने कन्या सुमंगला योजना की धन राशि वितरण की श्रेणियों के बारे में बताया कि प्रथम श्रेणी में बालिका के जन्म होने पर  रू0-2000 एकमुश्त व  द्वितीय श्रेणी में बालिका के एक वर्ष तक के पूर्ण टीकाकरण के उपरांत रू0-1000 एकमुश्त, तृतीय श्रेणी के अंतर्गत कक्षा प्रथम में बालिका के प्रवेश के उपरांत रू0-2000 एकमुश्त, चतुर्थी श्रेणी में कक्षा 6 में बालिका के प्रवेश के उपरांत रू0-2000 एकमुश्त, पंचम श्रेणी में कक्षा 9 में बालिका के प्रवेश के उपरांत रू0-3000 एकमुश्त, षष्टम श्रेणी में ऐसी बालिकाएं होंगी जिन्होंने 12वीं कक्षा उत्तीर्ण करके  स्नातक-डिग्री  या कम से कम 2 वर्ष डिप्लोमा कोर्स मे प्रवेश लिया हो उन्हें रू0-5000 एकमुश्त धनराशि स्वरूप दिया जाएगा।
जिलाधिकारी महोदय ने कन्या सुमंगला योजना की पात्रता की अहर्ताएं बताते हुए कहा कि लाभार्थी का परिवार जनपद का निवासी हो तथा उसके पास स्थाई निवास प्रमाण पत्र हो, जिसमें राशन कार्डध्आधार कार्ड/ वोटर पहचान पत्र/विद्युत/ टेलीफोन का बिल  मान्य होगा। लाभार्थी की पारिवारिक वार्षिक आय अधिकतम रू0-300000 हो ,किसी परिवार की अधिकतम दो ही बच्चियों को योजना का लाभ मिल सकेगा, लाभार्थी के परिवार का आकार (साईज)- परिवार में अधिकतम दो बच्चे हों, किसी महिला को द्वितीय प्रसव से जुड़वा बच्चे होने पर तीसरी संतान के रूप में लड़की को भी लाभ अनुमन्य होगा। यदि किसी महिला को पहले प्रसव से बालिका है व द्वितीय प्रसव से दो जुड़वा बालिकाएं ही होती हैं तो केवल ऐसी अवस्था में ही तीनों बालिकाओं को लाभ अनुमन्य होगा,यदि किसी परिवार में अनाथ बालिका को गोद लिया हो, तो परिवार की जैविक संतानों तथा विधिक रूप में गोद ली गई संतानों को सम्मिलित करते हुए अधिकतम दो बालिकाएं इस योजना के लाभार्थी होंगी। कन्या सुमंगला योजना के आवेदन की प्रक्रिया जांच व स्वीकृति के संबंध में उन्होंने बताया कि बालिका स्वयं (यदि वयस्क हो), बालिका के माता/पिता या अभिभावक, इस योजना के लाभ हेतु  आवेदक के रूप में आवेदन कर सकते हैं। उन्होंने ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया बताते हुए कहा कि प्राथमिक रूप में आवेदन ऑनलाइन माध्यम से स्वीकार किए जाएंगे, ऑनलाइन आवेदन कॉमन सर्विस केन्द्र, साइबर कैफे,स्वयं के स्मार्टफोन या कंप्यूटर आदि किसी भी माध्यम से विभागीय पोर्टल पर किए जा सकेंगे। उन्होंने बताया कि ऐसे आवेदक जो ऑनलाइन माध्यम से आवेदन करने में सक्षम नहीं हैं, वे अपने आवेदन ऑफलाइन माध्यम से भी जमा करवा सकते हैं। ऑफलाइन आवेदन खंड विकास अधिकारी, एसडीएम, जिला परिवीक्षा अधिकारी, उप मुख्य परिवीक्षा अधिकारी के कार्यालय में जमा किए जा सकेंगे।


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