जीएमआर के धोखे से गयी युवा ठेकेदार की जान!

करोड़ो के घपले के मामले की 05 दिन में एफआर लगा पुलिस कटघरें में
फतेहपुर।


सूबे के पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह द्वारा पुलिस महकमे में भी भ्रष्टाचार की स्वीकारोक्ति जहां अहम है। वहीं इसकी शुरूआत एफआईआर की विवेचना से शुरू होती है लेकिन उनके मातहत इन सबसे बेखबर अपनी मनमानी लगातार कर रहें हैं। उन्हें किसी पीड़ित की आवाज सुनाई ही नहीं पड़ती है। ऐसा ही वाक्या जिले के महेश के साथ हुआ जो न्याय के लिए दो वर्षों से पुलिस प्रशासन के चक्कर लगाते रहे। सबसे बड़ी बात तब हुई जब पुलिस ने उनकी रिपोर्ट दर्ज करने के महज पांच दिन बाद ही उनसे बिना जानकारी किए फाइनल रिपोर्ट लगा दी। लगातार अवसाद रहने की वजह से सोमवार को उन्हें ब्रेन हेमरेज हुआ और फिर उनकी मृत्यु हो गई। उनके भाई अभय प्रताप सिंह ने इसका मुख्य कारण उनके भाई महेश प्रताप सिंह से लगातार हो रहे मानसिक उत्पीड़न बताया। उन्होंने कहा इसमें अनिल कुमार गुप्ता, उसका भाई राजेश और जीएमआर के कर्मचारी सीईओ अरुण शर्मा, वाइस प्रेसीडेंट रविशंकर जोनल गड्डा, पूर्व कर्मचारी अरविंद ठाकुर डायरेक्टर जीएम राव शामिल हैं। अभय ने ये भी बताया कि जब उनके भाई लंबे अरसे के बाद एफआईआर कराने जा रहे थे तो पूर्व डीआईजी (पुलिस) रतन कुमार श्रीवास्तव लगातार मेरे भाई और पुलिस पर दबाव बना रहे थे। इसके लिए वो 13 जून 2019 को फतेहपुर भी आए थे।
संतोष ने कहा दर्ज होना चाहिए गैर इरादतन हत्या का मुकदमा...ः सामाजिक कार्यकर्ता और नेता संतोष द्विवेदी ने इस पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच करा कर दोषियों पर गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज कराते हुए चार्जशीट लगाने की मांग की है। जीवित अवस्था में महेश प्रताप सिंह ने बातचीत करते हुए पूरा मामला बताया था। जीएमआर कम्पनी का काम करने वाली बाबा कंस्ट्रक्शन कम्पनी गुड़गांव के लेबर डिपार्टमेंट से रजिस्टर्ड एक फर्म थी। जिसके प्रोपराइटर रामकृष्ण सोनकर हैं। जिन्होंने 6 सितम्बर 2016 को फतेहपुर में जीएमआर कम्पनी से अर्थवर्क अर्थात रेलवे ट्रैक के नीचे मिट्टी के पैड बनाने का काम लिया था। इस काम के लिए रामकृष्ण ने अपनी कम्पनी में तीन लोगों के साथ मिलकर साझेदारी की थी। जिसमें अनिल कुमार गुप्ता पुत्र लक्ष्मी प्रसाद गुप्ता मूलनिवासी फतेहपुर, अस्थाई पता अलवर राजस्थान। राजेश कुमार गुप्ता पुत्र लक्ष्मी प्रसाद गुप्ता निवासी फतेहपुर और महेश प्रताप सिंह फतेहपुर के साथ मिलकर एक पार्टनरशिप डीड बनाई थी और जीएमआर में काम करने लगे थे लेकिन जब पेमेंट का समय आया तो बाबा कंस्ट्रक्शन का पेमेंट रोककर जीएमआर कंपनी ने कहा कि आपकी फर्म सेल टैक्स में रजिस्टर्ड नहीं है जिसकी वजह से आपका पेमेंट नहीं किया जा सकता है।
जीएमआर कम्पनी के द्वारा पेमेंट रोके जाने के कारण बाबा कंट्रक्शन कम्पनी ने फतेहपुर सेल टैक्स से अपना रजिस्ट्रेशन नए तरीके से कराया। इसबार महेश प्रताप सिंह इसके प्रोपराइटर बने और जीएमआर में सारे दस्तावेज लगाए गए। लेकिन जीएमआर कम्पनी ने पहले की बाबा कंस्ट्रक्शन कम्पनी के नाम का फायदा उठाते हुए महेश प्रताप सिंह को नया वर्क ऑर्डर नहीं दिया और काम पुरानी डीड के अनुसार चलता रहा। बाबा कंस्ट्रक्शन कम्पनी के नए प्रोपराइटर महेश प्रताप सिंह ने बताया था कि हमारे साथ काम करने वाले पार्टनर अनिल कुमार गुप्ता ने जीएमआर के कर्मचारियों के साथ मिलकर लगभग 1 करोड़ 62 लाख के आसपास की पेमेंट अपने निजी बचत खाते में करा लिया। जब मैंने इसकी शिकायत फतेहपुर मुरादीपुर स्थित जीएमआर कम्पनी में की तो डर के मारे कम्पनी ने आननफानन में बांकी का पेमेंट रोक दिया। तब तक मैंने 5 करोड़ के आसपास का काम कर लिया था। महेश प्रताप ने कहा कि अभी तक बाबा कंस्ट्रक्शन के खाते में जीएमआर की तरफ से एक भी रुपये का लेनदेन नहीं किया गया है, साथ ही कम्पनी का 5 करोड़ के आसपास का पैसा हेरा फेरी करके घोटाले की भेंट चढ़ गया है। उन्होंने कहा कि अनिल ने अपने भाई राजेश उर्फ राजू के साथ मिलकर सेल टैक्स में अधिकारियों के साथ मिलकर दस्तावेजों में भी हेराफेरी करके उनकी फर्म को प्रोपराइटर शिप से पार्टनरशिप करा लिया था और उसके बाद उसी के आधार पर महेंद्र फाइनेंस से एक डम्फर भी फाइनेंस कराया है। जब मैंने उच्चाधिकारियों से शिकायत की तो आननफानन में मेरी फर्म को फिर से प्रोपराइटरशिप में परिवर्तित किया गया। े कहा कि उस मामले की भी जांच हो रही है।


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