तेजस के यात्रियों को मिलेगी पानी की ’बायोडिग्रेडेबल’ बोतलें
लखनऊ।
देश की पहली निजी सेमी हाईस्पीड ट्रेन लखनऊ-दिल्ली तेजस एक्सप्रेस के यात्रियों को पेयजल की 'बायोडिग्रेडेबल' (नष्ट की जा सकनेवाली) बोतलें मिलेंगी।
आईआरसीटीसी के लखनऊ क्षेत्र के मुख्य क्षेत्रीय प्रबंधक (सीआरएम) अश्विनी श्रीवास्तव ने कहा कि तेजस एक्सप्रेस में प्रतिदिन लगभग 15,000 बोतलें अप और डाउन ट्रिप के दौरान दी जाएंगी। बोतलों को कुछ महीनों रखा जाएगा और यह परीक्षण किया जाएगा कि वे कितने दिन में नष्ट होती हैं। बोतलों को नियत रूप से नष्ट किया जाएगा। बायोडिग्रेडेबल बोतलों का निर्माण इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉर्पोरेशन (आईआरसीटीसी) के मुंबई बोटलिंग प्लांट में प्रयोगात्मक रूप से किया जा रहा था। रेलवे मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी आईआरसीटीसी पहली बार डिग्रेडेबल बोतलों को लाकर पर्यावरण के अनुकूल कदम उठा रहा है। पैकेज्ड पेजयल पॉलीथिलीन टेरेफ्थालेट (पीईटी) प्लास्टिक बोतल में बंद होता है और यह बोतल नॉन-बायोडिग्रेडेबल होती है। आईआरसीटीसी के अनुसार, भारत में एक अनुमान के तहत 10 लाख मीट्रिक टन पीईटी बोतलों में पैकेज्ड पेयजल, सॉफ्ट ड्रिंक, जूस इत्यादि बेचा जाता है।
आईआरसीटीसी के लखनऊ क्षेत्र के मुख्य क्षेत्रीय प्रबंधक (सीआरएम) अश्विनी श्रीवास्तव ने कहा कि तेजस एक्सप्रेस में प्रतिदिन लगभग 15,000 बोतलें अप और डाउन ट्रिप के दौरान दी जाएंगी। बोतलों को कुछ महीनों रखा जाएगा और यह परीक्षण किया जाएगा कि वे कितने दिन में नष्ट होती हैं। बोतलों को नियत रूप से नष्ट किया जाएगा। बायोडिग्रेडेबल बोतलों का निर्माण इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉर्पोरेशन (आईआरसीटीसी) के मुंबई बोटलिंग प्लांट में प्रयोगात्मक रूप से किया जा रहा था। रेलवे मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी आईआरसीटीसी पहली बार डिग्रेडेबल बोतलों को लाकर पर्यावरण के अनुकूल कदम उठा रहा है। पैकेज्ड पेजयल पॉलीथिलीन टेरेफ्थालेट (पीईटी) प्लास्टिक बोतल में बंद होता है और यह बोतल नॉन-बायोडिग्रेडेबल होती है। आईआरसीटीसी के अनुसार, भारत में एक अनुमान के तहत 10 लाख मीट्रिक टन पीईटी बोतलों में पैकेज्ड पेयजल, सॉफ्ट ड्रिंक, जूस इत्यादि बेचा जाता है।