वाणिज्‍य एवं उद्योग मंत्री भारत-स्‍वीडन संयुक्‍त आयोग की 19वीं बैठक में भाग लेने के लिए स्‍टॉकहोम के दौरे पर

वाणिज्य एवं उद्योग और रेल मंत्री श्री पीयूष गोयल ने कहा है कि भारत और स्‍वीडन के संबंध मजबूत हैं तथा वे क्षेत्रीय और अंतरराष्‍ट्रीय मंच पर बेहतरीन ढंग से सहयोग करते हैं। श्री पीयूष गोयल आर्थिक, औद्योगिक एवं वैज्ञानिक सहयोग के लिए भारत-स्वीडन संयुक्त आयोग की 19वीं बैठक में भाग लेने के लिए स्टॉ‍कहोम के दौरे पर हैं। दोनों देशों के बीच कारोबार तथा परस्‍पर लाभकारी समाधानों की दिशा में संयुक्‍त रूप से कार्य करने को बढ़ावा देने के लिए उनके साथ भारतीय उद्योगपतियों का एक शिष्‍टमंडल भी गया है।


 वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री ने इनवेस्‍ट एबी के अध्‍यक्ष जैकब वालनबर्ग द्वारा आयोजित दोपहर के भोजन पर स्वीडन सरकार के मंत्रियों और उद्योग जगत की हस्तियों के साथ बातचीत की। इस बैठक में स्वीडन के विदेश मंत्री, अवसंरचना मंत्री तथा ऑटोलिव, इपिरोक, हल्डेक्स जैसी कंपनियों के प्रतिनिधि और अन्य लोगों ने भाग लिया। इस बातचीत के माध्‍यम से कंपनियों को वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री के साथ बातचीत करने और भारतीय बाजार में अवसरों के बारे में चर्चा करने का अवसर प्राप्‍त हुआ।


पीयूष गोयल ने भारत-स्वीडिश साझेदारी की संभावनाओें पर प्रकाश डाला, जो दोनों देशों की  सरकारों के सहयोग से 1.3 बिलियन भारतीयों की मांगों को पूरा करते हुए उनके जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाने में समर्थ है।


वाणिज्‍य एवं उद्योग मंत्री ने स्‍वीडन के व्‍यापार, उद्योग और नवाचार मंत्री श्री इ‍ब्राहिम बेलान के साथ मुलाकात की और उन्‍हें आवास, विद्युत, रसोई गैस, सड़क संपर्क, अच्‍छी शिक्षा और स्‍वास्‍थ्‍य सेवाओं के बारे में भारत सरकार की योजनाओं की जानकारी दी। उन्‍होंने स्‍वीडिश पक्ष से अनुरोध किया कि वे भारतीय कंपनियों द्वारा अपनाए जा सकने वाले ज्‍यादा किफायती तकनीकी समाधानों की तलाश करें और जिससे स्‍वीडन की कंपनियों को अपने प्रचालन बढ़ाने में मदद मिल सके। उन्‍होंने स्‍वीडिश पक्ष को भरोसा दिलाया कि भारत बीटीआईए के लिए संतुलित निष्‍कर्षों के प्रति संकल्‍पबद्ध है, जो दोनों पक्षों के लिए परस्‍पर स्‍वीकृत भावी योजना है।


श्री बेलान ने भारत की ओर से प्रस्‍तुत किए जा रहे अवसरों का स्‍वागत किया और इस बात पर सहमति प्रकट की कि दोनों पक्षों को खुलेपन के परस्‍पर सिद्धांतों की दिशा में काम करना चाहिए और आपसी व्‍यापार को बढ़ावा देने में सहायता करनी चाहिए।


श्री पीयूष गोयल ने स्‍वीडन की विदेश व्‍यापार मंत्री सुश्री ऐना हालबर्ग से भी मुलाकात की। बैठक के दौरान उन्‍होंने बढ़ते द्विपक्षीय व्‍यापार और निवेश तथा दोनों देशों के मौजूदा संबंधों को बढ़ावा देने के महत्‍व को दोहराया। वाणिज्‍य एवं उद्योग मंत्री ने बताया कि भारत की मुक्‍त एफडीआई नीति स्‍वीडन के कारोबारियों के लिए भारत के स्‍थानीय और निर्यात बाजारों की आवश्‍यकताओं की पूर्ति करने के लिए अनुकूल वातावरण उपलब्‍ध कराती है। श्री पीयूष गोयल ने कहा कि प्रौद्योगिकी और नवाचार में स्‍वीडन की विशेषज्ञता- भारत की अवसंरचना विकास, स्‍मार्ट सिटी, स्‍वास्‍थ्‍य सेवा, ऊर्जा, स्‍मार्ट मोबिलिटी और परिवहन प्रणालियों से संबंधित योजनाओं के लिए समाधान प्रस्‍तुत करने की दिशा में अत्‍यंत महत्‍वपूर्ण साबित होंगी।


सुश्री हालबर्ग ने भारत के उत्‍साहजनक दृष्टिकोण की सराहना करते हुए कहा कि श्री पीयूष गोयल द्वारा की गई पेशकश के अनुरूप स्‍वीडन अगले पांच वर्षों में आपसी व्‍यापार को 5 बिलियन डॉलर तक ले जाने को लालायित है।


स्‍वी‍डिश रेलवे इकोसिस्‍टम के विभिन्‍न नेताओं ने भी वाणिज्‍य एवं उद्योग तथा रेल मंत्री के साथ एक गोलमेज बैठक में भाग लिया। इस बैठक में बॉम्बार्डियर, एरिक्सन, एसडब्‍ल्‍यूईआरआईजी (स्वीडिश रेल उद्योग समूह) और स्वीडिश ट्रांसपोर्ट एडमिनिस्ट्रेशन (ट्रैफिक वार्केत) ने भाग लिया। इन कंपनियों ने अपने द्वारा विकसित की जा रही नवीनतम तकनीकों और भारतीय संदर्भ में उनकी उपयेागिता के संबंध में प्रस्तुतियां दीं। स्वीडिश ट्रांसपोर्ट एडमिनिस्ट्रेशन ने स्वीडन में ईआरटीएमएस (यूरोपीय रेल यातायात प्रबंध प्रणाली) शुरू करने और स्वीडिश रेलवे के आधुनिकीकरण और निजीकरण से सीखे गए सबक के बारे में जानकारी दी। पीयूष गोयल ने सभी कंपनियों को भारतीय रेलवे के लिए ऐसी नई और नवीन प्रौद्योगिकियों के साथ आने के लिए आमंत्रित किया, जो किफायती हों और भारतीय रेलवे द्वारा अपनाई जा सकती हों।



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