इस साल पूरा फोकस बॉलीवुड पर करूंगी


बॉलीवुड फिल्म ‘कांची’ से डेब्यू करने के बाद ‘बेगम जान’, ‘ग्रेड ग्रैंड मस्ती और साउथ फिल्म इंडस्ट्री की पॉपुलर अभिनेत्री मिष्टी चक्रवर्ती फिल्म ‘मणिकर्णिकाः द क्वीन ऑफ झांसी’ में रानी लक्ष्मीबाई की बचपन की दोस्त काशी बाई के किरदार में नजर आएंगी। हाल ही में उनके साथ बातचीत के मुख्य अंश पेश हैं…
‘मणिकर्णिका’ में काम करने का अनुभव कैसा रहा और इस फिल्म में आप कौन सा किरदार निभा रही है?


बहुत ही अच्छा रहा क्योंकि हम सब जानते हैं कि रानी लक्ष्मीबाई का एक ऐसा कैरेक्टर है, जो हर भारतीय नागरिक के दिल से जुड़ा हुआ है। ऐसी फिल्म का हिस्सा होना मेरे लिए नहीं बल्कि किसी के लिए गर्व की बात होती है और इस फिल्म में जो मेरा किरदार है उसका नाम है काशीबाई। और वह ‘मणिकर्णिका’ की बचपन की सहेली थी। वह खुद रॉयल परिवार से बिलॉन्ग करती थी, लेकिन उन्होंने सब कुछ त्याग दिया और वह लक्ष्मीबाई के साथ उनके ससुराल भी आई और अंत तक साथ दिया।


सुभाष घई की फिल्म कांची से आपने बॉलीवुड में डेब्यू किया, उसके बाद जितनी भी फिल्में आपने की उनसे इस फिल्म में आपका किरदार कितना लंबा है?


‘मणिकर्णिका’ में मेरा जो किरदार है वह काफी लंबा है क्योंकि शुरू से है शूटिंग के शेड्यूल के मुताबिक तो मैं शुरू से हूं बाकी फिल्म देखने के बाद पता चलेगा।


किसी भी फिल्म में काम करने से पहले आपने कभी सोचा है कि रोल लंबा होना चाहिए या स्ट्रांग होना चाहिए?


रोल लंबा होना चाहिए या छोटा होना चाहिए इससे ज्यादा मैंने सोचा है कि अगर मैं 5 मिनट के लिए भी आऊं और लोग मुझे देखे और मेरे किरदार को याद रखें। आई जस्ट होप की इस फिल्म में परफॉर्मिंग का काफी सींस रखे हैं और जब देखे तब पता चलेगा इस बारे में।


‘मणिकर्णिका’ फिल्म को लेकर कुछ छोटे-मोटे विवाद सामने आए हैं, आपको लगता है इस फिल्म में ऐसी कोई विवादास्पद बात है?


जहां पर दस लोग काम कर रहे हैं या तो दस लोग एक ही चीज को लेकर बात कर रहे हैं। सबका न्यू्पॉइंट एक दूसरे से मिले हुए हैं तो कोई जरूरी नहीं है विवाद कभी भी हो सकता है वे कोई जरूरी बात नहीं है जरूरी यह है कि कैसे हम छोटी मोटी बातों से ऊपर उठकर कैसे हमने यह फिल्म बनाई और कैसे हमने दर्शकों के सामने प्रेजेंट करें बाकी विवाद तो होते रहते हैं आप काम करो वहां भी विवाद होते रहते हैं। इस में कोई बड़ी बात नहीं है। इसलिए लोगों को पता चलता है, लेकिन विवाद तो हर जगह पर होता है विवाद को लेकर मुझे नहीं लगता किसी को भी अपनी एनर्जी वेस्ट करनी चाहिए।


कभी आपको लगा है कि आपने अच्छी फिल्में मिस कर दी हैं?


बॉलीवुड में मैंने बहुत सारी फिल्में तो की नहीं है एक मैंने ‘कांची’ फिल्म की थी। कांची वोज वेरी गुड़ लांच और हर फिल्म में कुछ किस्मत लेकर आती है, सम हाउ इट वोज नॉट वर्किंग इन बॉक्स ऑफिस आफ्टर धेट आई केन बेगम जान और बेगम जान के बाद मेरी ‘मणिकर्णिका’ है और साउथ में भी लगातार काम करती रहती हूं और कांची के बाद मुझे साउथ में भी काफी ऑफर आने शुरू हो गए थे। साउथ में मैं काफी पॉपुलर हूं और वहां पर में चार लैंग्वेज में काम करती हूं, तो बॉलीवुड में कभी मुझे ऐसा लगता है कि थोड़ा सा और एक फोकस करना चाहिए था। इस साल पूरा फोकस में बॉलीवुड में करूंगी।


आपके करियर के उतार-चढ़ाव के बीच आपने कभी खुद के रूल्स बनाए हैं?


दरअसल में इतना नहीं सोचती हूं, भगवान की दया से मुझे कभी ज्यादा संघर्ष का सामना नहीं करना पड़ा। क्योंकि मेरी पहली फिल्म ही है सुभाष घई जी के साथ थी,भले ही वह फिल्म कुछ खास बॉलीवुड में कमाल नहीं कर पाई फिर भी मुझे ज्यादा प्रॉब्लम फेस नहीं करना पड़ा, लेकिन संघर्ष तो हर किसी के जीवन में रहता है उसको मैं कभी भी हाईलाइट करना जरूरी नहीं समझती।


फ्यूचर प्लान आपने क्या किया है?


मैं कोई फ्यूचर प्लान नहीं करती हूं, जो भी ऑफर आ रहे हैं उसे में कंसल्टेंट कर रही हूं।


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