प्रयागराज के प्रमुख मंदिर



प्रयागराज में कुंभ पर्व की शुरुआत हो गई है। इसमें शामिल होने और संगम में आस्था की डुबकी लगाने के लिए न केवल पूरे देश बल्कि विदेश से भी लोग पहुंचते हैं। प्रयागराज में संगम के अलावा भी कई ऐसे प्राचीन मंदिर हैं, जिनके दर्शन आपको जरूर करने चाहिए। प्रयागराज को तीर्थराज के नाम से भी जाना जाता है। यहां के तीर्थ स्थल अंगुलियों पर गिनने मुश्किल हैं, लेकिन कुछ ऐसे स्थल हैं, जहां आपको जरूर जाना चाहिए। तीर्थों में प्रमुख प्रयागराज का महत्त्व ऋग्वेद काल से ही बना हुआ है। पवित्र गंगा और यमुना नदी के संगम तट पर बसे इस शहर की महिमा का वर्णन महाभारत, अग्निपुराण, पद्मपुराण और सूर्यपुराण में मिलता है। आइए जानते हैं प्रयागराज के कुछ महत्त्वपूर्ण मंदिरों के बारे में।


अक्षय वट- हिंदू धर्म के प्रमुख चार बरगद के वृक्षों में से एक अक्षय वट प्रयाग के पातालपुरी में स्थित है। प्रयाग में अक्षयवट, मथुरा-वृंदावन में वंशीवट, गया में गयावट जिसे बौधवट भी कहा जाता है और उज्जैन में पवित्र सिद्धवट है। पातालपुरी मंदिर के भीतर स्थित इस अक्षय वट को अमर वृक्ष भी कहते हैं। इसी के पास एक अशोक वृक्ष भी है।


बड़े हनुमान जी या लेटे हनुमान जी का मंदिर- ॒ संगम किनारे हनुमान जी का एक अनूठा मंदिर है। इस मंदिर में बजरंग बली की लेटी हुई प्रतिमा की पूजा की जाती है। ऐसी मान्यता है कि हर साल बारिश के समय में गंगा जी का जल किनारों को पार करते हुए इस मंदिर तक आता है और हनुमान जी के चरणों का स्पर्श करने के बाद बाढ़ का पानी आगे नहीं बढ़ता और वहीं से लौटने लगता है।


मनकामेश्वर मंदिर- यमुना किनारे भगवान शिव का मनकामेश्वर मंदिर हजारों साल पुराना है इसका उल्लेख पुराणों में भी किया गया है। मंदिर के बारे में ऐसी मान्यता है कि सावन माह के हर सोमवार को जहां जलाभिषेक और पूजा-अर्चना करने से श्रद्धालुओं की हर मनोकामना पूर्ण होती है।


शंकर विमान मंडपम- यहां दक्षिण शैली में बना 130 फुट ऊंचा शंकर विमान मंडपम भी बहुत प्रसिद्ध है। ऐसी मान्यता है कि आदि गुरु शंकराचार्य से प्रसिद्ध दर्शनशास्त्री कुमारिल भट्ट की मुलाकात यहीं हुई थी। इसी भेंट को अमर करने के लिए इस मंदिर को बनाया गया।


भारद्वाज मुनि का आश्रम- इलाहाबाद के मौहल्ले कर्नलगंज में ऋषि भारद्वाज का आश्रम है। जब वर्तमान संगम का बांध नहीं बना था, तो गंगा यमुना का संगम यहीं हुआ करता था। यहां कई देवी-देवताओं के मंदिर हैं।


सोमेश्वर मंदिर- प्रयाग के यमुना तट पर स्थित भगवान शिव का सोमेश्वर मंदिर 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। मान्यता है कि भगवान शंकर के कहने पर चंद्रमा ने यहां भगवान शिव की स्थापना की थी। मंदिर के आसपास अमृत की वर्षा होती है और मंदिर पर विराजित त्रिशूल की दिशा भी चंद्रमा के साथ बदलती है।


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