अक्तूबर तक आतंक की ग्रे लिस्ट में ही रहेगा


नई दिल्ली


पुलवामा हमले के बाद पाकिस्तान के खिलाफ पूरी दुनिया में अभियान चला रहे भारत के लिए पेरिस से खुशखबरी आई है। दुनिया भर में आतंकी फायनांसिंग को रोकने के लिए काम करने वाली संस्था फायनांशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) ने पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में बरकरार रखा है। यह फैसला इस साल अक्तूबर तक जारी रहेगा। यदि इस दौरान पाकिस्तान अपने रवैये में बदलाव करता है तो उसे हटाने पर विचार किया जा सकता है। एफएटीएफ की सालाना मींटिग में यह फैसला लिया गया। पाकिस्तान ने गुरुवार शाम को आखिरी वक्त में हाफिज सईद के आतंकी संगठनों जमात-उद-दावा और फलाह-ए-इनसानियत को बैन कर आतंक के खिलाफ कार्रवाई का मैसेज देने का प्रयास किया था, लेकिन पाक का यह दांव भी काम नहीं आ सका। पुलवामा में सीआरपीएफ पर पाक में सक्रिय आतंकी संगठन की ओर से हमला किए जाने के बाद भारत ने भी कहा था कि उसे इस लिस्ट से हटाया नहीं जाना चाहिए। यहां तक कि भारत ने पाकिस्तान को ब्लैकलिस्ट में डालने की मांग की गई थी, लेकिन इस संबंध में उसे राहत दे दी गई। एफएटीएफ ने कहा कि अक्तूबर, 2019 तक यदि पाकिस्तान उसकी 27 मांगों पर काम नहीं करता है तो उसे ब्लैकलिस्ट कर दिया जाएगा।


क्या होती है ग्रे लिस्ट


एफएटीएफ पेरिस स्थित अंतर सरकारी संस्था है। एफएटीएफ की ग्रे या ब्लैक लिस्ट में डाले जाने पर देश को अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं से कर्ज मिलने में काफी कठिनाई आती है। आतंकवादी संगठनों की फायनांसिंग के तरीकों पर लगाम न कसने वाले लोगों को इस लिस्ट में डाला जाता है।


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