दर्द और जकड़न को दूर करे कच्ची हल्दी
सर्दियों में जोड़ों की समस्या बहुत अधिक बढ़ जाती है। दर्द और जकड़न से अकसर लोग परेशान रहते हैं। जिन लोगों को जोड़ों में दर्द की समस्या होती है, उनके जोड़ों में सूजन और नसों में सिकुड़न आने के कारण सर्दी का मौसम बेहद कष्टदायी बन जाता है। कई बार तो दर्द इतना भयानक होता है कि पेनकिलर लेना बहुत जरूरी हो जाता है।
अगर सर्दी में जोड़ों में दर्द की समस्या आपको भी परेशान करती है, तो सर्दियों में आने वाली कच्ची हल्दी दर्द और जकड़न को दूर करने में आपकी मदद कर सकती है। गुणों से भरपूर हल्दी से आज लगभग हर कोई परिचित है। हल्दी के बिना भारतीय आहार की कल्पना भी नहीं की जा सकती है।
चटक पीले रंग के कारण हल्दी भारतीय केसर के नाम से भी प्रसिद्ध है। हल्दी का उपयोग पाचन तंत्र को सुधारने और सूजन कम करने में हजारों सालों से उपयोग किया जा रहा है।
इसमें पाया जाने वाला करक्यूमिन नामक तत्त्व कैंसर रोग से लड़ने में मददगार होता है, लेकिन सर्दियों के मौसम में हल्दी की जगह हल्दी की गांठ यानी कच्ची हल्दी का उपयोग सबसे अधिक लाभदायक होता है और यह समय हल्दी से होने वाले फायदों को कई गुना बढ़ा देता है क्योंकि कच्ची हल्दी में हल्दी पाउडर की तुलना ज्यादा गुण होते हैं।
कच्ची हल्दी अदरक की तरह दिखाई देती है। इसे जूस में डालकर, दूध में उबालकर, चटनी बनाकर और सूप में मिलाकर उपयोग किया जा सकता है। कच्ची हल्दी में सूजन को रोकने का खास गुण होता है।
इसका उपयोग जोड़ों के दर्द से परेशान लोगों को अत्यधिक लाभ पहुंचाता है। यह शरीर के प्राकृतिक सैल्स को खत्म करने वाले फ्री रेडिकल्स को खत्म करती है और जोड़ों के दर्द में लाभ पहुंचाती है।
गुणों की खान कच्ची हल्दी में ऐसा तत्त्व पाया जाता है जो लंबे समय के दर्द से छुटकारा दिलाता है। इसके अलावा यह जोड़ों और मांसपेशियों में लचीलापन लाता है, जिससे जोड़ों का दर्द कम हो जाता है।
रात को सोते समय हल्दी की कच्ची गांठ को एक गिलास दूध में उबालें। आप चाहे तो फ्लेवर के लिए थोड़ी सी इलायची भी मिला सकते हैं। थोड़ा ठंडा होने पर इसे पी लें।
आस्टियोपोरोसिस जैसे रोगों में सुबह खाली पेट एक गिलास गर्म दूध में थोड़ी सी हल्दी की गांठ मिलाकर पीने से गठिया के दर्द में राहत मिलती है।