गांधी जी हमेशा प्रासंगिक रहेंगे: लाल जी टण्डन

बेहतर शिक्षा का माहौल बनाने के लिए हमेशा प्रतिबद्ध रहेंगे: मौलाना यासूब अब्बास
शिया कालेज में ‘महात्मा गांधी: कल और आज’ विषयक दो दिवसीय सेमिनार शुरू



लखनऊ।


महात्मा गांधी जी केवल भारत के लिए ही नहीं, बल्कि सारी दुनिया के लिए कल भी प्रासंगिक थे और आज भी प्रासंगिक है। भविष्य में भी उनकी प्रासंगिकता बनी रहेगी। देश जिन मुुश्किलांें के दौर से गुजर रहा है, उसका बेहतर निदान गांधी जी के विचारों से ही संभव होगा। उक्त बातें बिहार राज्य के राज्यपाल माननीय लाल जी टण्डन ने कही। वे शिया पीजी कालेज में ‘महात्मा गांधी: कल और आज’ विषय पर आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार के उद्घाटन अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे।
श्री टण्डन ने कहा कि गांधी जी ने हमेशा शिक्षा की वकालत की। जब उनसे आजादी और शिक्षा में किसी एक विषय को चुनने को कहा गया तो उन्होंने शिक्षा का पक्ष लिया। गांधी जी का मत था कि अच्छी शिक्षा के बलबूते आजादी समेत दुनिया की सभी ऊचाईयों को प्राप्त किया जा सकता है। उन्होंने शिया कालेज प्रबंधन की तारीफ करते हुए याद दिलाया कि यह कालेज पूर्व में अपनी अव्यवस्थाओं के लिए जाना जाता था, लेकिन जिस तरह से यहां पठन-पाठन का बेहतर माहौल बना है उसे देखकर अब अच्छा लग रहा है। प्रबंधन को अब इसे डीम्ड विश्वविद्यालय बनाये जाने की तरफ विचार करना चाहिये, जिसमें हमारा पूरा सहयोग रहेगा।
इस अवसर पर मजलिस-ए-उलेमा के सचिव मौलाना यासूब अब्बास ने कहा कि हमारा प्रयास बेहतर और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने की है। इसके लिए वह शिया कालेज की हर जरूरत को पूरा करने में लगे हुए है। संगोष्ठी के मुख्य वक्ता प्रो0 सुन्दर लाल, पूर्व कुलपति पूर्वांचल विश्वविद्यालय ने कहा कि गांधी जी का मंत्र था कि जब आप मुश्किल में हो तो उस शख्स को याद कर लीजिये, जो आपके अनुसार सबसे निरीह और कमजोर हो। आपकी मुश्किल तुरन्त कम हो जायेगी और उससे लड़ने की क्षमता आप में अपने आप आ जायेगी। सेमिनार को इग्नू नई दिल्ली में इतिहास विभाग के प्रो0 रवीन्द्र कुमार, जामिया मिलिया में इतिहास के प्रो0 अजीजुद्दीन, हिन्दी के प्रो0 असगर वजाहत, शिया कालेज प्रबंध समिति के प्रबंधक सै0 अब्बास मुर्तुजा शम्सी आदि ने भी संबोधित किया। प्राचार्य डॉ. तलत हुसैन नकवी ने आये हुए अतिथियों का स्वागत करते हुए महाविद्यालय द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में किये जा रहे प्रयासों का उल्लेख किया। उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता कालेज प्रबंध समिति के प्रेसीडेन्ट प्रो. अजीज हैदर ने की, जबकि संचालन लखनऊ विश्वविद्यालय के ऊर्दू विभाग के अध्यक्ष प्रो. अब्बास रजा नैयर ने किया।
महाविद्यालय के के-हाल में आयोजित इस सेमिनार के द्वितीय तकनीकी सत्र में विभिन्न स्थानों से आये हुए प्रतिभागियों ने अपने शोध पत्र प्रस्तुत किये। सेमिनार के संयोजक डॉ. सरताज शब्बर रिजवी ने बताया कि शुक्रवार को भी शोध पत्र प्रस्तुत किये जायेंगे और उसके बाद समापन सत्र आयोजित होगा।


Popular posts from this blog

भारत विदेश नीति के कारण वैश्विक शक्ति बनेगा।

स्वरोजगारपरक योजनाओं के अंतर्गत ऑनलाइन ऋण वितरण मेले का किया गया आयोजन

बांसडीह में जाति प्रमाण पत्र बनाने को लेकर दर्जनों लोगों ने एसडीएम को सौपा ज्ञापन