कुलभूषण जाधव मामले में पाक को बड़ा झटका, आईसीजे ने ठुकराई पाक की मांग



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अंतरराष्ट्रीय अदालत (आईसीजे) ने नए तदर्थ न्यायाधीश नियुक्ति की तक कुलभूषण जाधव के मामले की सुनवाई स्थगित करने की पाकिस्तान की गुजारिश को मंगलवार को ठुकरा दिया . जम्मू कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के मध्य तनाव के बीच जाधव मामले की चार दिवसीय सुनवाई सोमवार को यहां आईसीजे के मुख्यालय में शुरू हुई.
पाकिस्तान स्थित जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादियों के हमले में 41 सीआरपीएफ के जवान शहीद हो गए. पाकिस्तान आज अपना पक्ष रख रहा है. उसने एक तदर्थ न्यायाधीश की बीमारी का हवाला देकर अंतरराष्ट्रीय अदालत से मामले की सुनवाई स्थगित करने को कहा. आईसीजे में पाकिस्तान के तदर्थ न्यायाधीश तस्सदुक हुसैन जिलानी को सुनवाई से पहले दिल का दौरा पड़ गया. पाकिस्तान की नुमाइंदगी कर रहे अटॉर्नी जनरल अनवर मंसूर खान ने सुनवाई की शुरुआत में कहा, ‘‘ हम अपने अधिकार लागू किए जो हमें एक तदर्थ न्यायाधीश नियुक्त करने का हक देता है.'

उन्होंने कहा, ‘‘ चूंकि इस वक्त हमारा न्यायाधीश होना जरूरी है. पाकिस्तान अदालत से कहना चाहेगा कि एक अन्य न्यायाधीश को शपथ लेनी चाहिए जिसकी व्यवस्था अनुच्छेद 35-5 में दी गई है और न्यायाधीश को दलीलों के साथ आगे बढ़ने से पहले जानकारी का अवलोकन करने का भरपूर वक्त दिया जाए.'

अंतरराष्ट्रीय अदालत ने पाकिस्तान की अर्जी को स्वीकार करने से इनकार कर दिया और देश से तदर्थ न्यायाधीश की गैर मौजूदगी में ही दलीलें जारी रखने को कहा. सुनवाई के पहले दिन भारत ने आईसीजे से जाधव की मौत की सजा को बदलने और उनकी तुरंत रिहाई का आदेश देने का अनुरोध किया.

भारत ने कहा कि सैन्य अदालत का फैसला ‘हास्यास्पद मामले' पर आधारित है जो वाजिब प्रक्रिया के न्यूनतम मानकों को भी पूरा नहीं करता है. जाधव भारतीय नौसेना से सेवानिवृत्त अधिकारी हैं. उन्हें बंद कमरे में सुनवाई के बाद अप्रैल 2017 में ‘जासूसी और आतंकवाद' के आरोप में एक सैन्य अदालत ने मौत की सजा सुनाई थी.


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