मधुमेह को नियंत्रण में रखने के लिए क्या खाये, क्या नहीं ?


जहाँ आधुनिक जीवनशैली और सुख सुविधाओं ने जीवन को आसान बना दिया है, वहीं ये अपने साथ कुछ ऐसी बीमारीओं को भी ले कर आई है जो एक बार जकड़ ले तो वे सही होने का नाम नहीं लेती हैं | अपने खान-पान और जीवनशैली में परिवर्तन करके इन बीमारीओं को नियंत्रित किया जा सकता है |


डायबिटीज और ब्लड प्रेशर दो ऐसी बीमारियां हैं, जो आर्थिक रूप से समृद्ध लोगों को ज्यादा होती हैं | मधुमेह से पीड़ित लोगों में दिल का दौरा पड़ने और मानसिक स्वास्थ्य बिगड़ने का जोखिम दोगुना होता है लेकिन अच्छी खबर यह है कि टाइप 2 मधुमेह के अधिकांश मामलों में मधुमेह को नियंत्रित किया जा सकता है । अपने मधुमेह को नियंत्रित करने के लिए कदम उठाने का मतलब भूखे रहना नहीं है, बल्कि इसका मतलब है कि संयम में भोजन करना और सही संतुलन बनाए रखना । जीवनशैली में कुछ बदलाव और अपने आहार में बदलाव लाकर इन बीमारियों पर लगाम लगाई जा सकती है, जिससे दवाओं पर निर्भरता कम हो सकती है । यहां हम आपके लिए कुछ आहार टिप्स लेकर आए हैं जो आपकी भूख को मिटाने के साथ-2 मधुमेह को नियंत्रण में भी रखेंगे |
लेकिन दोस्तों, आगे बढ़ने से पहले जान ले कि अगर आप मधुमेह रोगी हैं तो भी आपके शरीर को आवश्यक पोषण किसी अन्य सामान्य व्यक्ति (जो मधुमेह से पीड़ित न हो) जितना ही चाहिए । इसलिए, आपको कुछ विशेष उपभोग करने की आवश्यकता नहीं है, हालांकि आपको अपने द्वारा सेवन की जाने वाली कैलोरी का ध्यान रखने की आवश्यकता है । भोजन में आपको क्या लेना है क्या नहीं यह बात ज्यादा मायने रखती है |


आइए देखें कि मधुमेह को नियंत्रित करने में कौन से खाद्य पदार्थ हमारी मदद कर सकते हैं:-
मधुमेह को नियंत्रण में रखे दालें, अनाज, उच्च फाइबर खाद्य पदार्थ:-

मधुमेह से पीड़ित लोगों को अपने दैनिक आहार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा दालों के रूप में ग्रहण करना चाहिए । दालों में मौजूद कार्बोहाइड्रेट्स अन्य स्रोतों से प्राप्त कार्बोहाइड्रेट्स की तरह रक्त को प्रभावित नहीं करते हैं । दालें भी प्रोटीन का एक बहुत समृद्ध स्रोत हैं ।


चना दाल का सेवन मधुमेह को कम करने के लिए : – चना और चना दाल मधुमेह रोगियों के लिए बहुत अच्छा भोजन माना जाता है । कभी भी भूख लगने पर भुने चनों का सेवन किया जा सकता है । रात को चने भिगो कर रख दे और सुबह नाश्ते में दूध के साथ खाएं । यहां तक ​​कि बेसन की रोटी खाना भी फायदेमंद है । अगर आप खाली बेसन नहीं खाते हैं, तो बेसन में गेहूं का आटा मिलाकर खाएं ।
दलिया का सेवन मधुमेह को कम करने के लिए : – दलिया में मैग्नीशियम की भरपूर मात्रा होती है | दलिया में मौजूद मेगनीज इंसुलिन के बनने में मददगार होता हैं | रोजाना दलिया का सेवन करने से डायबिटीज होने की आशंका काफी हद तक कम हो जाती है | जो लोग चावल खाना अधिक पसंद करते है वे चावल के बजाय सब्जियों के साथ मिलाकर बनाया हुआ नमकीन दलिया खाएं । चावल खाने की इच्छा भी पूरी होगी और पौष्टिकता भी पूरी होगी ।
मेथी का सेवन मधुमेह को कम करने के लिए : – मेथी का सेवन डायबिटीज में भी फायदेमंद है । रात भर भिगोए गए मेथी के बीजो को सुबह खाली पेट अच्छे से चबा-२ कर खा ले और ऊपर से वही पानी पी ले । एक अन्य तरीके के अनुसार मेथी के बीजों का पाउडर बनाएं और एक चम्मच चूर्ण का सेवन खाली पेट पानी के साथ करे । शुगर कंट्रोल करने में मदद मिलेगी ।
दालों से बनी इडली है मधुमेह में फायदेमंद : – 1 कप मूंग दाल, आधा कप उड़द दाल, आधा कप चना इडली के लिए लें। उन्हें रात में भिगो दें। सुबह पीसकर खमीर उठाएं। नमक, जीरा, हरा धनिया और हरी मिर्च डालें और इडली के सांचे में पकाएं । पौष्टिक इडली तैयार है । इससे पेट और दिल भी भरेगा और पोषण भी मिलेगा ।
पौष्टिक परांठा का सेवन मधुमेह को कम करने के लिए : – अगर आप परांठा खाना चाहते हैं, तो परांठे बनाते समय आटे में पालक, बथुआ, मेथी के पत्ते डालकर परांठे पकाये । आप चाहें तो फूलगोभी या मूली को कद्दूकस कर लें, आटा गूंथ लें और पराठा पकाये और खाएं ।
मधुमेह में कौन से फल खाने चाहिए ?
बहुत से लोग मानते हैं कि मधुमेह से पीड़ित लोगों को फलों का सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि वे मीठे होते हैं । हालांकि यह सच है लेकिन सभी फलों के लिए नहीं । आम, अंगूर और केला जैसे कुछ फलों में उच्च मात्रा में शुगर होती है और इसका सेवन नहीं करना चाहिए । लेकिन पपीता, नाशपाती, सेब, अमरूद और नारंगी जैसे फल फाइबर में उच्च हैं और इसका सेवन किया जा सकता है ।


जामुन : – जामुन को मधुमेह का फल माना जाता है । जामुन, जामुन की गुठली, जामुन की छाल सभी मधुमेह में फायदेमंद हैं । जामुन के मौसम में जामुन जिस भी दिन उपलब्ध हो, खूब खाएं । जामुन की गुठली को फेंके नहीं, उन्हें धो लें और उन्हें सूखा कर पीस लें । उसका दो चम्मच चूर्ण सुबह पानी के साथ 3 सप्ताह तक लेने से मधुमेह में लाभ होता है|। यह रक्त यानि खून में शक्करा की मात्रा को नियंत्रित करता है | जामुन को रोजाना खाने से मूत्र में शक़्कर का आना कम होता है ।
आंवला : – आंवला का सेवन मधुमेह रोगियों के लिए भी फायदेमंद है । आंवला कच्चा भी खा सकते हैं और धनिया, पुदीना के साथ पीसकर चटनी के रूप में भी खा सकते हैं । आंवला आँखों के साथ-साथ मधुमेह में भी लाभ पहुंचाता है ।
सेब :- मधुमेह के रोगियों के लिए सेब बहुत अच्छा फल है। एक अध्ययन के अनुसार, सेब में ऐसे एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करते हैं और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते हैं। साथ ही यह टाइप 2 मधुमेह से बचाता है ।
एवोकाडो :- एवोकैडो शरीर में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित रखता है और इसे हृदय की समस्या से बचाता है। एक अध्ययन में पाया गया कि एवोकैडो में गुड कोलेस्ट्रॉल होता है, जो टाइप 2 मधुमेह के बढ़ने की संभावना को 25 प्रतिशत तक कम करता है ।
खरबूज :- तरबूज और तरबूज दोनों ही विटामिन सी और एंटीऑक्सीडेंट जैसे पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं | खरबूजे में विटामिन ‘ए’ भी होता है, जो आँखों को स्वस्थ बनाये रखने में फायदेमंद होता है |
संतरा-नारंगी : – मधुमेह रोगी संतरे और नारंगी का सेवन कर सकते हैं । घर पर निकला हुआ संतरे और नारंगी का तजा जूस भी मधुमेह के रोगिओं के लिए फायदेमंद होता है |
उच्च फाइबर सब्जियां का सेवन मधुमेह को कम करने के लिए :-
ब्रोकोली, बीन्स, पालक, मटर और पत्तेदार सब्जियां निश्चित रूप से दैनिक आहार में शामिल होनी चाहिए । फाइबर आपको पूर्ण और संतुष्ट महसूस करने में मदद कर सकता है, और रक्त शर्करा के स्तर को समान्य करने में मदद कर सकता है । आप नहीं जानते तो बता दे की मधुमेह से पीड़ित लोगो को दिल की बीमारिया होने की सम्भावना बहुत ज्यादा होती है | ऐसे में फाइबर से भरपूर खाद्य पदार्थ आपके लिए फायदेमंद सिद्ध होते है और उसका कारण है फ़ाइबर की कोलेस्ट्रॉल और रक्तचाप के स्तर को कम करने की क्षमता, जो की हृदय के स्वास्थ्य को सुधारने का एक शानदार तरीका है ।


 करेला का सेवन मधुमेह को कम करने के लिए :- करेले को इसके कड़वे स्वाद से पहचाना जाता है लेकिन मधुमेह रोगियों के लिए करेले का सेवन बहुत फायदेमंद होता है। करेले के मौसम में जितना हो सके उतना करेले का सेवन करना चाहिए | 15 ग्राम करेले को 100 ग्राम पानी में मिलाकर रोगी को पिलाने से बहुत लाभ होता है ।
नए शोध के अनुसार, रोगी के लिए उबले हुए करेले का रस अधिक फायदेमंद होता है । बंद कुकर में करेले को उबालें नहीं बल्कि करेले को छोटे टुकड़ों में काटकर लगभग 15 मिनट के लिए धीमी आंच पर उबालें । ठंडा होने पर रस को कपड़े से छानकर रोगी को पिलाएं।
टमाटर का सेवन मधुमेह को कम करने के लिए : – टमाटर मधुमेह के रोगियों के लिए फायदेमंद है । मूत्र में शक्कर का आना इसके नियमित सेवन धीरे-धीरे कम हो जाता है । रोज सुबह खाली पेट नमक और काली मिर्च के साथ टमाटर का रस मधुमेह को नियंत्रित करने में मदद करता है ।
मशरूम का सेवन मधुमेह को कम करने के लिए : – मशरूम में अधिक प्रोटीन होता है, लेकिन स्टार्च की कमी के कारण मधुमेह के रोगी इसका सेवन करने के लिए स्वतंत्र हैं ।
खीरा का सेवन मधुमेह को कम करने के लिए : – मधुमेह के रोगी अक्सर भूख महसूस करते हैं, लेकिन एकसाथ अधिक भोजन उनके स्वास्थ्य के लिए उचित नहीं है । ऐसी स्थिति में, जब दो भोजन के बीच उन्हें भूख महसूस हो, तो वे खीरे का सेवन कर सकते है । खीरा पेट भी भरता है और नुकसान भी नहीं करता है ।
दालचीनी का सेवन मधुमेह को कम करने के लिए :-
दालचीनी घर पर मधुमेह के उपचार का एक प्रभावी तरीका है । यह सुगंधित मसाला कोलेस्ट्रॉल को कम करने और रक्त शर्करा को नियंत्रण में रखने के लिए काफी प्रभावशाली रूप से कार्य करता है | खाली पेट गर्म पानी के साथ दालचीनी पीने से चयापचय बढ़ाने में मदद मिलती है । दालचीनी का एक फायदा यह भी है की यह आपके भोजन में चीनी या नमक को मिलाये बिना आपके भोजन के स्वाद को बढ़ाता है |


ओमेगा 3 फैटी एसिड का सेवन मधुमेह को कम करने के लिए :-
मोनो संतृप्त वसा (Mono Saturated Fat) शरीर के लिए अच्छे हैं। क्योंकि संतृप्त वसा रक्त कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ाती है ।


भोजन करने का तरीका मधुमेह को कम करने के लिए :-
बड़े भोजन यानि एक साथ अधिक मात्रा में भोजन करने से रक्त में शर्करा का स्तर को बढ़ जाता हैं और इसलिए छोटे भोजन मतलब जब भी भूख लगे तो थोड़ी मात्रा में भोजन लेने की सिफारिश की जाती है। छोटे स्नैक जो आप बीच में ले सकते हैं, ढोकला, मक्खन दूध, दही, पोहा, दूध, उपमा, फल, सलाद आदि हो सकते हैं।


क्या न खाएं:-
चावल, मिठाई, लस्सी, शकरकंद, आलू, अरबी, केला, आम, लीची, आइसक्रीम, केक, पेस्ट्री आदि से परहेज़ रखें। साथ ही


खाने में ज्यादा नमक न खाएं।
शराब, चीनी युक्त पेय, कोल्डड्रिंक का सेवन न करें।
बहुत अधिक कॉफी न पिए।
मिठाई, मीठी लस्सी, अधिक चीनी का सेवन न करें।
बहुत अधिक तला हुआ या तैलीय भोजन न करें।
चिंता से भी दूर रहने की कोशिश करें।
नियमित रहें: –


सोने और पीने के लिए समय सुनिश्चित करें। नियमित योगाभ्यास करें। सुबह और शाम को लंबी सैर पर निकलें । खुद को बीमार न समझें । अगर आप आत्मविश्वास के साथ जीवन जीते हैं तो बीमारी आपके जीवन से दूर हो जाएगी ।


Popular posts from this blog

भारत विदेश नीति के कारण वैश्विक शक्ति बनेगा।

स्वरोजगारपरक योजनाओं के अंतर्गत ऑनलाइन ऋण वितरण मेले का किया गया आयोजन

बांसडीह में जाति प्रमाण पत्र बनाने को लेकर दर्जनों लोगों ने एसडीएम को सौपा ज्ञापन