महिलाओं को क्यों होती है थाइराइड की समस्या




थाइराइड ग्लैंड में हार्मोन का संतुलन बिगड़ जाने के कारण यह समस्या होती है। बढ़ती उम्र के साथ महिलाओं में थाइराइड का खतरा भी बढ़ जाता है। ऐसे में उन्हें इसके बारे में पूरी जानकारी होना बहुत जरूरी है…





थाइराइड की समस्या आजकल आम सुनने को मिल रही है, हालांकि पुरुषों की बजाय महिलाएं इसकी ज्यादा शिकार होती हैं। थाइराइड ग्लैंड में हार्मोन का संतुलन बिगड़ जाने के कारण यह समस्या होती है। बढ़ती उम्र के साथ महिलाओं में थाइराइड का खतरा भी बढ़ जाता है। ऐसे में उन्हें इसके बारे में पूरी जानकारी होना बहुत जरूरी है।


क्या होती है थाइराइड की समस्या- शरीर में थाइराइड एक ग्रंथि है, जिससे थायोराइक्सिन टी-4 ट्रिडोथारोनाइन टी-3 हार्मोंस स्रावित होते हैं। ये हार्मोंस शरीर की एनर्जी को कंट्रोल करके ब्लड सर्कुलेशन, सांस लेने और डाइजेशन जैसी जरूरी क्रियाओं में मदद करते हैं। इस ग्रंथि में खराबी आ जाने के कारण थाइराइड की शिकायत हो जाती है।


महिलाएं क्यों रहें अलर्ट- महिलाओं में हाइपरथाइराइडिज्म की बीमारी सामान्य तौर पर देखी जाती है, जिसके कारण महिलाओं को ब्लीडिंग और पीरियड की अनियमितता की शिकायत भी हो जाती है। कई बार तो इसके कारण महिलाओं में बांझपन की समस्या भी पैदा हो जाती है। हाइपरथाइराइड के कारण वजन भी कम होने लगता है।


महिलाओं को नौ गुना ज्यादा खतरा- स्टडी के मुताबिक, पुरुषों की तुलना में महिलाओं को थाइराइड होने की आशंका नौ गुना अधिक होती है। थाइराइड ग्रंथि में इन हार्मोंस के कम या अधिक बनने पर दिक्कतें शुरू होती हैं। इनके कम बनने से शरीर में शिथिलता आ जाती है। ऐसे में जरूरी है कि एक उम्र के बाद रेगुलर चैकअप करवाते रहें।


थाइराइड के कारण- महिलाओं को थाइराइड की समस्या कार्बोहाइड्रेट्स का सेवन न करने, ज्यादा नमक या सी फूड खाने और हाशिमोटो रोग के कारण हो सकती है। इसके अलावा शरीर में आयोडीन और विटामिन बी12 के कमी कारण भी महिलाओं में थाइराइड का खतरा बढ़ जाता है।


थाइराइड की शुरुआत है वजन बढ़ना या घटना- थाइराइड ग्रंथि से मैटाबॉलिज्म रेट बहुत ज्यादा प्रभावित होता है, जिसकी वजह से भोजन पूरी तरह एनर्जी में नहीं बदल पाता। वसा शरीर में जमा होने के कारण वजन बढ़ने लगता है। कुछ लोगों पर इसका उलट प्रभाव होने के कारण तेजी से वजन घटना शुरू हो जाता है। ऐसे में अगर अचानक वजन कम या ज्यादा होने लगे, तो डाक्टर से इसका चैकअप करवाएं।


बीमारी के लक्षण-  अगर आपको कमजोरी, थकान लगना, डिप्रेशन, तनाव, नींद न आना, सिर दर्द या गर्दन में दर्द हो तो यह थाइराइड का संकेत है। महिलाओं में अनियमित पीरियड्स भी इसी बीमारी का लक्षण है। इसके अलावा इस बीमारी में पेट की गड़बड़ी, जोड़ों मे दर्द रहना, वजन का बढ़ना या कम होना, मांसपेशियों का कमजोर होना, आंखो और चेहरे पर सूजन रहना जैसे लक्षण भी दिखाई देते हैं।


इससे बचने के उपाय- कुछ टैबलेट्स के नियमित सेवन से इस पर काबू पाया जा सकता है। अगर सही समय और सही मात्रा में दवाइयां न ली जाएं, तो हानिकारक प्रभाव भी देखने को मिल सकते हैं। दवाइयों के साथ-साथ आप कुछ घरेलू नुस्खे अपनाकर भी थाइराइड को कंट्रोल कर सकते हैं।


प्याज से करें गले की मसाज-  थाइराइड को कंट्रोल करने के लिए सबसे अच्छा तरीका है प्याज। इसके लिए प्याज को दो हिस्सों में काटकर सोने से पहले थाइराइड ग्लैंड के आसपास क्लॉक वाइज मसाज करें। मसाज के बाद गर्दन को धोने की बजाय रातभर के लिए ऐसे ही छोड़ दें। कुछ दिन लगातार ऐसे करने से आपको इसके नतीजे दिखने शुरू हो जाएंगे।


पिएं हल्दी वाला दूध- रोजाना हल्दी वाला दूध पीने से भी थाइराइड कंट्रोल में रहता है। अगर आप हल्दी वाला दूध नहीं पीना चाहती हैं, तो आप हल्दी को भून कर भी खा सकती हैं। इससे भी थाइराइड को कंट्रोल करने में मदद मिलती है।


आयुर्वेदिक इलाज मुलहठी- थाइराइड के मरीज जल्दी थक जाते हैं। ऐसे में मुलहठी का सेवन आपके लिए बेहद फायदेमंद होगा। इसमें मौजूद तत्त्व थाइराइड ग्रंथि को संतुलित करके थकान को ऊर्जा में बदल देते हैं।


तुलसी और एलोवेरा – थाइराइड के मरीजों को दो चम्मच तुलसी के रस में आधा चम्मच एलोवेरा का जूस मिलाकर सेवन करना चाहिए। इस बीमारी से छुटकारा पाने का यह उत्तम उपाय है।


हरा धनिया- हरा धनिया पीस कर चटनी बनाएं और एक गिलास पानी में एक चम्मच चटनी घोल कर पिएं। इस उपाय को जब भी करें ताजी चटनी बना कर ही सेवन करें।



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