मुरुगन गुफा मंदिर


सांस्कृतिक विविधता वाला देश मलेशिया यूं तो एक मुस्लिम बहुल राष्ट्र है, लेकिन अन्य धर्मो के प्रति यह हमेशा उदार रहा है। यहां मलय, चीनी व भारतीय सभ्यताओं का अद्भुत मिश्रण है। पारंपरिक शैली में बनी मस्जिदें हों या बौद्ध मंदिर सभी पर्यटकों के बीच आकर्षण का प्रमुख केंद्र रहते हैं। ऐसा ही एक दर्शनीय स्थल है बाटु केव्स (बाटु गुफाएं) जो हिंदुओं की आस्था व मान्यताओं का केंद्र है। प्राचीन समय में नजदीक से गुजरने वाली एक नदी सुंगई बातु (पथरीली नदी) के नाम पर ही इन गुफाओं का नाम बाटु केव्स पड़ा। कार्तिकेय भगवान शिव और माता पार्वती के ज्येष्ठ पुत्र हैं और श्री गणेश के बड़े भाई। कार्तिकेय जी दक्षिण भारत में कई स्थानों पर कुलदेवता के रूप में पूजित हैं। दक्षिण में वे प्रमुख देवता भी माने जाते हैं। वहां उन्हें मुरुगन के रूप में पूजा जाता है। उनके इसी रूप के कई प्रसिद्ध मंदिर भी हैं जिनकी वहां विशेष मान्यता है।


मलेशिया का गुफा मंदिर


ऐसा माना जाता है कि किसी समय मलेशिया भी भारत का हिस्सा हुआ करता था। यहां कई प्राचीन गुफा मंदिर हैं, जिनमें हिंदु देवी-देवताओं की मर्तियां पाई जाती हैं। इन्हीं में से एक है देवी पार्वती के बेटे भगवान मुरुगन का गुफा मंदिर। यहां पर भगवान मुरुगन के जन्म दिवस से रूप में थैपुसम नामक उत्सव भी मनाया जाता है। यहां गुफा में भगवान मुरुगन की लगभग 43 मीटर ऊंची मूर्ति है। यहां पर थैपुसम त्योहार 10 महीने में एक बार मनाया जाता है। यह मंदिर सतह से करीब 400 फुट की ऊंचाई पर बना 113 वर्ष पुराना है। मंदिर तमिल हिंदुओं का प्रमुख तीर्थस्थल है। भगवान के दर्शन के लिए श्रद्धालु 272 सीढि़यां चढ़कर गुफा तक पहुंचते हैं। मंदिर को चारों तरफ से घेरे हुए चूना पत्थर के पहाड़ ऊपर से संकरे होते चले जाते हैं। पहाड़ों की ऊंचाई और चट्टानों के बीच से जगह पाकर निकल आए पेड़ों की वजह से सूरज की रोशनी मंदिर परिसर तक बहुत ही कम पहुंच पाती है। बारिश के मौसम में पेड़ों से छन कर गिरने वाली बारिश की बूंदे अद्भुत नजारा पेश करती हैं। गुफा पूरी तरह से प्राकृतिक अवस्था में है। हालांकि कृत्रिम प्रकाश द्वारा रोशनी की गई है। मंदिर तक पहुंचने के लिए 1920 तक लकड़ी से बनी सीढि़यां थी, जिन्हें बाद में सीमेंट से पक्का कर दिया गया। ये गुफाएं पर्यटकों के लिए प्रतिदिन खुलती हैं। यहां आने वाले लोग गुफाओं व मंदिर के इतिहास के बारे में यहां लगी अनेक पट्टिकाओं द्वारा जान सकते हैं।


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