पुलवामा में शहीद हुआ गुमला का जवान विजय एनकाउंटर स्पेशलिस्ट था, पिता ने कहा, बदला चाहिए



पुलवामा में हुए आतंकवादी हमले में गुमला जिला अंतर्गत बसिया प्रखंड के फरसामा गांव का बेटा विजय सोरेंग (45 वर्ष) शहीद हो गया. विजय के शहीद होने से गुमला ही नहीं पूरा झारखंड सदमे में है है. शहीद के पिता रिटायर फौजी बृज सोरेंग ने कहा है, मुझे अपने बेटे के शहादत पर गर्व है. विजय ने देश के लिए अपनी जान दी. मैं अपने पोतो को भी देश की सेवा के लिए फौज में भेजूंगा. उन्होंने ने प्रधानमंत्री व गृहमंत्री से अपील किये हैं कि अभी लोकसभा चुनाव में समय है. चुनाव से पहले पाकिस्तान से बदला ले. अब सोचने समझने का समय खत्म हो गया है. बिना पाकिस्तान को जवाब दिये वह सुधरने वाला नहीं है.



शहीद जवान का घर
पिता ने बताया कि उसका बेटा मुझसे (अपने पिता) प्रेरणा लेकर 19 वर्ष की उम्र में 1993 में फौज में भर्ती हुआ था. शुरू में जम्मू कश्मीर, श्रीनगर व त्रिपुरा में डयूटी किया. इसके बाद 16 साल तक झारखंड राज्य के गुमला, लोहरदगा, सिमडेगा व खूंटी जिला में आईबी में काम किया. विजय एनकाउंटर स्पेशलिस्ट था. उसका निशाना कभी नहीं चुकता था. इसलिए पूर्व राष्ट्रपति डॉ शंकर दयाल शर्मा की सुरक्षा गार्ड के रूप में भी विजय काम कर चुका है. झारखंड में अपने 16 साल की डयूटी में विजय ने झारखंड पुलिस के लिए कई बेहतरीन काम किया है.
एक सप्ताह पहले विजय जम्मू-कश्मीर वापस गया था

विजय सोरेंग एक माह पहले छुटटी में घर आया था. इसके बाद वह वापस जम्मू चजा गया था. इधर, पुन: जम्मू में रास्ता बंद होने के बाद विजय पांच फरवरी (मंगलवार) को अपने घर बसिया प्रखंड के फरसामा गांव आया था. फरसामा में एक दिन रहने के बाद बुधवार को विजय अपनी पत्नी विमला देवी से मिलने उसके घर सिमडेगा जिला के कोचेडेगा गांव गया था. कोचेडेगा में नया घर बन रहा है. कुछ कागजात बनाना था. इसलिए वह कोचेडेगा में मुखिया से मिला. तभी सीआरपीएफ 82 बटालियन से फोन आया कि जम्मू में रास्ता खुल गया है. वह आठ फरवरी को जम्मू के लिए निकला और ट्रांजिट कैंप पहुंचा. ट्रांजिट कैंप से श्रीनगर गया. पिता बृज सोरेंग ने बताया कि 12 फरवरी को विजय ने फोन किया था. घर का हालचाल लिया. सकुशल जम्मू-कश्मीर पहुंचने की जानकारी दिया था.


रात 1.30 बजे बेटे के शहीद होने की सूचना मिली
पिता बृज सोरेंग ने बताया कि श्रीनगर स्थित सीआरपीएफ 82 बटालियन से एक अधिकारी ने फोन किया. उसने कहा कि विजय सोरेंग के फोन पर बात नहीं हो रही है. इसलिए आप विजय के फोन पर संपर्क करे. क्योंकि विजय जिस गाड़ी से जा रहा था. उस गाड़ी का एक्सीडेंट हो गया है. इतने सुनने के बाद पिता ने विजय के मोबाइल पर संपर्क करने का प्रयास किया. लेकिन बात नहीं हुई. तभी रात नौ बजे कंफर्म हुआ कि आतंकवादियों ने गाड़ी उड़ा दी है. फिर भी एक उम्मीद थी कि विजय जिंदा होगा. इसके बाद रात 1.30 बजे श्रीनगर से फोन आया. जिसमें विजय सोरेंग के शहीद होने की जानकारी दी गयी.
फरसामा में होगा अंतिम संस्कार
पिता बृज सोरेंग ने बताया कि शहीद बेटे विजय सोरेंग का अंतिम संस्कार बसिया प्रखंड के फरसामा गांव में होगा. अंतिम संस्कार की तैयारी कर ली गयी है. वहीं घटना की सूचना के बाद विधानसभा अध्यक्ष डॉ दिनेश उरांव शहीद के घर पहुंचे. विभिन्न पार्टी के भी नेता पहुंचे. जिला व बसिया अनुमंडल के पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी पहुंचकर परिवार के लोगों से बात की. गांव में लोगों की भीड़ जमा हो गयी है. सभी शहीद के बारे में ही चर्चा कर रहे हैं.
इंटर में पढ़ाई करते वक्त विजय की बहाली हुई
शहीद की दो पत्नी है. पहली पत्नी कार्मेला बा रांची में जैप में कार्यरत है. कार्मेला से विजय ने लव मैरिज किया था. उससे एक बेटा अरूण सोरेंग (22 वर्ष) है. दूसरी पत्नी विमला देवी है. विमला से परिवार की सहमति से शादी हुई थी. दूसरी पत्नी से तीन बच्चे हैं. जिनमें रेखा कुमारी, बरखा कुमारी व राहुल कुमार है. विजय की प्रारंभिक शिक्षा फरसामा गांव के स्कूल में हुई. 1990 में कुम्हारी स्कूल से मैट्रिक पास व गोस्सनर कॉलेज रांची से इंटर किया. इंटर की पढ़ाई के दौरान ही 1993 में सीआरपीएफ में विजय की बहाली हुई थी.
पत्नी ने कहा : एक सप्ताह पहले मिलकर गये थे
पत्नी विमला देवी ने स्पीकर दिनेश उरांव से गांव व परिवार की समस्याओं को अवगत कराते हुए दूर करने की मांग की है. विमला ने कहा है कि उसके पति के शहादत पर उसे गर्व है. अभी एक सप्ताह पहले ही वे मिलकर गये थे.


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