सीबीआई के नए बॉस ऋषि शुक्ला


नई दिल्ली -पिछले चार महीने से तमाम नाटकीय घटनाक्रमों के बाद आखिरकार केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को नियमित निदेशक मिल गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली हाई पावर्ड कमेटी ने आईपीएस अधिकारी ऋषि कुमार शुक्ला को सीबीआई का नया डायरेक्टर नियुक्त किया है। श्री शुक्ला मध्य प्रदेश के पुलिस महानिदेशक भी रह चुके हैं और वह 1983 बैच के आईपीएस ऑफिसर हैं। बता दें कि 10 जनवरी को आलोक वर्मा को डायरेक्टर पद से हटाने के बाद केंद्र सरकार ने एम नागेश्वर राव को अंतरिम डायरेक्टर नियुक्त किया था, तभी से सीबीआई डायरेक्टर का पद खाली था। एक दिन पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई डायरेक्टर की नियुक्ति में देरी पर नाखुशी जाहिर की थी। केंद्रीय मंत्रिमंडल की नियुक्ति मामलों की समिति ने दिल्ली पुलिस स्थापना अधिनियम 1946 के तहत गठित समिति द्वारा भेजे गए नामों के पैनल के आधार पर शुक्ला की नियुक्ति को मंजूरी दी है। बता दें कि सीबीआई डायरेक्टर की नियुक्ति करने वाली हाई पावर्ड कमेटी में प्रधानमंत्री, लोकसभा में विपक्ष के नेता और चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया शामिल होते हैं। इससे पहले, पिछले साल नवंबर में सीबीआई का अंदरूनी घमासान तब सतह पर आ गया, जब तत्कालीन डायरेक्टर आलोक वर्मा और तत्कालीन स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना ने एक-दूसरे के खिलाफ रिश्वतखोरी के आरोप लगाए थे। श्री अस्थाना के खिलाफ तो सीबीआई ने केस दर्ज कर लिया। बाद में केंद्र सरकार ने दखल देते हुए श्री वर्मा और श्री अस्थाना दोनों को जबरन छुट्टी पर भेज दिया और एम नागेश्वर राव को अंतरिम डायरेक्टर नियुक्ति कर दिया। केंद्र ने दोनों अफसरों को छुट्टी पर भेजे जाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट को तब बताया था कि सीबीआई के दोनों शीर्ष अफसर बिल्लियों की तरह लड़ रहे थे। श्री वर्मा ने खुद को छुट्टी पर भेजे जाने को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी, जिस पर जनवरी में कोर्ट ने उन्हें बतौर सीबीआई डायरेक्टर बहाल करने का आदेश दिया। हालांकि बाद में पीएम मोदी की अध्यक्षता वाली हाई पावर्ड कमिटी ने 2-1 के बहुमत से लिए गए फैसले में श्री वर्मा का सीबीआई से बाहर तबादला का आदेश दिया, जिसके बाद श्री वर्मा ने नौकरी से ही इस्तीफा दे दिया था। ऋषि कुमार शुक्ला सीबीआई के पूर्व निदेशक आलोक वर्मा का स्थान लेंगे। श्री शुक्ला की नियुक्ति दो वर्ष के लिए की गई है, जो उनके पदभार संभालने के दिन से प्रभावी होगी। शुक्ला मूलतः ग्वालियर के रहने वाले हैं। उनकी शुरुआती पोस्टिंग सीएसपी रायपुर हुई। वह दमोह, शिवपुरी और मंदसौर जिले के एसपी रहे। इसके अलावा 2009 से 2012 तक एडीजी इंटेलिजेंस भी रह चुके हैं। जुलाई, 2016 से जनवरी, 2019 तक मध्य प्रदेश के डीजीपी थे। राज्य में कांग्रेस सरकार आने के बाद उन्हें एमपी पुलिस हाउसिंग बोर्ड का चेयरमैन बनाया गया था।


खड़गे नहीं थे सहमत


नई दिल्ली। ऋषि कुमार शुक्ला का चयन करने वाली तीन सदस्यीय हाई पावर कमेटी में सर्वसम्मति से फैसला नहीं हुआ। सूत्रों के मुताबिक नेता विपक्ष और कमेटी के सदस्य मल्लिकार्जुन खड़गे ऋषि कुमार शुक्ला के नाम से सहमत नहीं थे। उन्होंने ने असंतुष्टि का पत्र भी दिया था। मल्लिकार्जुन खड़गे ने ऋषि शुक्ला की सीनियोरिटी और इंटेग्रिटी पर सवाल उठाए थे।


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