सुप्रीम कोर्ट के फैसले को ममता ने नैतिक जीत बताया, कहा- एकजुट होकर लड़ेंगे पीएम के खिलाफ


कोलकाता।


पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सीबीआई-कोलकाता पुलिस आयुक्त मामले में मंगलवार को आए उच्चतम न्यायालय के आदेश को अपनी “नैतिक जीत” बताया जिसमें जांच के दौरान कोलकाता पुलिस प्रमुख राजीव कुमार की गिरफ्तारी समेत कोई भी दंडात्मक कार्रवाई नहीं करने का निर्देश दिया गया है। उच्चतम न्यायालय ने कुमार को खुद को सीबीआई के समक्ष पेश करने और शारदा चिट फंड घोटाले की जांच से सामने आए अन्य मामलों में एजेंसी के साथ इमानदारी पूर्वक सहयोग करने का मंगलवार को निर्देश दिया।


अदालत ने यह भी कहा कि जांच प्रक्रिया के दौरान कोलकाता पुलिस प्रमुख की गिरफ्तारी समेत कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी। बनर्जी चिट फंड घोटालों के संबंध में कोलकाता पुलिस प्रमुख से पूछताछ करने की सीबीआई की कोशिशों के खिलाफ धरने पर बैठी हुई हैं। रविवार शाम से शुरू हुआ उनका प्रदर्शन मंगलवार को तीसरे दिन भी जारी है। बनर्जी ने मध्य कोलकाता में धरना स्थल पर संवाददाताओं से कहा कि उच्चतम न्यायालय का आदेश आम आदमी, लोकतंत्र एवं संविधान की जीत है।


मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके पीछे जरूर कोई कहानी है। कोई भी मोदी (प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी) के खिलाफ बोलने की हिम्मत नहीं कर सकता। यह हमारा जन आंदोलन है और हम एकजुट होकर इसे लड़ेंगे। बनर्जी ने कहा कि हम हमेशा कानून का सम्मान करते हैं और मानते हैं कि चीजें कानून के मुताबिक होनी चाहिए। लेकिन अगर कोई लोकतंत्र के स्तंभों को बर्बाद करने का प्रयास करेगा तो लोकतांत्रिक प्रक्रिया के नाम पर कुछ नहीं बचेगा जिसपर हम गर्व करते हैं।


उन्होंने कहा, “हम उच्चतम न्यायालय के फैसले का स्वागत करते हैं। यह बिलकुल सही है। हमारा मामला बहुत मजबूत है। हमने कभी नहीं कहा कि हम सहयोग नहीं करेंगे। यह राजनीतिक बदला है।” समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव, तेदेपा प्रमुख चंद्रबाबू नायडू, द्रमुक की कनिमोई, राजद के तेजस्वी यादव समेत कई विपक्षी नेताओं ने बनर्जी के प्रदर्शन को समर्थन दिया है।


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