स्वाइन फ्लू के मुख्य लक्ष्‍ण


फ्लू ने एक बार फिर से देशभर में दहशत मचा दी है। अस्पताल, मीडिया हाउस, एयरपोर्ट, सोशल गेट टुगेदर हो या आपका आफिस हो आजकल हर जगह स्वाइन फ्लू की ही चर्चा हो रही है। आपको बता दें कि इस बीमारी का प्रकोप इतना है कि अब तक देशभर में 542 लोग इस बीमारी के कारण मर चुके हैं। अगर किसी व्यक्ति को खांसी, गले में दर्द, बुखार, सिरदर्द, मतली और उल्टी के लक्षण हैं, तो स्वाइन फ्लू की जांच करानी चाहिए। इस स्थिति में दवाई केवल चिकित्सक की निगरानी में ही ली जानी चाहिए। हार्ट केयर फाउंडेशन (एचसीएफआई) के अध्यक्ष डा. केके अग्रवाल ने एक बयान में कहा है कि स्वाइन फ्लू में खांसी या गले में खराश के साथ तेज बुखार हो सकता है। निदान की पुष्टि आरआरटी या पीसीआर तकनीक से किए गए लैब टेस्ट से होती है।


स्वाइन फ्लू के लक्षण-हल्का फ्लू या स्वाइन फ्लू बुखार, खांसी, गले में खराश, नाक बहने, मांसपेशियों में दर्द, सिरदर्द, ठंड और कभी-कभी दस्त और उल्टी के साथ आता है। हल्के मामलों में, सांस लेने में परेशानी नहीं होती है। लगातार बढ़ने वाले स्वाइन फ्लू में छाती में दर्द के साथ उपरोक्त लक्षण, श्वसन दर में वृद्धि, रक्त में ऑक्सीजन की कमी, कम रक्तचाप, भ्रम, बदलती मानसिक स्थिति, गंभीर निर्जलीकरण और अंतर्निहित अस्थमा, गुर्दे की विफलता, मधुमेह, दिल की विफलता, एंजाइना या सीओपीडी हो सकता है।


डा. अग्रवाल ने कहा कि गर्भवती महिलाओं में, फ्लू भ्रूण की मौत सहित अधिक गंभीर जटिलताओं का कारण बन सकता है। हल्के-फुल्के मामलों में अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता नहीं होती, लेकिन गंभीर लक्षण होने पर मरीज को भर्ती करने की आवश्यकता हो सकती है। गौरतलब है कि स्वाइन फ्लू इन्फ्लूएंजा ए वायरस के एक स्ट्रेन के कारण होती है और सुअरों से इनसानों में संचरित होती है। समय पर इलाज नहीं होने पर एच1एन1 घातक भी हो सकता है। स्वाइन फ्लू का वायरस बड़ी तेजी से वातावरण में फैलता है और लोगों को अपनी चपेट में ले लेता है। जिसके परिणाम घातक हो सकते हैं।


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