होली के रंग


बालक प्रह्लाद भगवान विष्णु का बड़ा भक्त था। यह बात उसके पिता हिरण्यकश्यप को कतई पसंद नहीं थी। अपने बेटे की ऐसी अनन्य भक्ति देख कर हिरण्यकश्यप ने अपनी बहन होलिका को बुलवाया…
बच्चो! सबसे पहले होली के इस शुभ अवसर पर आप सबको ढेर सारी शुभकामनाएं। होली एक ऐसा त्योहार है, जिसमें न जाने कितने रंग भरे हैं, न मालूम कितनी तरंगें हैं। इस त्योहार में खुशियां हैं, मस्ती है, उल्लास है। होली बच्चों का सबसे प्यारा त्योहार होता है। बच्चो मैं आपको होली की एक छोटी सी कहानी सुनाती हूं। बालक प्रह्लाद भगवान विष्णु का बड़ा भक्त था। यह बात उसके पिता हिरण्यकश्यप को कतई पसंद नहीं थी। अपने बेटे की ऐसी अनन्य भक्ति देख कर हिरण्यकश्यप ने अपनी बहन होलिका को बुलवाया। होलिका को आग में न जलने का वरदान मिला हुआ था। प्रह्लाद को होलिका की गोद में उसे बिठा कर आग लगा दी गई। पर हुआ उल्टा होलिका खुद ही जल गईं किंतु बालक प्रह्लाद का बाल भी बांका न हुआ।भगवान विष्णु ने नरसिंह अवतार लेकर हिरण्यकश्यप का वध किया। कहा जाता है कि होलिका दहन की प्रथा तभी से शुरू हुई। होलिका दहन को अग्नि द्वारा बुरे कामों को जलाने के प्रतीक के रूप में माना जाता है।


अगला दिन बच्चों की मस्ती भरा दिन


रंग भरी पिचकारी लिए रंग छिड़कते बच्चे, अबीर-गुलाल मलते बच्चे, नाचते, गाते, उल्लास से खुशियां मनाते बच्चे। होली खेलने का मजा भला बच्चो से ज्यादा किसे आ सकता है। यही तो मौका मिलता है आपको जब आप बड़े-बूढ़ों को भी रंगों में भिगो सकते हैं। आप पिचकारी में रंग भरकर जब उसकी फुहार छोड़ते हैं। सबको एक ही रंग में रंग देने का भाव और वह रंग है प्रेम का, प्रीति का। इसलिए होली के दिन हम सब वैर भाव मिटा कर प्यार की डोर में बंध जाते हैं। सारे रंगों के ऊपर चढ़ जाता है प्यार का रंग। इसलिए यह त्योहार हमें बताता है कि हम आपसी मनमुटाव खत्म करें, एक-दूसरे को समझें। आपस में जुड़ें और सबसे प्यार करें। वैसे प्यार करने की बात आप बच्चों से ज्यादा अच्छी तरह कौन जानता है। आप तो निश्छल मन से सभी से प्यार करते हैं। अपने बड़ों से भी और अपने साथियों से भी। यदि हम बड़े आप बच्चो से सीख लें कि किस तरह से मन की मैल मिटा देनी चाहिए तो शायद बड़ी से बड़ी समस्या का अंत हो जाए। गुझिया होली की सबसे अनिवार्य मिठाई है। इसी तरह से होली के साथ एक और जरूरी चीज जुड़ी है वह है संगीत। झांझ, मंजीरे और ढोलक की थाप के साथ गाने और नृत्य करने की परंपरा बहुत पुरानी है। बच्चो! होली खूब मस्ती से खेलना, पर इस मस्ती में यह ध्यान रखना कि किसी को कोई नुकसान न पहुंचे। किसी को रंग सीधा आंखों में न फेंके, जिससे किसी को नुकसान हो। इसलिए ध्यान और खुशी से खेलना होली। रंगों का प्यारा त्योहार है । इसे खुशियों में ही संजोए न कि मनमुटाव में।


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