महाशिवरात्रि से पहले संगम पर उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़


कुंभनगर


दुनिया के सबसे बड़े आध्यात्मिक और सांस्कृतिक समागम कुंभ के छठे और आखिरी स्नान पर्व महाशिवरात्रि से एक दिन पहले रविवार को एक बार फिर दूर-दराज से भक्तों का रेला संगम पर आस्था के समंदर में बूंदा-बांदी को धता बताकर हिलोरें ले रहा है। पतित पावनी गंगा, श्यामल यमुना अौर अन्त:सलिला सरस्वती की विस्तीर्ण रेती पर एक बार फिर श्रद्धालुओं के आस्था के समंदर को संगम अपनी बाहों में भरने को आतुर दिखा। मेले के अखिरी दौर में कुंभ स्नान का पुण्य हासिल करने के लिए संगम नोज से लेकर अन्य घाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है। संगम तट पर स्नान के बाद पूजा और आराधना में श्रद्धालु लीन हैं। कोई संगम में दूध चढ़ा रहा है तो कोई स्नान कर तट पर दीपदान कर रहा है। वहीं कुछ जगह श्रद्धालु मनौती कर दोने में पुष्पों के बीच दीपक रखकर श्रद्धालु गंगा में प्रवाहित कर दोनों हाथ जोड़कर परिवार की सुख और समृद्धि की कामना कर रहे हैं। संगम तट पर तीर्थ पुराेहित इस भीड़ में यजमानों को सुख-समृद्धि और परिवार के मंगल कामना के लिए संकल्प कराते नजर आये। तीर्थपुरोहितों को अपने यजमानों से कई जगह मोल-भाव भी करते देखा जा रहा है। कोई यजमान 10-20 रुपया देकर संकल्प कराना चाहता है तो तीर्थपुरोहित तमाम मान-मनव्वल के बाद एक दिन के भोजन के लिये 250 रुपये पर तैयार होता है। विदाई की बेला में भी कुंभ की अाभा बरकरार है। संगम का विहंगम दृश्य अभी भी पहले जैसा ही बना हुआ है। संगम जाने वाले काली मार्ग, लाल मार्ग और त्रिवेणी मार्ग पर पर्व से पहले ही वाहनों का रेला है। पैदल श्रद्धालुओं को भी चलने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। हर्षवर्द्धन चौराहे पर पुलिस को भीड़ पर नियंत्रण करने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है।


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