उत्तर प्रदेश की 13 सीटों पर 57 प्रतिशत मतदान


लखनऊ


लोकसभा चुनाव के सातवें और अंतिम चरण में उत्तर प्रदेश की 13 सीटों पर रविवार को करीब 57 प्रतिशत मतदान हुआ. प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी एल. वेंकटेश्वर लू ने यहां संवाददाता सम्मेलन में बताया कि अंतिम चरण में प्रदेश की 13 सीटों पर औसतन 56.84 वोट पड़े. 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में सातवें चरण में 54.96 प्रतिशत मतदान हुआ था. इस बार सातों चरणों में प्रदेश की कुल 80 लोकसभा सीटों पर औसतन 59.42 प्रतिशत मतदान हुआ जबकि 2014 में यह आंकड़ा 58.33 फीसदी था.


उन्होंने बताया कि आज महराजगंज में 62.40 प्रतिशत, गोरखपुर में 57.38, कुशीनगर में 56.24 प्रतिशत, देवरिया में 56.02, बांसगांव में 55, घोसी में 56.90, सलेमपुर में 54.60, बलिया में 52.50,गाजीपुर में 58.10, चंदौली में 57.26, वाराणसी में 58.05, मिर्जापुर में 60.20 और रॉबर्ट्सगंज में 54.29 प्रतिशत मतदान हुआ. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उम्मीदवारी वाले क्षेत्र वाराणसी में 2014 के मुकाबले कम मतदान हुआ है. पिछले चुनाव में काशी में करीब 58.25 फीसदी मतदाताओं ने वोट दिया था.


आगरा उत्तरी विधानसभा क्षेत्र के उपचुनाव में कुल 39 प्रतिशत मतदान हुआ. सातवें चरण में प्रधानमंत्री मोदी के अलावा केंद्रीय मंत्री मनोज सिन्हा (गाजीपुर), अनुप्रिया पटेल (मिर्जापुर), प्रदेश भाजपा अध्यक्ष महेन्द्र नाथ पाण्डेय (चंदौली), पूर्व केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री आर.पी.एन. सिंह (कुशीनगर) जैसी सियासी हस्तियों समेत कुल 167 प्रत्याशियों का चुनावी भाग्य ईवीएम में कैद हो गया. चंदौली जिले में मतदान के दौरान भाजपा और सपा कार्यकर्ताओं के बीच मामूली झड़प हुई.

इस बारे में सहायक निर्वाचन अधिकारी बीडीआर तिवारी ने बताया कि चंदौली के सकटिया गांव में पुलिस दल ने समय पर पहुंचकर हालात को सम्भाल लिया. इस घटना को संज्ञान में लिया गया है और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी. चंदौली के अलीगंज थाना क्षेत्र के ताराजीवनपुर गांव में कुछ दलित मतदाताओं की उंगली पर चुनाव से पहले से ही स्याही लगा दिये जाने के मामले पर तिवारी ने बताया कि इस घटना को संज्ञान में लेते हुए इस मामले में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है.

प्रथमदृष्टया एक राजनीतिक दल के कार्यकर्ताओं का नाम सामने आ रहा है. तिवारी ने कहा कि कुछ जगह से ईवीएम में खराबी की शिकायत भी आयी थी जिसे ठीक कर लिया गया है. उन्होंने बताया कि गोरखपुर, मिर्जापुर, वाराणसी और मऊ में कुछ स्थानों पर मतदान बहिष्कार की भी खबरें आयी हैं जहां अधिकारियों को भेजा गया. सातवें चरण में सबकी निगाहें प्रधानमंत्री मोदी के संसदीय क्षेत्र बनारस पर लगी हैं.

पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा के पक्ष में चली लहर के कारण मोदी ने करीब तीन लाख 72 हजार मतों से यह सीट जीती थी. इस बार भी उनकी जीत सुनिश्चित मान रही भाजपा के सामने मोदी को पिछली दफा के मुकाबले अधिक मतों से जीताने की चुनौती है. वैसे तो भाजपा ने गोरखपुर सीट पर भोजपुरी अभिनेता रवि किशन को मैदान में उतारा है, लेकिन इसे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्रतिष्ठा से जोड़कर देखा जा रहा है.

योगी यहां से पांच बार सांसद चुने जा चुके हैं. हालांकि पिछले साल इस सीट पर हुए उपचुनाव में भाजपा को सपा के हाथों पराजय का सामना करना पड़ा था. लिहाजा इस बार यह सीट जीतना भाजपा के लिए प्रतिष्ठा का सवाल है. केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल मिर्जापुर से दोबारा संसद पहुंचने की उम्मीद लगाये हुए हैं. सातवें चरण में भाजपा 11 सीटों पर जबकि उसकी सहयोगी अपना दल-सोनेलाल मिर्जापुर और रॉबर्ट्सगंज सीटों पर चुनाव लड़ रहा है. पिछले लोकसभा चुनाव में सातवें चरण की सभी 13 सीटों पर भाजपा और उसके सहयोगी ने जीत दर्ज की थी.


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