बच्चे महापुरुषों को जीवन का आदर्श बनाएं


लखनऊ।


गीता परिवार की ओर से चल रहे तीन दिवसीय अर्जुन भव संस्कार पथ शिविरों का बुधवार को समापन हुआ। इस मौके पर विजेता बच्चांे को पुरस्कृत किया गया। दुर्गा शिव मंदिर मालवीय नगर में भगवद्गीता में कुश मिश्रा, ध्यान में अनामिका थापा, मधुराष्टकम में आलोक सिंह, अर्जुन साधना में लव कुश कुमार, आदर्श शिविरार्थी में ऋषभ बाजपेई, भुइयन देवी मंदिर मवैया में गीता श्लोक में पारुल सिंह, योग में आयुष रावत, प्रहलाद साधना में शामली वर्मा, आदर्श शिविरार्थी एवं ध्यान में गौरव ने बाजी मारी। इस अवसर पर वासुदेव गुप्ता, पं. राजेन्द्र पांडेय, शिवेन्द्र मिश्रा उपस्थित थे। समापन अवसर पर मुख्य अतिथियों के समक्ष अर्जुन भव शिविर में सिखाये गये क्रियाकलापों एवं सत्रों को प्रस्तुत किया। शिविर निर्देशन अनुराधा मिश्रा, ज्योति वर्मा, कोमल गहलोत, गौरव असेरी, गौतम सोलंकी, अपूर्वा, प्रियांशु श्रीवास्तव, मनीष कुमार, महिमा सिंह, मनीषा कश्यप, हिमांशु राठौर, अनुराग वर्मा ने शिविर में विभिन्न सत्रों का आयोजन किया। इस मौके पर वासुदेव गुप्ता ने बच्चों को जीवनपयोगी अच्छी बातों का ग्रहण करने एवं बुरी आदतों को छोड़ने का संकल्प दिलवाया। पीयूष जायसवाल ने कहा कि नन्हे-मुन्नों बच्चों को महान महापुरुषों को अपने जीवन का आदर्श बनाना चाहिए तथा उनके बताये हुए मार्ग चलने हमें चलना चाहिए। शिवेन्द्र मिश्रा ने बताया कि बुधवार को अर्जुन भव संस्कार पथ 100वें शिविर आरंभ हो चुका है। इसलिए कहा गया भी गया कि पतवार चलाते जाएगे मंजिल आएगी आएगी... अब तक छह हजारों बच्चों ने खेल-खेल में ही ध्यान, योग, गीता श्लोक एवं विभिन्न बौद्धिक प्रतियोगिताओं में भाग लिया। बुधवार से आरंभ राजाजीपुरम के श्रीपरमसिद्ध पीठ गौरीशंकर साई आंगन मंदिर, प्रभा वाटिका, संकट मोचन हनुमान मंदिर में, मोतीझील के शिव शक्ति मंदिर, बलराम पार्क में तथा रामजानकी मंदिर टिकैतराय तालाब, शीतला माता मंदिर मेंहदीगंज के शिविरों में बालक-बालिका भारतीय संस्कृति, संस्कारों, नैतिक शिक्षा का दिन प्रतिदिन कर ज्ञार्नाजन कर रहे है।


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