डॉ. जितेन्‍द्र सिंह ने पेंशन विभाग के कॉल सेंटर का उद्घाटन किया

नई दिल्ली।


पूर्वोत्‍तर क्षेत्र विकास (डोनर) मंत्रालय के केंद्रीय राज्‍य मंत्री (स्‍वतंत्र प्रभार) और प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्‍य मंत्री डॉ. जितेन्‍द्र सिंह ने आज नई दिल्‍ली में पेंशन एवं पेंशनभोगी कल्‍याण विभाग द्वारा पेंशनभोगियों के लिए स्‍थापित एकीकृत शिकायत प्रकोष्‍ठ एवं कॉल सेंटर का उद्घाटन किया। इस केंद्र का उद्घाटन नई दिल्‍ली स्थित जनपथ भवन में केंद्र सरकार के पेंशनभोगियों के लिए किया गया है। प्रशासनिक सुधार एवं लोक शिकायत विभाग और पेंशन एवं पेंशनभोगी कल्‍याण विभाग में सचिव श्री के.वी.ऐपन और विभाग के वरिष्‍ठ अधिकारीगण भी इस अवसर पर उपस्थित थे। मंत्री ने पेंशनभोगी कल्‍याण से जुड़े कार्यकारी अधिकारियों से भी बातचीत की और पेंशनभोगियों की ओर से उन्‍हें प्राप्‍त प्रतिक्रियाओं से वह अवगत हुए।


डॉ. जितेन्‍द्र सिंह ने पेंशनभोगियों के लिए एक कॉल सेंटर बनाने की पहल के लिए विभाग को बधाई दी। उन्‍होंने कहा कि यह सरकार के प्रथम 100 दिनों में विभाग की बड़ी घोषणाओं में से एक है जिसका उद्देश्‍य हमारे पेंशनभोगियों को सहूलियत सुनिश्चित करना है। उन्‍होंने कहा कि इससे पेंशनभोगियों की शिकायतों को सुलझाने के अलावा पूरी प्रक्रिया में मूल्‍यवर्धन करने में मदद मिलेगी क्‍योंकि पेंशनभोगी धीरे-धीरे फीडबैक के रूप में आवश्‍यक जानकारियां और सुझाव प्रदान करेंगे जो आगे चलकर विभाग के लिए मददगार साबित होंगे। उन्‍होंने कहा कि यह केंद्र बुजुर्ग पेंशनभोगियों की समस्‍याओं को सुलझाने के लिए विभाग पर दबाव बनाने का भी काम करेगा।


मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी के नेतृत्‍व में सरकार ने पिछले पांच वर्षों में पेंशनभोगियों के कल्‍याण के लिए अनेक पहल की हैं और पेंशन विभाग इसके साथ ही पेंशनभोगियों को सहूलियत सुनिश्चित करने से जुड़ी विभिन्‍न अभिनव पहलों को लेकर और ज्‍यादा सक्रिय एवं ध्‍यान केंद्रित हो गया है। मंत्री ने गवर्नेंस में आसानी सुनिश्चित करने से जुड़ी पहलों जैसे कि डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट (डीएलसी), अनुभव और भविष्‍य के बारे में भी बताया। उन्‍होंने यह आश्‍वासन दिया कि ये केंद्र भविष्‍य में लाभप्रद भूमिका निभाएंगे। मंत्री ने 18 सितंबर, 2018 को आयोजित अखिल भारतीय पेंशन अदालत का भी उल्‍लेख किया जो वर्ष में एक दिन पेंशनभोगियों को समर्पित करने से जुड़ा एक प्रयास था। ये अदालतें सभी केंद्रीय सशस्‍त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) सहित देश भर में समस्‍त मंत्रालयों/विभागों में संचालित की गई थीं।


नवंबर के महीने में अपना जीवन प्रमाण पत्र देने के लिए बैंकों के बाहर लाइन में लगे बहुत वरिष्ठ और बीमार पेंशनरों को अनुभव हो रही परेशानियों को ध्यान में रखते हुए विभाग ने एक प्रमुख पहल पायलट आधार पर 8 शहरों में पेंशनरों के संघों को शामिल करो और ऐसे पेंशनरों का 'डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र घर से प्राप्त करो' शुरू की। यह पायलट कार्यक्रम नोएडा / दिल्ली, चंडीगढ़, देहरादून, मुंबई, मैसूर, वडोदरा, तिरुवनंतपुरम और बेंगलुरु में आयोजित किया गया था। पिछले साल दिसंबर तक वृद्ध पेंशनरों के घरों से 2,480 जीवन प्रमाण पत्र प्राप्त किए गए थे। इस साल यह सुविधा 8 से बढ़ाकर 20 शहरों में कर दी जाएगी (अतिरिक्त शहर हैं- हैदराबाद, रांची, भुवनेश्वर, जयपुर, त्रिशूर, कोलकाता, कटक, चेन्नई, गुवाहाटी, मदुरै, बालासोर, जालंधर, अहमदाबाद, इलाहाबाद और पुणे)।


डिजिटलीकरण की दिशा में पेंशन विभाग द्वारा देश में बनाया गया 'भविष्य' सॉफ्टवेयर एक प्रमुख कदम था। इसका उद्देश्य सभी नागरिक मंत्रालयों और भारत सरकार के विभागों द्वारा इस मंच पर पेंशन के मामलों की जांच के लिए एक साझा मंच बनाना है। यह सॉफ्टवेयर सभी हितधारकों को एक साझा मंच पर लाया है जो इससे पहले एक ही प्लेटफॉर्म पर विकेंद्रीकृत थे। आज तक 792 कार्यालयों में पेंशन के कागजात सेवानिवृत्त व्यक्ति के मुख्यालय से वेतन और लेखा कार्यालय और वहां से सीपीएओ तक इलेक्ट्रॉनिक रूप से जा रहे हैं। वर्तमान में 6950 डीडीओ 'भविष्य' के बोर्ड में हैं और लगभग 35,000 सेवानिवृत्त होने वाले/ सेवानिवृत्त हुए / पारिवारिक पेंशनरों के पेंशन मामलों की जांच हो रही है। इस अनुप्रयोग ने अभी तक लगभग 1,00,000 कर्मचारियों के मामलों की जांच की है। मंत्रालयों / विभागों में परिवर्तन के बाद 'भविष्य' ने केंद्रशासित प्रदेशों और दिल्ली पुलिस प्रशासन के तहत काम कर रहे केन्द्र सरकार के कर्मचारियों को शामिल करने के लिए अपना विस्तार किया है।


मोबाइल ऐप के साथ ऑनलाइन सीपेनग्राम प्रणाली डाक द्वारा प्राप्त शिकायतों का भी पंजीकरण कर रही है और यह अतीत में प्राप्त हुई शिकायतों को भी प्रभावी रूप से दूर कर रही है। इस प्रणाली में पेंशनरों का विश्वास बढ़ गया है जिसके कारण सीपेनग्राम के माध्यम से वे अपनी शिकायतों को हल कर रहे हैं। हालांकि, यह कॉल सेंटर सुविधा मुख्य रूप से केंद्र सरकार के सेवानिवृत्त पदाधिकारियों के लिए बनाई गई है, लेकिन राज्य सरकार के सेवानिवृत्त पदाधिकारी भी अपनी पेंशन संबंधी शिकायतों के लिए यहां फोन कर रहे हैं। इस प्रणाली का उद्देश्य अपनी शिकायतों को आसानी से पंजीकृत करने और अच्छे शासन के प्रयास के रूप में उसका समाधान कार्य को बढ़ावा देना है।


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