नीति आयोग की प्रशासनिक परिषद की 5वीं बैठक में प्रधानमंत्री का संबोधन

नई दिल्ली।


प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज नई दिल्ली में राष्ट्रपति भवन सांस्कृतिक भवन में नीति आयोग की प्रशासनिक परिषद की 5वीं बैठक के उद्घाटन सत्र को संबोधित किया।


जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल, मुख्यमंत्रियों, अंडमान-निकोबार द्वीप समूह के उपराज्यपाल तथा अन्य प्रतिनिधियों का स्वागत करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास के लक्ष्य को हासिल करने में नीति आयोग को महत्वपूर्ण भूमिका निभानी है। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने हाल के आम चुनाव को दुनिया की सबसे बड़ी लोकतांत्रिक प्रक्रिया बताते हुए कहा कि अब समय आ गया है कि सभी लोग मिलकर भारत के विकास के लिए कार्य करें। उन्होंने कहा कि गरीबी, बेरोजगारी, सूखा, बाढ़, प्रदूषण, भ्रष्टाचार, हिंसा आदि के खिलाफ सामूहिक लड़ाई जानी चाहिए।


प्रधानमंत्री ने कहा कि इस मंच पर उपस्थित सभी व्यक्तियों का सामान्य लक्ष्य 2022 तक नये भारत का निर्माण करना है। स्वच्छ भारत अभियान और प्रधानमंत्री आवास योजना ऐसे उदाहरण है जिससे पता चलता है कि केन्द्र और राज्य साथ मिलकर कैसे लक्ष्य हासिल कर सकते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि सशक्तिकरण और जीवनयापन में आसानी जैसी सुविधाएं प्रत्येक भारतीय को मिलनी चाहिए। महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के लिए जो लक्ष्य निर्धारित किये गए हैं उन्हें 2 अक्टूबर तक पूरा किया जाना चाहिए। स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ पर 2022 के लिए निर्धारित लक्ष्यों की प्राप्ति हेतु कार्य प्रारंभ किये जाने चाहिए। प्रधानमंत्री ने जोर दिया कि अल्पकालिक और दीर्घकालिक लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए सामूहिक जिम्मेदारी पर ध्यान दिया जाना चाहिए।


प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि भारत को 2024 तक 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाना चुनौतीपूर्ण है लेकिन इसे हासिल किया जा सकता है। राज्यों को अपनी मुख्य क्षमता की पहचान करना चाहिए और जिला स्तर को ध्यान में रखते हुए जीडीपी बढ़ाने का प्रयास करना चाहिए। विकासशील देशों की प्रगति के लिए निर्यात क्षेत्र महत्वपूर्ण है। प्रति व्यक्ति आय बढ़ाने के लिए केन्द्र और राज्यों को निर्यात-वृद्धि पर ध्यान देना चाहिए। पूर्वोत्तर राज्यों समेत देश के कई राज्यों में निर्यात की असीम संभावनाएं हैं। राज्य स्तर पर निर्यात प्रोत्साहन से आय और रोजगार में वृद्धि होगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि जल, जीवन के लिए आवश्यक है। जल संरक्षण के अपर्याप्त प्रयासों के कारण गरीब लोग सबसे अधिक प्रभावित होते हैं। नवगठित जल शक्ति मंत्रालय जल के प्रति एकीकृत दृष्टिकोण अपनाने में मदद करेगा। उन्होंने राज्यों से आग्रह किया कि वे जल संरक्षण और प्रबंधन के लिए अपने प्रयासों को एकीकृत करें। उपलब्ध जल संसाधनों का उचित प्रबंधन महत्वपूर्ण है। 2024 तक सभी ग्रामीण घरों में नलों के माध्यम से पानी पहुंचाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। जल संरक्षण और भूमिगत जल स्तर को बढ़ाने पर ध्यान दिया जाना चाहिए। प्रधानमंत्री ने जल संरक्षण और प्रबंधन के लिए कुछ राज्यों द्वारा किये गए प्रयासों की सराहना की। जल संरक्षण और प्रबंधन को भवन-निर्माण के कानूनों में शामिल किया जाना चाहिए। प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के अर्न्तगत जिला सिंचाई परियोजनाओं को सावधानीपूर्वक कार्यान्वित किया जाना चाहिए।


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