प्रधानमंत्री किसान योजना के दायरे में किसी भी भूमि सीमा के बगैर अब सभी किसान आएंगे

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इस आशय की मंजूरी दी है कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) योजना के दायरे को व्यापक रूप से बढ़ाया जाएगा। इस निर्णय के साथ ही अब सभी भूमि जोत वाले पात्र किसान परिवार (सामान्य अपवाद मानदंड को छोड़कर) इस योजना से लाभान्वित हो सकेंगे।


संशोधित योजना से लगभग 2 करोड़ और किसानों को कवर किये जाने की आशा है। इससे पीएम-किसान योजना का दायरा बढ़ जाएगा और इसके दायरे में तकरीबन 14.5 करोड़ लाभार्थी आ जायेंगे। वर्ष 2019-20 में केंद्र सरकार द्वारा इस पर अनुमानित 87,217.50 करोड़ रुपये का व्यय किया जाएगा।


पीएम-किसान योजना का दायरा बढ़ाने से संबंधित आज के कैबिनेट निर्णय से आम चुनाव 2019 के दौरान देश की जनता से प्रधानमंत्री द्वारा किया गया एक प्रमुख वायदा पूरा हो गया है। भाजपा के चुनाव संकल्प पत्र में भी इस प्रमुख नीतिगत निर्णय का उल्लेख किया गया था।


उल्लेखनीय है कि झारखंड में अद्यतन भूमि रिकॉर्ड उपलब्ध न होने और असम, मेघालय एवं जम्मू-कश्मीर में 'आधार' की कम उपलब्धता जैसे परिचालन संबंधी कुछ मुद्दों को भी हल कर लिया गया है।


पीएम-किसान : किसानों के लिए एक ऐतिहासिक आय सहायता प्रोत्साहन :


पीएम-किसान योजना का शुभारंभ वित्त वर्ष 2019-20 के अंतरिम बजट में ही कर दिया गया है।


पीएम-किसान योजना के तहत देश भर में 2 हेक्टेयर तक की खेती योग्य भूमि वाले छोटे एवं सीमांत भूमिधारक किसान परिवारों को प्रति वर्ष 6000 रुपये की आय सहायता देने का उल्लेख किया गया है (अब इसका दायरा बढ़ा दिया गया है)।


इस योजना के तहत पूरे साल के दौरान प्रत्येक चार महीने में 2000-2000 रुपये की तीन किस्तों में यह राशि जारी की जा रही है। यह राशि प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण विधि के माध्यम से लाभार्थियों के निर्दिष्ट बैंक खाते में जमा की जा रही है।


इस योजना का शुभारंभ तीन हफ्तों की रिकॉर्ड अवधि में 24 फरवरी, 2019 को उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान किया गया था। इस दौरान निर्धारित पहली किस्त अनेक किसानों के बैंक खातों में जमा कर दी गई थी।


अभी तक 3.11 करोड़ लाभार्थियों के बैंक खातों में पहली किस्त और 2.66 करोड़ लाभार्थियों के बैंक खातों में दूसरी किस्त सीधे जमा की जा चुकी है।


नए उत्साह के साथ भारत के अन्नदाताओं की सेवा करना :


प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी भारत के किसानों के लिए बड़े ही श्रद्धा के साथ बार-बार अपने उद्गार व्यक्त करते रहे हैं। उन्होंने भारत के किसानों को हमारे अन्नदाता के रूप में वर्णित किया है जो 1.3 अरब भारतीयों का भरण-पोषण करने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं।


वर्ष 2014 से वर्ष 2019 तक की अवधि के दौरान कड़ी मेहनत करने वाले किसानों को सशक्त बनाने के लिए अनगिनत कदम उठाए गए हैं। 22 फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्यों (एमएसपी) में वृद्धि करना, मृदा स्वास्थ्य कार्ड, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना, प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना और बेहतर बाजारों के लिए ई-नाम इत्यादि इन महत्वपूर्ण कदमों में शामिल हैं। इन कदमों से कृषि क्षेत्र और ज्यादा समृद्ध हुआ है तथा इसके साथ ही किसानों के लिए ज्यादा उत्पादकता सुनिश्चित हुई है। ये समस्त कदम वर्ष 2022 तक यानी देश की आजादी के 75 साल पूरे होने के मौके पर किसानों की आमदनी दोगुनी करने संबंधी प्रधानमंत्री के सपने को साकार करने में काफी मददगार साबित होंगे।


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