इलेक्ट्रिक मोबिलिटी की दृष्टि से देश का महत्वपूर्ण प्रदेश है उ.प्र. : परिवहन मंत्री

लखनऊ।


प्रदेश के परिवहन मंत्री, स्वतंत्र देव सिंह ने कहा कि उत्तर प्रदेश विकासशील प्रदेश होने के साथ इलेक्ट्रिक मोबिलिटी की दृष्टि से देश का महत्वपूर्ण प्रदेश है। उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था 01 ट्रिलियन डॉलर तक ले जाने के लिये मुख्यमंत्री, योगी आदित्यनाथ निरन्तर प्रयासरत हैं। प्रदेश की अर्थव्यवस्था को गति प्रदान करने के लिये प्रदेश का औद्योगिक विकास आवश्यक है। विगत 10 वर्षों में मोटर वाहन की संख्या में 3 गुनी वृद्धि हुयी है। मोटर वाहनों से होने वाले प्रदूषण का सीधा असर हमारे वायुमण्डल पर पड़ रहा है, जो ग्लोबल वार्मिंग के रूप में सामने आ रहा है। प्रदेश को इलेक्ट्रिक वाहन के बाजार तथा निवेश गंतव्य के रूप में प्रस्तुत करने के उद्देश्य से उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा पहली बार इस प्रकार का सत्र आयोजित किया जा रहा है।
श्री सिंह रविवार को द्वितीय ग्राउण्ड ब्रेकिंग सेरेमनी के अवसर पर इन्दिरा गांधी प्रतिष्ठान में ''इलेक्ट्रिक मोबिलिटी'' विषय पर आयोजित सत्र में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मोटर वाहन उद्योग तेजी से परम्परागत ईंधन आधारित प्रोद्योगिकी से ईको-फ्रेन्डली प्रोद्योगिकी की ओर जा रहा है। परिवहन मंत्री ने कहा कि डीजल/पेट्रोल की मात्रा सीमित है, जो दिन-प्रतिदिन तेजी से घट रही है, जिसे दृष्टिगत रखते हुये इलेक्ट्रिक मोबिलिटी अपरिहार्य होती जा रही है, ताकि वाहनों से पर्यावरण तथा जलवायु परिवर्तन पर पड़ रहे कुप्रभावों को कम किया जा सके। उन्होंने बताया कि नवम्बर 2016 से प्रभावी पेरिस समझौता के तहत कार्बन डाई ऑक्साईड के उत्सर्जन को कम किये जाने का प्राविधान किया गया है, ताकि ग्लोबल वार्मिंग एवं जलवायु परिवर्तन को नियंत्रित किया जा सके। मोटर वाहन उद्योग के विद्युतीकरण का मुख्य उद्देश्य वाहनों से होने वाले उत्सर्जन को न्यूनतम करना है।
परिवहन मंत्री ने कहा कि चीन के बाद एशिया-प्रशान्त क्षेत्र का सबसे बड़ा बाजार होने तथा कम लागत के कारण भारत भौगोलिक दृष्टिकोण से इलेक्ट्रिक वाहनों के उत्पादन को विस्तार देने की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। उन्होंने कहा कि भारतीय मोटर वाहन उद्योग विश्व का चौथा सबसे बड़ा उद्योग है, जहां वित्तीय वर्ष 2019 में सवारी वाहनों, व्यापारिक वाहनों, तिपहिया वाहनों तथा दुपहिया वाहनों को मिलाकर कुल 30.92 मिलियन वाहनों का उत्पादन हुआ, जबकि वित्तीय वर्ष 2018 में यह उत्पादन मात्र 29.09 मिलियन था। इस प्रकार भारत ने इस क्षेत्र में गत् वर्ष की तुलना में 6.26 प्रतिशत की विकास दर हासिल की है। वित्तीय वर्ष 2013-18 के मध्य घरेलू मोटर वाहन उत्पादन की कम्पाउण्ड एनवल ग्रोथ रेट 7.08 प्रतिशत रही।
श्री सिंह ने कहा कि देश का चौथा सबसे बड़ा राज्य तथा चैथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाले उत्तर प्रदेश में भारत की 16.5 प्रतिशत जनसंख्या निवास करती है। मार्च 2015 में उत्तर प्रदेश में पंजीकृत वाहनों का प्रतिशत देश में पंजीकृत वाहनों के सापेक्ष 10.3 था, जबकि वर्ष 2015 के दौरान प्रदेश में लगभग 2.52 मिलियन पंजीकृत मोटर वाहन थे, जो कि उस समय देश में पंजीकृत मोटर वाहनों का 13.52 प्रतिशत है। इस प्रकार उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा मोटर वाहन बाजार बन गया है।


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