नियमावली का पालन कराने को लेकर छात्र-छात्राओं ने कुलपति को सौंपा ज्ञापन

जौनपुर।


भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की नियमावली में निजी विश्वविद्यालयों व महाविद्यालयों से कृषि स्नातक करने वाले छात्र-छात्राओं का प्रवेश परास्नातक में न होने का मामला तूल पकड़ता ही नजर आ रहा है। इसी क्रम में सोमवार को छात्र संघर्ष मोर्चा के बैनर तले सैकड़ों छात्र-छात्राओं ने छात्र नेता उद्देश्य सिंह के नेतृत्व में पूर्वांचल विश्वविद्यालय के कुलपति डा. राजाराम यादव को ज्ञापन सौंपा। 
इस मौके पर उन्होंने कहा कि पूविवि के छात्र-छात्राओं का काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के कृषि परास्नातक विषयों में दबदबा रहा परंतु भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की नियमावली पाठ्यक्रम व सेमेस्टर सिस्टम का हवाला देते हुये उनको प्रवेश से वंचित कर दिया गया जो दुर्भाग्यपूर्ण है। पूविवि का पूरे उत्तर प्रदेश में एक गौरवपूर्ण व प्रतिष्ठित स्थान है परन्तु इसकी डिग्री को केन्द्रीय विश्वविद्यालय बीएचयू द्वारा अमान्य घोषित करना चिंता का विषय है। श्री सिंह ने कहा कि कृषि स्नातक के छात्र-छात्राओं हेतु सेमेस्टर प्रणाली को लागू किया जाय व भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के नवीन पाठ्यक्रम को समस्त महाविद्यालयों में लागू कराते हुये नगर के टीडीपीजी में हाल ही में हुये कृषि स्नातक में तमाम प्रवेश को निरस्त करते हुये पुनः भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद द्वारा निर्धारित छात्रों की संख्या पर ही प्रवेश सुनिश्चित किया जाय। 
इसी क्रम में छात्र नेता अभिषेक त्रिपाठी ने कहा कि समस्त विभागाध्यक्षों की बैठक करके छात्र-छात्राओं के हित में निर्णय लिया जाय। साथ ही चेतावनी दिया कि यदि मांगे एक माह के भीतर नहीं मानी गयी तो हम समस्त छात्र-छात्राएं व्यापक आंदोलन को बाध्य होंगे जिसकी सम्पूर्ण जिम्मेदारी विवि प्रशासन की होगी। 
इस अवसर पर प्रिंस जैसवार, प्रशांत मिश्र, राजशेखर, विशाल सिंह, शाश्वत सिंह, राजदीप सिंह, शिखर द्विवेदी, अनिकेश मौर्य, अनिकेत सिंह, ममता यादव, श्रिया सिंह, राजीव शंकर, प्रशांत यादव, सौरभ यादव, सुमित सिंह सहित तमाम छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।


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