पास्को ऐक्ट के नामितों को 36 घण्टे बाद थाने से छोड़ा, कोर्ट ने किशोरी को भेजा नारी निकेतन

फतेहपुर।


मुख्यमन्त्री योगी आदित्यनाथ के लाख प्रयास भी यूपी पुलिस के कामकाज के तरीके में सुधार नहीं ला पा रहे है। जनपद के जहानाबाद थाने की पुलिस ने सचेंडी (कानपुर) पुलिस की बरामदगी को न सिर्फ लीक से हटकर पेश किया बल्कि पास्को ऐक्ट के नामितो को लगभग 36 घण्टे तक थाने में रखने के बाद छोड़ दिया। वही कोर्ट ने नाबालिग किशोरी को नारी निकेतन भेज दिया है। नाबालिग को बहला-फुसलाकर भगा ले जाने वाले कभी भी किसी अप्रिय घटना को अंजाम दे सकते है। आज एस.पी. से मिले किशोरी के पिता व अन्य परिजनों ने इलाकाई पुलिस व पड़ोसियों पर गम्भीर आरोप लगाते हुए न्याय दिलाने की गुहार लगाई। 
जहानाबाद थाने के ग्राम नारायणपुर कलाना निवासी शिवकुमार सिंह पुत्र सुन्दर सिंह ने परिजनों के साथ आज पुलिस कप्तान रमेश से मिलकर आरोप लगाया कि गाँव के कुछ लोग जो उसके परिवार से रंजिश मानते है, उन्होंने उसकी नाबालिग पुत्री को योजनाबद्ध ढंग से बहला फुसलाकर कानपुर के ग्राम ठाकुर प्रसाद का पुरवा थाना सजेंडी के सुनील पुत्र सुन्दर के साथ भगवा दिया। विगत एक जून को देर शाम की इस घटना का मुकदमा पास्को ऐक्ट समेत विभिन्न धाराओं में तीन जून को आठ लोगों के खिलाफ दर्ज करा दिया गया और उसी दिन सचेंडी पुलिस ने नाबालिग किशोरी व उसे भगा ले जाने वाले सुनील पुत्र सुन्दर समेत चार नामजद अभियुक्तों के साथ बरामद कर लिया और फिर सूचना पर जहानाबाद पुलिस किशोरी समेत सभी को सचेंडी से जहानाबाद थाने ले आई। जहाँ पर देर रात पुलिस के दलाल घनश्याम पुत्र रामेश्वर के माध्यम से हुई सेटिंग के बाद मोटी रकम लेकर पुलिस ने सुनील को रात में ही छोड़ दिया।
शिवकुमार का आरोप है कि जहानाबाद पुलिस ने पास्को ऐक्ट से सम्बंधित इस मामले में जरा भी गम्भीरता नहीं दिखाई और उलटें उन्हीं को धमकाती रही व मनमाने ढंग से कही और से सिर्फ किशोरी की बरामदगी दिखा दी और अभियुक्तों को अभयदान देकर फरार होने में पूरी मदद की। बताया कि कोर्ट में भी उसे कायदे से पैरवी नहीं करने दी गई और उन्हें बरगलाकर थाने में ही बैठाये रखा गया और इधर कोर्ट ने उसकी बेटी को नारी निकेतन प्रयागराज भेज दिया। शिकायतकर्ता शिवकुमार ने आज अपने कई परिजनों के साथ पुलिस कप्तान रमेश से मिलकर समूचे प्रकरण से अवगत कराया और जब दूरभाष पर एसपी ने एसओ जहानाबाद से जानकारी ली तो उन्हें गलत तथ्यों की जानकारी दी गई। जिससे एसपी की चौखट से भी उसे निराशा हाथ लगी। शिकायतकर्ता ने आज प्रदेश के मुख्यमन्त्री योगी को पंजीकृत डाक से शिकायती पत्र भेजकर अभियुक्तों की अतिशीघ्र गिरफ्तारी कराने और जहानाबाद पुलिस की भूमिका की जाँच कराने की माँग की है।
यहाँ पर गौरतलब है कि पास्को ऐक्ट जैसे मामलों पर भी पुलिस गम्भीर क्यों नहीं है। क्या वास्तव में योगी की पुलिस का यही वास्तविक चेहरा है। बड़ी बात यह है कि किशोरी के साथ अभियुक्तों की भी गिरफ्तारी के फोटो ग्राफ उपलब्ध होने के बावजूद अभियुक्तों पर पुलिस के रहम की वजह क्या है! आखिर क्यों जहानाबाद पुलिस किशोरी के परिजनों के साथ नाइंसाफी पर नाइंसाफी किये जा रही है। क्या पुलिस के पास इस बात का जवाब है कि अभियुक्तों को थाने से क्यों छोड़ा गया, किशोरी को 36 घण्टे से भी ज्यादा समय तक थाने में कैसे रखा गया और दलाल की सेटिंग के बाद किशोरी को नाबालिग साबित करने वाले दस्तावेजो को तवज्जो क्यों नहीं दिया गया। वही जहानाबाद पुलिस इस मामले में कुछ भी कहने से इंकार कर रही है।


 


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