जनपद स्तरीय कृषक जागरूकता गोष्ठी का आयोजन


उन्नाव


जिलाधिकारी श्री देवेन्द्र कुमार पाण्डेय के निर्देशन में आज कृषि विभाग द्वारा संचालित प्रमोशन आॅफ एग्रीकल्चर मैकेनाइजेशन फाॅर इन सीटू मैनेजमेन्ट आॅफ क्राप रेजीड्यू योजना के अन्तर्गत जनपद स्तरीय कृषक जागरूकता गोष्ठी का आयोजन विकास खण्ड बांगरमऊ सभागार में किया गया। गोष्ठी का शुभारम्भ श्री हरिसहाय मिश्रा अध्यक्ष जिला सहकारी बैंक एवं श्री श्रीकान्त कटियार भाजपा जिला अध्यक्ष ने किया। 
गोष्ठी में उप कृषि निदेशक डा0 नन्द किशोर, जिला विकास प्रबन्धक नाबार्ड श्रीमती रिचा बाजपेयी, जी0एम0 जिला सहकारी बैंक, उप जिलाधिकारी ए0के0 सिंह खण्ड विकास अधिकारी अमित कुमार, सहायक अभियन्ता लघु सिंचाई एवं अन्य अधिकारी उपस्थित रहें। गोष्ठी में 500 से अधिक कृषकों ने प्रतिभाग किया। गोष्ठी के अवसर पर कृषि विभाग, पशुपालन विभाग, बैंक, फसल बीमा, ग्राम विकास विभाग के स्टाल भी लगाये गये। उप कृषि निदेशक ने कृषकों को सम्बोधित करते हुये कहा कि किसान भाई फसल अवशेष को न जलाये। माननीय राष्ट्रीय हरित अधिग्रहण द्वारा फसल अवशेष जलाना दण्डनीय अपराध घोषित है। कृषि भूमि के दो एकड़ से कम क्षेत्र होने पर फसल अवशेष जलाने पर रूपया 2500 प्रति घटना दण्डा का प्रावधान है। दो एकड़ से अधिक भूमि पर रूपया 5000 प्रति घटना दण्ड का प्रावधान है। कृषि भूमि का क्षेत्र 6 एकड़ से अधिक होने की दशा में रूपया 15000 तक प्रति घटना अर्थदण्ड उप जिलाधिकारी व कृषि विभाग की कमेटी के द्वारा निर्धारित किया जायेगा। उन्होंने जनपद के कृषकों से कहा कि वह किसी भी फसल अवशेष को न जलायें बल्कि मृदा में कार्बनिक पदार्थों की वृद्धि हेतु, मृदा में ही मिलायें और सड़ायें, इससे खेत में कार्बनिक पदार्थ की मात्रा में वृद्धि होगी और किसान भाई जो यूरिया, डी0ए0पी0, व अन्य उर्वरक खेतों में प्रयोग करेंगें उस पर जीवाणु बैक्टिरिया असर नहीं करेंगें। 
उप कृषि निदेशक ने बताया कि उनके पौधों की उपलब्धता में वृद्धि होगी, जिससे पैदावार अधिक प्राप्त होगी। फसल अवशेष रोटावेटर या मिट्टी पलटने वाले हल से मिट्टी को मिला दें और 20 कि0ग्रा0 यूरिया का प्रयोग कर छोड़ दें, लगभग 15 से 20 दिन में यह जमीन के अन्दर सड़ जाते है। राष्ट्रीय जैविक खेती केन्द्र गाजियाबाद से एक वेस्ट डीकम्पोजर का पेकैट खरीदकर 200 ली0 पानी में दो कि0ग्रा0 गुड़ डालकर एक सप्ताह के बाद इस घोल को फसल अवशेष पर छिड़कने से फसल अवशेष सड़कर खाद बन जाते हैं। इन0सी0टू0 योजना के अन्तर्गत फार्म मशीनरी बैंक, कस्टम हायरिंग यंत्र के रूप में 80 प्रतिशत अनुदान पर सुपर स्ट्रा, मल्चर, हैप्पी सीडर, कृषकों को उपलब्ध करायें जाते है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि येाजना, प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, किसान के्रडिट कार्ड के बारे में भी कृषकों को विस्तृत जानकारी देकर राजकीय कृषि बीज भण्डार पर जाकर योजना से जुड़ने के लिये कहा, कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुये अध्यक्ष जिला सहकारी बैंक ने कहा कि सहकारी बैंक किसान भाईयों को ऋण के साथ-साथ बीज, उर्वरक और दवायें भी उपलब्ध कराती है। किसान भाई अधिक-से-अधिक संख्या में बैंक से जुड़कर किसान के्रडिट कार्ड बनवायें। 40 किसानों को किसान के्रडिट कार्ड वितरित किया गया और मोबाइल, पे0टी0एम0, रूपे कार्ड का भी प्रदर्शन किया गया। डी0डी0एम0 नाबार्ड ने बताया कि जिलाधिकारी श्री देवेन्द्र कुमार पाण्डेय ने जनपद के सभी किसानों को मत्स्य पालकों को बागवानी करने के लिये और पशुपालकों को जमीन होने पर और जमीन न होने पर किसान के्रडिट कार्ड उपलब्ध कराने के आदेश निर्गत कर दिये गये हैं। 


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