लेखपाल सीख रहे हैं आपदा प्रबन्धन के गुर, सीडीओ ने प्रशिक्षित लेखपालों को दिया प्रमाणपत्र
गोण्डा।
जिला आपदा प्रबंध प्राधिकरण ने बाढ़ से बचाव और प्रभावित गांवों में राहत कार्य बेहतर तरीके से कराने के लिए ठोस पहल की है। जिलाधिकारी के डा0 नितिन बंसल के निर्देश पर जिले के 240 लेखपालों को पूरी तरह से दक्ष बनाया जा रहा है, ताकि बाढ़ प्रभावित इलाकों के गांवों में ये लेखपाल बिना डर-भय के आ-जा सकें और प्रभावित लोगों की तरीके से मदद कर सकें। इसके लिए इन्हें कई तरह के प्रशिक्षण दिए जा रहे हैं। लेखपालों को ग्राम आपदा प्रबंधन योजना तथा आपदा की दृष्टि से गांवों के मानचित्र के बारे में भी पूरी जानकारी दी जा रही है।
बताते चलें कि आपदा से जनसामान्य को बचाने के लिए जिले की चारों तहसीलों के लेखपालों को आपदा प्रबन्धन का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। सीडीओ आशीष कुमार ने प्रशिक्षण स्थल जिला ग्राम विकास संस्थान झंझरी में पहुंचकर प्रशिक्षण का निरीक्षण किया तथा प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके लेखपालों को प्रशिक्षण प्रमाणपत्र दिया।
मुख्य विकास अधिकारी ने बताया कि लेखपालों को आपदा के पहले, आपदा के दौरान तथा आपदा के बाद क्या क्या करना चाहिए का विधिवत प्रशिक्षण दिया जा रहा है। उन्होने बताया कि हर तहसील से 60-60 लेखपालों सहित कुल 240 लेखपालों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा आयोजित कार्यक्रम में मुख्य विकास अधिकारी ने कहा कि आपदाएं कभी भी आ सकती हैं, जिनके आने पर बड़े पैमाने पर जन धन की हानि हो जाती है। कोई भी प्रकोप जो व्यापक स्तर पर जन धन की हानि करते हुए समुदाय को प्रभावित करता है, वही आपदा की श्रेणी में आता है। आपदा को रोका तो नहीं जा सकता मगर सतर्कता बरते जाने पर उससे होने वाले नुकसान को कम किया जा सकता है। उन्होने निर्देश दिए कि लेखपाल अब अधिकारियों और ग्रामीणों से समन्वय बनाएंगे और आपदाओं से कम से कम नुकसान हो, इसकी पूरी तैयारी रखेगें।
प्रशिक्षण का कार्य आपदा विशेषज्ञ राजेश श्रीवास्तव व जिला प्रशिक्षण अधिकारी ग्राम विकास द्वारा किया गया। इस दौरान डीडीओ रजत यादव सहित लेखपाल मौजूद रहे।