श्रम कल्याण परिषद की आधिकारिक वेबसाइट का हुआ उद्घाटन

21 हजार रुपये की मासिक आमदनी वाले श्रमिक पायेंगे कल्याणकारी योजनाओं का लाभ
लखनऊ।


उत्तर प्रदेश श्रम कल्याण परिषद के अध्यक्ष सुनील भराला ने आज बापू भवन सचिवालय स्थित सभाकक्ष में श्रम कल्याण परिषद की आधिकारिक वेबसाइट का उद्घाटन किया। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि प्रदेश के कारखानों व औद्योगिक प्रतिष्ठानों में कार्यरत अधिक से अधिक श्रमिकों को कल्याणकारी योजनाओं से लाभान्वित करने के लिए श्रमिक की न्यूनतम मासिक आय सीमा को 15 हजार रुपये से बढ़ाकर 21 हजार रुपये करने के लिए शीघ्र ही शासन से अनुमोदन प्राप्त करें। इसी प्रकार प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना के तहत पात्र श्रमिक के नामिनी के रूप में पत्नी के साथ नाबालिक बच्चों को भी नामिनी बनाये जाने के लिए अनुरोध हेतु एक प्रस्ताव बनाकर केन्द्र सरकार को भेजा जाय।
श्रम कल्याण परिषद के अध्यक्ष सुनील भराला परिषद द्वारा श्रमिकों के लिए संचालित योजनाओं एवं कार्यक्रमों की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने श्रम कल्याण परिषद तथा संचालित योजनाओं के बारे में अधिक जानकारी देने के लिए यह वेबसाइट लॉन्च की गई। उन्होंने कहा कि श्रम कल्याण परिषद श्रमिक और उनके आश्रितों की खुशहाली के लिए जो भी आवश्यक होगा कदम उठायेगी। उन्होंने निर्देश दिये कि कारखाना अधिनियम 1948 के अन्तर्गत पंजीकृत कारखानों में कार्यरत श्रमिकों की पुत्रियों के विवाह के दौरान कन्यादान के रूप में दी जाने वाली 25 हजार रुपये की आर्थिक सहायता को विवाहिता के खाते में भेजने के बजाय पुत्री के पिता के खाते में भेजी जाय। उन्होंने श्रमिकों को एक यूएएन (यूनिट एकाउन्ट नम्बर) जारी करने के भी निर्देश दिये, जिससे परिषद द्वारा श्रमिकों को शादी विवाह व गम्भीर बीमारी आदि परिस्थितियों में आवश्यकतानुसार 10 हजार रुपये से लेकर 01 लाख रुपये तक के लोन की सुविधा प्रदान की जा सके।
अध्यक्ष भराला ने कहा कि श्रमिक और उनके परिवार के मनोरंजन तथा ज्ञानवर्द्धन के लिए प्रदेश भर में सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित कराये जायेंगे। ये कार्यक्रम सांस्कृतिक विभाग से समन्वय कर कराये जायेंगे। इस प्रकार का पहला सांस्कृतिक कार्यक्रम आगामी सितम्बर महीने में लखनऊ में आयोजित होगा। इसके पश्चात अयोध्या, आगरा, मेरठ, मिर्जापुर, प्रयागराज व वाराणसी जनपदों में भी ऐसे कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे। उन्होंने निर्देश दिये कि उद्योग, प्रतिष्ठान एवं प्रतिष्ठानों में कार्य करने वाले कॉन्ट्रैक्ट श्रमिकों को भी श्रम कल्याण परिषद के अन्तर्गत जोड़ा जाय। इसके लिए श्रमिकों को ठेकेदार के पास पंजीकरण के दौरान परिषद में भी पंजीकृत कराने के लिए 20 से 25 रुपये तक का पंजीकरण शुल्क इनसे लिया जाय। और उसमें से कुछ शुल्क श्रम कल्याण निधि में भी जमा किया जाय। उन्होंने कारखानों व अधिष्ठानों में कार्य करने वाले ऐसे श्रमिक जो नियमित रूप से कार्य नहीं करते तथा अनपेड एमाउन्ट श्रमिक कहलाते हैं कि जांच कराने के लिए अधिकारियों को एक टीम बनाने के लिए श्रमायुक्त को निर्देशित किया।
भराला ने परिषद के द्वारा संचालित श्रमिकों के पुत्र-पुत्रियों को प्राविधिक शिक्षा में आर्थिक सहायता, श्रमिकों के मेधावी पुत्र-पुत्रियों को पुरस्कार राशि वितरण, कन्याधन आर्थिक सहायता, मृतक श्रमिकों की विधवाओं व आश्रितों को आर्थिक सहायता, मृतक अन्त्येष्टि हेतु आर्थिक सहायता आदि योजनाओं का नाम परिवर्तित कर क्रमशः डा0 ए.पी.जे. अब्दुल कलाम योजना, गणेश शंकर कल्याण योजना, रानी लक्ष्मीबाई कल्याण योजना, दत्तोपन्त हेगड़ी कल्याण योजना तथा महाराजा हरिश्चन्द्र कल्याण योजना के नाम से चलाये जाने के लिए शीघ्र ही शासन से अनुमोदन प्राप्त करने के निर्देश दिये।



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