गुजरात व महाराष्ट्र की कार्यप्रणाली अपनाकर उ.प्र. को सिंचाई के क्षेत्र में अग्रणी बनाए: टी0 वेंकटेश

लखनऊ।


प्रमुख सचिव सिंचाई एवं जल संसाधन तथा परती भूमि विकास टी0 वेंकटेश ने कहा है कि सहभागी सिंचाई को और प्रभावी बनाने के लिए गुजरात और महाराष्ट्र की कार्यप्रणाली तथा अनुभवों से प्रेरणा लेकर उ0प्र0 को सहभागी सिंचाई प्रबंधन में अग्रणी बनाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि उ0प्र0 देश का सर्वाधिक आबादी वाला प्रदेश है और अधिकांश जनसंख्या खेती-किसानी पर निर्भर है। इसलिए सहभागी सिंचाई को बढ़ावा देकर उत्पादन में और वृद्धि लाई जा सकती है।
प्रमुख सचिव सिंचाई गुरूवार को होटल सागर सोना में जल एवं भूमि प्रबंधन संस्थान द्वारा आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला के शुभारम्भ के अवसर पर अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। यह कार्यशाला सहभागी सिंचाई प्रबंधन हेतु व्यवहारिक व दृष्टिकोणात्मक परिवर्तन की आवश्यकता विषय पर आयोजित की गयी थी। उन्होंने कहा कि किसानों को सिंचाई की बेहतर सुविधा उपलब्ध कराकर कम संसाधन में अधिक से अधिक पैदावार लेने के लिए गुजरात व महाराष्ट्र की प्रणाली का सहयोग लेना चाहिए।
सिंचाई विभाग के विभागाध्यक्ष एके श्रीवास्तव ने कार्यशाला में कहा कि समयबद्ध व सुनियोजित कार्ययोजना तैयार करना सिंचाई विभाग की जिम्मेदारी है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि सिंचाई विभाग के अनुभवी अधिकारी सिंचाई योजनाओं को सफल बनाने में हर संभव प्रयास करेंगे।
प्रमुख अभियंता परियोजना वीके निरंजन ने अपने सम्बोधन में कहा कि सिंचाई योजनाओं को आम सहमति एवं सहभागिता के आधार पर संचालित किये जाने की जरूरत है। मुख्य अभियंता पैक्ट एके सेंगर ने कार्यशाला को विशिष्ट अतिथि के रूप में सम्बोधित करते हुए कहा कि जमीनी आंकलन एवं अनुभव के आधार पर बनायी गयी कार्ययोजना हमेशा सफल होती है।
सेंगर ने गुजरात के अध्ययन पर गये अधिकारियों के अनुभवों एवं निष्कर्षों को सांझा करते हुए कहा कि उ0प्र0 में उनके भ्रमण से सिंचाई विभाग की कार्यप्रणाली में व्यापक परिवर्तन आएंगे। गौरतलब है कि प्रभात सिंह अभियंता तथा आनंद ने जल उपभोक्ता समितियों के कार्यक्रमों को नई ऊर्जा प्रदान कर उल्लेखनीय कार्य किया है। उल्लेखनीय है कि श्री संेगर के नेतृत्व में अभियंताओं का एक दल गुजरात में सिंचाई व्यवस्था अध्ययन के लिए गया था।
कार्यशाला में विचार के लिए लाये गये विभिन्न बिन्दुओं पर निदेशक वाल्मी श्री एस0पी0 सिंह ने विस्तार से बताया। कार्यक्रम का संचालन एसोसिएट प्रोफेसरध्पिम मामलों के विशेषज्ञ राजेश शुक्ला ने किया। इस मौके पर बड़ी संख्या में सिंचाई विभाग से जुड़े अभियंता एवं विशेषज्ञ शामिल थे।


 


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