मुख्यमंत्री ने ‘एम पासपोर्ट पुलिस मोबाइल एप’ का किया शुभारम्भ
तकनीक के माध्यम से सामान्य नागरिक की समस्या के समाधान का उत्कृष्ट प्रयास: योगी
एप के माध्यम से तीन दिनों में पुलिस वेरिफिकेशन रिपोर्ट प्रदान करने के लक्ष्य के साथ कार्य किए जाने की आवश्यकता: डीजीपी
लखनऊ।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 'एम पासपोर्ट पुलिस मोबाइल एप' का शुभारम्भ तकनीक के माध्यम से सामान्य नागरिक की समस्या के समाधान का उत्कृष्ट प्रयास है। इससे पासपोर्ट निर्गमन के लिए पुलिस वेरिफिकेशन की प्रक्रिया में लगने वाले समय में कमी आएगी। यह कार्य त्वरित, समयबद्ध व पारदर्शी ढंग से सम्पन्न किया जा सकेगा। पूर्व विदेश मंत्री स्व0 सुषमा स्वराज द्वारा प्रारम्भ किए गए कार्य को आगे बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आभार व्यक्त करते हुए उन्होंने भरोसा जताया कि एप के माध्यम से पुलिस वेरिफिकेशन का कार्य न्यूनतम अवधि में सम्पन्न होगा तथा अल्प समय में पासपोर्ट जारी किए जा सकेंगे। उन्होंने कहा कि अन्य क्षेत्रों में भी ऐसे ही प्रयास होने चाहिए। पुलिस वेरिफिकेशन के अन्य प्रकरणों यथा नौकरी आदि के लिए भी ऐसी ही त्वरित, समयबद्ध, पारदर्शी और प्रभावी प्रक्रिया अपनायी जानी चाहिए।
मुख्यमंत्री शनिवार को अपने सरकारी आवास पर 'एम पासपोर्ट पुलिस मोबाइल एप' के शुभारम्भ कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। 'एम पासपोर्ट पुलिस मोबाइल एप' के शुभारम्भ के बाद मुख्यमंत्री ने पुस्तिका 'प्रवासी कामगारों के लिए महत्वपूर्ण जानकारी' का विमोचन भी किया। जनकल्याणकारी शासन का उद्देश्य आमजन तक योजनाओं का लाभ पारदर्शी और निर्बाध ढंग से पहुंचाना है। तकनीक के माध्यम से किसी भी कार्य को अत्यन्त सरल और सहज बनाया जा सकता है। इससे कार्यों की गुणवत्ता भी बढ़ती है। प्रधानमंत्री जी ने सदैव इस बात पर ध्यान दिया है कि विभिन्न कार्यों को तकनीक के माध्यम से पारदर्शी और त्वरित ढंग से सम्पन्न किया जाए। उनके नेतृत्व और मार्गदर्शन में विगत पांच वर्षों में इस दिशा में निरन्तर महत्वपूर्ण प्रगति हुई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में विगत ढाई वर्ष में तकनीक के प्रयोग से हुए परिवर्तन और जनता को प्राप्त हो रही सुविधा को महसूस किया जा सकता है। पूर्व में, सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अन्तर्गत वास्तविक लाभार्थी तक राशन की उपलब्धता नहीं हो पाती थी। वर्तमान राज्य सरकार ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली को तकनीकी से लैस कर सुदृढ़ बनाया है। प्रदेश की 80 हजार राशन की दुकानों पर ई-पाॅस मशीनों की व्यवस्था की गई है। इससे 15 करोड़ लाभार्थियों को खाद्यान्न उपलब्ध कराया जा रहा है। राशन कार्ड को आधार कार्ड से लिंक करने से कोई भी राशन कार्ड धारक अपनी सुविधा के अनुसार क्षेत्र की किसी भी दुकान से खाद्यान्न प्राप्त कर सकता है। इस तकनीकी व्यवस्था के प्रयोग से न केवल सभी वास्तविक लाभार्थियों तक राशन की पहुंच सुनिश्चित की गई है, बल्कि राज्य सरकार को प्रतिवर्ष लगभग 800 करोड़ रुपए की बचत भी हो रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आमजन को शासन की योजनाओं का लाभ त्वरित, पारदर्शी और समयबद्ध ढंग से प्राप्त होने पर, व्यवस्था के साथ उनका विश्वास दृढ़ होता है। इससे प्रधानमंत्री जी का 'सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास' का संकल्प भी साकार होता है।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए अपर मुख्य सचिव सूचना एवं गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने लखनऊ में पासपोर्ट कार्यालय के विस्तार की सराहना करते हुए कहा कि पूर्व विदेश मंत्री स्व0 श्रीमती सुषमा स्वराज द्वारा प्रारम्भ किए गए नागरिक केन्द्रित सुविधाओं को आगे बढ़ाने में गृह विभाग हर सम्भव सहायता करेगा। उन्होंने कहा कि वर्तमान में प्रदेश में प्रतिवर्ष लगभग 11 लाख पासपोर्ट निर्गत होते हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में पासपोर्ट उपलब्धता की दर 05 प्रतिशत है, जबकि राष्ट्रीय औसत 07 प्रतिशत है। राज्य में पासपोर्ट उपलब्धता की दर 10 प्रतिशत करने के लक्ष्य के साथ कार्य किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की भ्रष्टाचार और कानून व्यवस्था के प्रति जीरो टाॅलरेन्स की नीति है। इसके तहत समस्त अधिकारी प्राप्त होने वाली शिकायतों पर सख्त कार्रवाई करें।
पुलिस महानिदेशक ओपी ंिसंह ने कहा कि मुख्यमंत्री की प्रेरणा से पुलिस में नागरिक सुविधाओं में वृद्धि के लिए नई तकनीकी के प्रयोग को बढ़ावा दिया जा रहा है। तकनीकी के प्रयोग से डायल-100 के रिस्पाॅन्स टाइम में कमी आयी है। एम-पासपोर्ट पुलिस मोबाइल एप के माध्यम से तीन दिनों में पुलिस वेरिफिकेशन रिपोर्ट प्रदान करने के लक्ष्य के साथ कार्य किए जाने की आवश्यकता है, ऐसा सम्भव होने पर ही एप की सार्थकता है।
कार्यक्रम के प्रारम्भ में विदेश मंत्रालय के एक अधिकारी ने पासपोर्ट उपलब्ध कराने के सम्बन्ध में भारत सरकार के विदेश मंत्रालय द्वारा उपलब्ध करायी जा रही सुविधाओं तथा एम-पासपोर्ट पुलिस मोबाइल एप के सम्बन्ध में एक प्रस्तुतिकरण भी दिया। इस मौके पर एम-पासपोर्ट पुलिस मोबाइल एप के प्रयोग के सम्बन्ध में आज प्रशिक्षित किए गए विभिन्न जनपदों के नोडल अधिकारी पासपोर्ट में से एक अधिकारी अभिषेक ने अपने अनुभव साझा किए। पासपोर्ट के 02 आवेदकों, सुल्तानपुर के समीर राय एवं कानपुर की सुश्री मनप्रीत कौर ने भी अपने अनुभव बताए।
इस अवसर पर पुलिस महानिदेशक इंटेलीजेंस भावेश कुमार, विदेश मंत्रालय के निदेशक पासपोर्ट सहित क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी, लखनऊ, गाजियाबाद, बरेली तथा विभिन्न जनपदों के नोडल अधिकारी पासपोर्ट उपस्थित थे।