प्रसूता की मौत पर अस्पताल में हंगामा, सड़क जाम

तमकुही सीएचसी का मामला, डेढ़ घंटे तक तमकुही-सेवरही मार्ग पर रहा जाम
कुशीनगर।


जिले के तमकुहीराज सीएचसी में सोमवार को प्रसव कुछ ही समय बाद प्रसूता की मौत हो गई। परिजनों ने अस्पताल कर्मियों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा शुरू कर दिया। परिजन स्वास्थ्य कर्मियों पर रुपये के लिए प्रसूता को अस्पताल में रोकने व उसकी बिगड़ी हालत की जानकारी नहीं देने का आरोप लगा रहे थे। नाराज लोगों ने अस्पताल गेट के सामने तमकुही-सेवरही मार्ग को जाम कर धरना देना शुरू कर दिया। अस्पताल में हंगामा और सड़क जाम की जानकारी पर एसडीएम, सीओ व तरया सुजान पुलिस ने मौके पर पहुंचकर भीड़ की मान मनौव्वल शुरू की। एसडीएम ने दोषी स्वास्थ्य कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन देकर मामला शांत कराया।
सोमवार को तरयासुजान थानाक्षेत्र के माधोपुर बुजुर्ग निवासी किसनावती देवी अपनी पुत्री सरोज (22) को प्रसव पीड़ा होने पर सीएचसी स्थित महिला वार्ड में लेकर आई थीं। सरोज ने स्वस्थ पुत्र को जन्म दिया। घरवालों का कहना है कि प्रसव के बाद महिला वार्ड की स्वास्थ्य कर्मियों ने पांच हजार रुपये की मांग की। परिजनों ने तीन हजार रुपये दे भी दिए। लेकिन दो हजार रुपये कम मिलने से नाराज स्वास्थ्य कर्मी प्रसूता व नवजात को वार्ड में ही रोककर बाहर चले गए। कुछ देर बाद ही प्रसूता को झटके आने लगे। तबीयत बिगड़ने पर परिजनों ने स्वास्थ्य कर्मियों को खरी-खोटी सुनाई तब आनन-फानन चिकित्सक को बुलाया गया। तब तक प्रसूता की मौत हो चुकी थी। इसकी जानकारी होते ही परिवारीजनों ने सीएचसी परिसर में हंगामा शुरू कर दिया। शोर सुनकर अस्पताल में भारी भीड़ जमा हो गई। परिवारीजनों के गांव से भी काफी लोग अस्पताल पहुंच गए। नाराज लोगों ने अस्पताल गेट के सामने तमकुही-सेवरही मार्ग को जाम कर धरना शुरू कर दिया। ये लोग आरोपी कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई एवं प्रसूता के परिजनों को हर्जाना देने की मांग कर रहे थे। सड़क जाम व अस्पताल में हंगामा की सूचना मिलने पर एसडीएम तमकुहीराज अरविन्द कुमार, सीओ आरएमपी सिंह व तरयासुजान थाने के एसआई दीपक सिंह फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे। प्रशासन ने जाम हटाने के लिए लोगों से काफी देर तक मान मनौव्वल की। बाद में एसडीएम ने नवजात को अईसीयू में रखने के लिए प्राइवेट एम्बुलेंस से जिला अस्पताल भेजवाया तथा तहरीर के आधार पर दोषी स्वास्थ्य कर्मियों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई का आश्वासन दिया। इसके बाद मामला शांत हुआ और लोगों ने जाम हटाया। हंगामा समाप्त होने के बाद पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। इस संबंध में प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ. हिमांशु मिश्र का कहना है कि प्रसूता के शरीर में खून की कमी के लक्षण दिखाई दे रहे थे। मामले की जांच कराई जा रही है। एसडीएम अरविंद कुमार का कहना है कि इस मामले में दोषी स्वास्थ्य कर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराकर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।
पिछले वर्ष हुई थी सरोज की शादी
माधोपुर निवासी रामनरेश प्रसाद की पुत्री सरोज की शादी पिछले वर्ष ही धनौजी कटेया बिहार निवासी प्रजोत प्रसाद से हुई थी। सरोज का यह पहला बच्चा था। मौत के बाद हंगामा खड़ा किया तो स्वास्थ्य विभाग के अफसरों ने खून की कमी की बात शुरू कर दी। लोगों का कहना है कि स्वास्थ्य विभाग और बाल विकास परियोजना से गर्भवती महिलाओं के लिए इतनी अधिक योजनाएं संचालित की जा रही हैं तो फिर पहले खून की कमी का पता क्यों नहीं चला और इसमें सुधार के लिए प्रयास क्यों नहीं हुए। इसलिए आशा व एएनएम पर भी कार्रवाई होनी चाहिए।
प्रसव के दौरान व प्रसव बाद होने वाली मौतों को रोकने के लिए स्वास्थ्य विभाग की तरफ से लगातार योजनाएं चलाई जा रही हैं। बाल विकास विभाग भी पोषाहार वितरण करता है। गर्भवती महिला की खून समेत कई प्रकार की जांच के लिए व्यवस्था है। हर गांव में एएनएम व आशा की तरफ से इस तरह की महिलाओं की सूची बनाकर उन्हें सरकार की तरफ से दी जाने वाली सुविधाएं मुहैया कराई जाती हैं। इसके बाद भी सरोज की प्रसव के बाद खून की कमी से तत्काल मौत का मामला लोगों के गले नहीं उतर रहा है। स्वास्थ्य विभाग के अफसर भले ही इसे केवल खून की कमी से हुई मौत बता रहे हो लेकिन घरवाले यह मानने को तैयार नहीं हैं। ग्राम प्रधान टुनटुन राय समेत अन्य ग्रामीणों का कहना था कि अगर खून की कमी का मामला सही है तो स्वास्थ्य विभाग और बाल विकास विभाग की तरफ से आशा व एएनएम के खिलाफ भी कार्रवाई होनी चाहिए।


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