युगांडा की कामन वेल्थ पालिर्यामेंट्री कांफ्रेन्स में भाग लेंगे उ.प्र. विधान सभा के अध्यक्ष

लखनऊ।


उत्तर प्रदेश विधान सभा के अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित 24 से 29 सितम्बर तक युगांडा की राजधानी कंपाला में आयोजित 06 दिवसीय 64वें राष्ट्रमंडल संसदीय सम्मेलन (सीपीसी) में राज्य का प्रतिनिधित्व करेंगे। इस सम्मेलन में विधान सभाओं के प्रमुख सचिवों के साथ भारत के सभी राज्य विधान सभाओं और केन्द्र शासित प्रदेश की विधान सभाओं के अध्यक्ष भाग लेंगे। उ0प्र0 के प्रतिनिधिमंडल में अध्यक्ष के साथ उ0प्र0 विधान सभा के प्रमुख सचिव, प्रदीप कुमार दुबे, विधान परिषद के प्रमुख सचिव, डॉ राजेश सिंह एवं विशेष कार्याधिकारी, पंकज मिश्र साथ जायेंगे।
लोकसभा के अध्यक्ष, ओम बिरला (सीपीसी) में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का प्रतिनिधित्व करेंगे। राज्य सभा के उप सभापति हरिवंश भी भारतीय प्रतिनिधि मण्डल का हिस्सा होंगे। श्री दीक्षित 64वें राष्ट्रमंडल संसदीय सम्मेलन में तेजी से हो रहे शहरीकरण और ग्रामीण क्षेत्रों के निरंतर पलायन से निपटने के मुद्दे पर 27 सितम्बर को सीपीसी को सम्बोधित करेंगे। प्रमुख सचिव, प्रदीप कुमार दुबे संचार, संसद या सांसदों का जनता के साथ जुड़ाव के विषय पर अपना विचार रखेंगे।
सीपीसी का आयोजन लंदन मुख्यालय के राष्ट्रमंडल संसदीय संघ (सीपीसी) द्वारा किया जा रहा है, जिसमें 52 राष्ट्र शामिल है। सीपीए सम्मेलन के पूर्व या बाद सभी राष्ट्र एवं राज्य प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों को 3 राष्ट्रों में संसदीय पद्वति के अध्ययन भ्रमण के लिए जाने का अवसर मिलता है। उत्तर प्रदेश का प्रतिनिधिमंडल प्री कांफ्रेंस स्टडी टूर के लिए लंदन एवं नीदरलैंड जायेगा। उ.प्र. विधान सभा के अध्यक्ष, हृदय नारायण दीक्षित 21 सितम्बर को लंदन के भारतीय उच्चायोग में भारतीय प्रवासियों से मिलेंगे। 22 सितम्बर को हाउस आफ कामन्स के सांसद विशेष रूप से भारतीय मूल के संसदों से भी भेंट करेंगे। हाउस आफ कामन्स की कार्य प्रणाली का भी अध्ययन करेंगे।
अध्यक्ष, नीदरलैंड की राजधानी एमस्टरडम द हेग भी जायेंगे। प्रो0 निर्मला शर्मा, निदेशक, भारतीय सांस्कृतिक सम्बन्ध परिषद द्वारा हेग में आयोजित गांधी सेंटर में श्री दीक्षित अपनी स्व-लिखित पुस्तक 'द वे भारत थिंक्स' का विमोचन करेंगे। पुस्तक का प्रकाशन नीदरलैण्ड के एक्यूमैन पब्लिशर द्वारा किया जा रहा है। कार्यक्रम में नीदरलैंड एवं भारतीय मूल के लोग उपस्थित रहेंगे।
अध्यक्ष डच हाउस आफ रिप्रेजेंटेटिव के सांसद और डच हाउस आफ रिप्रेजेंटेटिव की विदेश मामलों की समिति के अध्यक्ष से भी भेंट कर संसदीय प्रणाली एवं कार्य व्यवहार पर चर्चा करेंगे।


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