अहिंसा एवं सत्य की आवश्यकता विश्व शान्ति के लिए आज भी प्रासंगिक- कुलपति

जैन धर्म द्वारा प्रतिपादित अहिंसा, सत्य, अपरिग्रह आज भी प्रासंगिक है
गांधी जी के अहिंसा एवं सत्य की आवश्यकता विश्व शान्ति के लिए आज भी प्रासंगिक- कुलपति
लखनऊ।


उत्तर प्रदेश जैन विद्या शोध संस्थान, संस्कृति विभाग उ.प्र. द्वारा आयोजित महात्मा गांधी की 150वीं जयन्ती के उपलक्ष्य में हिन्दी तथा भारतीय भाषा विभाग, लखनऊ विश्वविद्यालय ने महात्मा गांधी और जैन दर्शन पर एक दिवसीय राष्ट्रीय गोष्ठी का आयोजन विश्वविद्यालय के डाँ. राधाकमल मुखर्जी सभागार जे.के.ब्लॉक में हुआ। गांधी जी को श्रद्धासुमन अर्पित करने के बाद उ.प्र.जैन विद्या शोध संस्थान की  शोध पत्रिका का विमोचन हुआ। गोष्ठी को सम्बोधित करते हुये मुख्यअतिथि लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सुरेन्द्र प्रताप सिंह ने कहा कि जैन धर्म एवं वर्तमान में गांधी के द्वारा बताये गये अहिंसा एवं सत्य की आवश्यकता विश्व शान्ति के लिए आज भी प्रासंगिक है।
कार्यक्रम में प्रबुद्ध वक्ताओं ने क्रमशःविषय प्रवर्तक प्रो (डा) अभय कुमार जैन , मुख्य वक्ता प्रो शैलेन्द्र नाथ कपूर ,उ.प्र हिन्दी संस्थान के कार्यवाहक अध्यक्ष प्रो सदानन्द गुप्ता , हिन्दी विभाग के अध्यक्ष प्रो योगेन्द्र सिंह, संयोजक प्रो पवन अग्रवाल, प्रो.क्षमा शंकर पाण्डेय, प्रो.राकेश चन्द्रा,प्रो ओम प्रकाश पाण्डेय, प्रो सूर्य प्रसाद दीक्षित और रा.म.लो. अवध विश्वविद्यालय  अयोध्या(फैजाबाद) के कुलपति मनोज दीक्षित आदि वक्ताओं ने कहा कि गांधी और जैन धर्म द्वारा प्रतिपादित अहिंसा, सत्य, अपरिग्रह आज भी प्रासंगिक है। धन्यवाद ज्ञापित जैन शोध संस्थान के निदेशक डा. राकेश सिंह ने किया।


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