जनपद की नोडल अधिकारी ने महिलाओं से जुड़ी समस्याओं के बारे में की समीक्षा बैठक
उन्नाव
श्रीमती बीना कुमारी मीना, प्रमुख सचिव, स्टांप रजिस्ट्रेशन एवं खनन विभाग, उत्तर प्रदेश शासन, लखनऊ/ नोडल अधिकारी जनपद उन्नाव द्वारा विकास भवन सभागार में जिला स्तरीय अधिकारियों के साथ जन कल्याणकारी योजनाओं एवं महिलाओं की सुरक्षा और उनकी समस्याओं का समाधान व उन्हें सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं की समीक्षा बैठक की तथा प्रदेश सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं को जन-जन तक समय बद्ध तरीके से लागू कराने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा है कि महिलाओं के लिए जितनी भी योजनाएं चलाई जा रही हैं वे उन तक सीधी पहुंचे और वे लाभान्वित हों।
प्रमुख सचिव ने महिला परक कार्यक्रमों/ योजनाओं का महिला सशक्तिकरण व समानता पर केंद्रित विभिन्न अधिनियमों व योजनाओं के माध्यम से निरंतर प्रयत्न करने की आवश्यकता पर बल दिया। जनपद के विभिन्न स्थलों पर महिलाओं के कल्याणार्थ चलाई जा रही योजनाओं में 181 महिला हेल्पलाइन की कॉल सुविधा एवं जागरूकता पर कैंप लगा कर जानकारी कराये जाने के निर्देश दिए। साथ ही मुख्य विकास अधिकारी श्री प्रेम रंजन सिंह को महिला हेल्पलाइन 181, 1090 आदि पर क्विज प्रतियोगिता आदि कराए जाने व बल्क में एस0एम0एस0 के जरिये महिलाओं को हेल्पलाइन नम्बरों के बारे में जानकारी कराये जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि 181 महिला हेल्पलाइन (आशा ज्योति केंद्र) का मुख्य उद्देश्य पीड़ित महिलाओं को विषम परिस्थितियों से तत्काल सुरक्षा देते हुए चिकित्सीय एवं पुलिस सेवायें प्रदान करना है। 181 महिला हेल्पलाइन नंबर पर कोई भी महिला एवं बालिका जो विषम परिस्थितियों से ग्रस्त हो तो महिला हेल्प लाइन (आशा ज्योति केन्द्र) को तत्काल सहायता के लिये उपलब्ध होना चाहिये। उन्होंने उच्च शिक्षा में बालिकाओं के प्रवेश की स्थिति, उ0प्र0 रानी लक्ष्मीबाई महिला एवं बाल सम्मान कोष, विरासत में भूमि को पुत्रियों के पक्ष में इन्द्राज किये जाने की स्थिति के बारे में विस्तार से चर्चा की।
मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना के अंतर्गत चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि समाज में प्रचलित कुरीतियों एवं भेदभाव जैसे कन्या भू्रण हत्या, असमान लिंगानुपात, बाल विवाह एवं बालिकाओं के प्रति परिवार की नकारात्मक सोच जैसी प्रतिकूलताओं के कारण प्रायः बालिकाएं/महिलाएं अपने जीवन, संरक्षण, स्वास्थ्य एवं शिक्षा के मौलिक अधिकारों से वंचित रह जाती हैं। जिसपे अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है। वन स्टॉप सेंटर पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि वन स्टॉप सेंटर में हिंसा से पीड़ित महिलाओं को एक ही छत के नीचे आवश्यकतानुसार पुलिस सहायता उपलब्ध कराना, चिकित्सीय सहायता उपलब्ध कराने, विधिक सहायता उपलब्ध कराना एवं पीड़िता की सुविधा और सुरक्षा आदि के दृष्टिगत सुविधा उपलब्ध कराया जाना आवश्यक है।
प्रमुख सचिव/नोडल अधिकारी ने पी0डब्ल्यू0डी0 में जरी-जरदोजी से जुड़ी महिलाओं से मिलीं। उन्होंने उनसे उनकी समस्याओं के बारे में पूछा उन्हें महिलाओं द्वारा बताया गया कि सरकार द्वारा दी जा रही राष्ट्रीय आजीविका मिशन के तहत अनुदान से हम लोगों का रोजगार बढा़ है, इससे आमदनी भी अच्छी हो रही है। उन्होंने राजकुमारी गौतम व रामेश्वरी पीड़ित महिलाओं की समस्याओं को जाना। उन्होंने सरोसी ब्लाॅक पर ग्राम प्रधानों, आंगनबाड़ियों व स्वयं सहायता सम्बन्धी महिलाओं के साथ बैठक की जिसमें उन्होंने सरकार की मंशा के बारे में अवगत कराते हुये कहा कि सरकार चाहती है कि जो योजनायें चलाई जा रहीं हैं आप तक पहुंचे। उन्होंने एक गांम प्रधान को नये ट्रैक्टर की चाभी दी और उन्हें प्रात्साहित भी किया। इसके उपरान्त नोडल अधिकारी ने जेल का निरीक्षण कर जेल में कैदी महिलाओं से मिलीं और उनका हाल चाल पूछा।
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