जेवर इन्टरनेशनल एयरपोर्ट के निर्माण के लिए किसानों ने मुख्यमंत्री को सौंपे सहमति पत्र

देश व प्रदेश के हित में किसानों से प्राप्त किया जा सकता है बड़े से बड़ा सहयोग : मुख्यमंत्री
जेवर में इन्टरनेशनल एयरपोर्ट के निर्माण से पूरे देश को लाभ होगा : नागरिक उड्डयन मंत्री
लखनऊ।


उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज यहां कहा कि आमजन की खुशहाली के लिए विकास आवश्यक है। विकास गतिविधियों के संचालन के लिए भूमि की आवश्यकता होती है। भूमि किसानों की सहमति और सौहार्द से प्राप्त की जानी चाहिए। इसके लिए संवाद और किसानों की भावनाओं का सम्मान होना चाहिए। जेवर में इन्टरनेशनल एयरपोर्ट के निर्माण के लिए संवाद के माध्यम से भूमि की व्यवस्था के लिए जेवर के किसानों तथा जिला प्रशासन गौतमबुद्धनगर की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि जेवर में इन्टरनेशनल एयरपोर्ट के निर्माण से देश व प्रदेश का विकास का मार्ग प्रशस्त होगा।
मुख्यमंत्री बुद्धवार को अपने सरकारी आवास पर जेवर इन्टरनेशनल एयरपोर्ट क्षेत्र के किसानों को सम्बोधित कर रहे थे। किसानों ने जेवर के विधायक धीरेन्द्र प्रताप सिंह के नेतृत्व में मुख्यमंत्री को जेवर इन्टरनेशनल एयरपोर्ट के निर्माण के लिए अपनी भूमि प्रदान करने सम्बन्धी सहमति पत्र सौंपे। कार्यक्रम के बाद मुख्यमंत्री ने प्रत्येक किसान के पास जाकर उनसे भेंट की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि तथ्यों पर आधारित समुचित संवाद तथा भावनाओं के सम्मान के साथ देश व प्रदेश के हित में किसानों से बड़े से बड़ा सहयोग प्राप्त किया जा सकता है। संवाद के माध्यम से प्रदेश की अन्य परियोजनाओं के लिए भूमि प्राप्त करने का विश्वास जताते हुए उन्होंने कहा कि जेवर इन्टरनेशनल एयरपोर्ट के लिए भूमि प्राप्त करने की कार्यवाही देश की अन्य बड़ी परियोजनाओं के लिए एक उदाहरण है। उन्होंने कहा कि जेवर इन्टरनेशनल एयरपोर्ट विश्व का सबसे बड़ा हवाई अड्डा होगा। इसके निर्माण से प्रदेश का गौरव बढ़ेगा। साथी ही, राज्य के युवाओं को बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर भी प्राप्त होंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत सरकार द्वारा दिल्ली के पास एक नये इन्टरनेशनल एयरपोर्ट के निर्माण की सहमति दी गयी थी। अनेक राज्यों ने इसके लिए अपने-अपने प्रस्ताव दिए थे। जेवर में इन्टरनेशनल एयरपोर्ट के निर्माण के सम्बन्ध में भारत सरकार के सैद्धान्तिक अनुमोदन के अनुसार इस परियोजना हेतु बिड की अन्तिम तिथि 30 अक्टूबर, 2019 से पूर्व, परियोजना के लिए आवश्यक भूमि की 80 प्रतिशत भूमि राज्य सरकार के पक्ष में अन्तरित किए जाने की शर्त थी, निर्धारित समय सीमा में 80.13 प्रतिशत भूमि प्राप्त कर इस शर्त को पूरा कर लिया गया है। उन्होंने कहा कि परियोजना के लिए अवशेष 20 प्रतिशत भूमि को भी एक माह के अन्दर प्राप्त किए जाने का प्रयास किया जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विगत ढाई वर्ष में राज्य सरकार ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के हवाई चप्पल पहनने वाले व्यक्ति के भी हवाई यात्रा करने के स्वप्न को साकार करने के लिए निरन्तर कार्य किया है। प्रदेश की जनता को विकास का अधिकार प्रदान करने के लिए एक्सप्रेस-वे के निर्माण के साथ ही, एयर कनेक्टिविटी की कार्यवाही भी संचालित है। वर्तमान में प्रदेश में 07 एयरपोर्ट कार्यशील हैं। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद उपेक्षित पड़ी 17 एयर पट्टियों को विकसित करने का कार्य किया जा रहा है। कुशीनगर में एयरपोर्ट का निर्माण किया जा रहा है। आगरा एवं कानपुर में सिविल टर्मिनल के निर्माण हेतु भूमि की व्यवस्था कर ली गयी है। सहारनपुर में एयरपोर्ट की कार्यवाही तेज गति से चल रही है। अयोध्या में भी नये एयरपोर्ट के निर्माण का निर्णय लिया गया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के इन प्रयासों से प्रदेश के युवाओं को रोजगार के लिए अन्य प्रदेशों में नहीं जाना पड़ेगा, उन्हें प्रदेश में ही रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव सूचना एवं गृह अवनीश कुमार अवस्थी, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एसपी गोयल सहित वरिष्ठ अधिकारी एवं बड़ी संख्या में जेवर के किसान उपस्थित थे।

जेवर में इन्टरनेशनल एयरपोर्ट के निर्माण से पूरे देश को लाभ होगा : नागरिक उड्डयन मंत्री
नागरिक उड्डयन मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता 'नन्दी' ने प्रभावित भू-स्वामियों के हितों को सुरक्षित रखते हुए भूमि अधिग्रहण के लिए राज्य सरकार के प्रति धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि जेवर में इन्टरनेशनल एयरपोर्ट के निर्माण से प्रदेश सहित पूरे देश को लाभ होगा।

जेवर के किसानों ने प्रदेश के विकास में ऐतिहासिक योगदान किया है : विधायक
जेवर के विधायक धीरेन्द्र प्रताप सिंह ने अपने सम्बोधन में कहा कि एयरपोर्ट के निर्माण के लिए भूमि प्रदान कर जेवर के किसानों ने प्रदेश के विकास में ऐतिहासिक योगदान किया है। जेवर इन्टरनेशनल एयरपोर्ट के निर्माण के लिए भूमि का अधिग्रहण जिस सुनियोजित व पारदर्शी ढंग से हुआ है, वह पूरी दुनिया के लिए उदाहरण है।

एयरपोर्ट के लिए कुल 1,334 हेक्टेयर भूमि का किया जाना है अर्जन/पुनर्ग्रहण
बता दें कि जेवर इन्टरनेशनल एयरपोर्ट के निर्माण के लिए कुल 1,334 हेक्टेयर भूमि का अर्जन/पुनर्ग्रहण जनपद गौतमबुद्ध नगर के 06 गांवों रन्हेरा, रोही, पारोही, किशोरपुर, दयानतपुर तथा बनवारीबांस से किया जाना है। इसमें से 1,239.1416 हेक्टेयर भूमि का अर्जन एवं 94.8584 हेक्टेयर भूमि का पुनर्ग्रहण किया जाना है। नागरिक विमानन मंत्रालय भारत सरकार के सैद्धान्तिक अनुमोदन में निहित शर्त के अनुसार परियोजना के लिए बिड की अन्तिम तिथि 30 अक्टूबर, 2019 से पूर्व 80 प्रतिशत भूमि राज्य सरकार के पक्ष में अन्तरित किए जाने की शर्त है। राज्य सरकार के पक्ष में निश्चित तिथि से पूर्व 1068.9638 हेक्टेयर भूमि कब्जा अन्तरित हो चुकी है, जो कि कुल भूमि का 80.13 प्रतिशत है। इसमें से 998.1307 हेक्टेयर अर्जन प्रक्रिया के माध्यम से तथा 70.8323 पुनर्ग्रहण प्रक्रिया के माध्यम से प्राप्त की गयी है।

किसानों के खातों में सीधे 2,491.25 करोड़ रुपए की धनराशि भेजी गयी
अर्जन प्रक्रिया से प्राप्त की जाने वाली 1239.1416 हेक्टेयर भूमि के लिए कुल 3167 करोड़ रुपए धनराशि प्रतिकर के रूप में किसानों को दी जानी है। अब तक 1006.0825 हेक्टेयर भूमि हेतु 2,491.25 करोड़ रुपए की धनराशि प्रतिकर के रूप में किसानों के खातों में सीधे भेजी जा चुकी है। साथ ही, 998.1307 हेक्टेयर भूमि पर भौतिक कब्जा भी प्राप्त कर लिया गया है। प्रभावित कुटुम्बों के पुनर्वासन एवं पुनर्व्यवस्थापन हकदारियों के अधिनिर्णयों की घोषणा के तहत, आर एण्ड आर प्रारूप स्कीम में कुल प्रभावित कुटुम्बों की संख्या 8,971 है। अधिनिर्णय की घोषणा के दौरान डुप्लीकेट पाये गए प्रभावित कुटुम्बों की संख्या 1,019 है। इस प्रकार, अवशेष कुटुम्बों जिनके अधिनिर्णय घोषित किए जाने हैं, की संख्या 7,952 है। इसमें से 7,699 प्रभावित कुटुम्ब के अधिनिर्णय घोषित/अनुमोदित कराने की कार्यवाही की जा चुकी है। अवशेष 253 कुटुम्बों द्वारा नियोजन/वार्षिकी का चयन किया जाना है।


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