किसान मेला एवं प्रदर्शनी का आयोजन


उन्नाव 


कृषि सूचना तंत्र के सुदृढ़ीकरण एवं कृषक जागरूकता कार्यक्रम के अन्तर्गत विकास खण्ड स्तरीय किसान मेला एवं प्रदर्शनी का आयोजन विकास खण्ड असोहा के इण्टर कालेज काॅथा परिसर में किया गया। किसान मेला का शुभारम्भ मान्नीय श्री अनिल सिंह विधायक पुरवा ने किया। किसान मेला की अध्यक्षता प्रोफेसर श्री डी0एस0 सेंगर, आई0आई0एम0 लखनऊ ने की। किसान मेला में ब्लाक प्रमुख असोहा, श्री वी0पी0 श्रीवास्तव पूर्व कृषि निदेशक, उप कृषि निदेशक उन्नाव, खण्ड विकास अधिकारी असोहा, कृषि विज्ञान केन्द्र धौरा के वैज्ञानिक, पशुचिकित्साधिकारी, उद्यान, पशुपालन, ग्राम्य विकास के कर्मचारी उपस्थित रहें। किसान मेला में मान्नीय विधायक श्री अनिल सिंह जी ने कृषकों को सम्बोधित करते हुये कहा कि किसान भाई राजकीय कृषि बीज भण्डार पर जाकर अपना पंजीकरण करायें और योजनाओं का लाभ उठायें। सरकार का संकल्प कृषकांे की आमदनी दुगनी करने का है। कृषक भाई खेती-किसानी के साथ-साथ पशुपालन, मछली पालन, बागवानी अवश्य करें। समर्थन मूल्य पर फसल की बिक्री हेतु अपना पंजीकरण करायंे। फसल अवशेष में आग न लगायंे उसे भूमि में ही जुताई कर मिला दें।
मेले में उपस्थित पूर्व कृषि निदेशक ने कृषकांे को सम्बोधित करते हुये कहा कि किसान भाई भूमि को सम्पूर्ण जनमानस को स्वस्थ रखने के लिये प्राकृतिक खेती, जैविक खेती करें इससे जहाॅ एक आरे लागत घटती है वहीं दूसरी ओर जल, थल वायु की दशा मंे सुधार होता है और गुणवत्तायुक्त खाद्यान्न भी पैदा होता है। फल, फूल, सब्जी, दूध पैदान होने से मानव एवं पशु स्वस्थ रहते है। रसायनिक खादों व दवाइयों पर अत्याधिक निर्भरता उचित नहीं है। गौ-संरक्षण की दशा में भी यह अत्यन्त उपयोगी कार्य है। उन्होने जीका मृत एवं जैविक कीटनाशी की विधि भी बतायी।
उप कृषि निदेशक डा0 नन्द किशोर ने कृषक भाइयों को सम्बोधित करते हुये कहा कि किसान भाई राजकीय कृषि बीज भण्डारों से नया बीज लेकर  लाइन से बुआई करें उन्होने कहा कि इससे जहाॅ एक ओर खाद बीज का कम उपयोग होता है वहीं दूसरी ओर पैदावार में 15 प्रतिशत तक की बढ़ोत्तरी होती है। उन्होने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, प्रधानमंत्री मानधन योजना, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन योजना, सोलर पम्प योजना, किसान क्रेडिट कार्ड योजना, मैकेनाइजेशन योजना के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होने कहा कि फसल अवशेष को न जलायें और उसे सड़ाकर खेत में ही गोबर की खाद बनायें। फसल अवशेष में आग बिल्कुल न लगायें। उन्होने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के बारे मे बताते हुये कहा कि कृषक भाई अपने आधार कार्ड के अनुसार किसी भी इण्टरनेट कैफे या स्मार्ट फोन पर चउापेंदण्हवअण्पद टाइप कर आधार कार्ड संख्या डालकर नाम संशोधन कर सकते है तथा बैंक खाता संख्या में सुधार के लिये बैंक पास बुक की छाया प्रति राजकीय कृषि बीज भण्डार अथवा तहसील में देकर सुधार करवा सकते है।
श्री डी0एस0 सेंगर जी प्रोफेसर आई0आई0एम0 लखनऊ ने अपने अध्यक्षीय भाषण में कहा कि शासन की योजनायें कृषकों के लिये उपयोगी है। कृषि विभाग द्वारा व्यापक स्तर पर योजनाओं का प्रचार-प्रसार किया जा रहा है इससे मान्नीय प्रधानमंत्री जी के कृषकों की आय को दुगना करने का संकल्प पूर्ण होगा और कृषक भाइयों में भी समृद्वि आयेगी।


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