संपत्ति विवरण में भ्रामक सूचना देने के दोषी अमिताभ ठाकुर: उ.प्र. शासन

लखनऊ।


13 जुलाई 2015 को शुरू की गयी विभागीय जाँच में आईपीएस अफसर अमिताभ ठाकुर वार्षिक संपत्ति विवरण विलंब से देने तथा उसके प्रस्तुतीकरण में भ्रामक एवं त्रुटिपूर्ण सूचना देने के दोषी पाए गए हैं।
अत्यंत लम्बे समय से लंबित विभागीय कार्यवाहियों के संबंध में अमिताभ द्वारा केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण (कैट) की लखनऊ बेंच में दायर अवमानना वाद में प्रस्तुत शपथपत्र में अपर मुख्य सचिव (गृह) अवनीश अवस्थी ने कहा है कि उनके खिलाफ लगाये गए 16 आरोपों में आरोप संख्या 4 में जाँच अधिकारी जेएल त्रिपाठी की जाँच आख्या के अनुसार अमिताभ ने वर्ष 1992 से 2000 तक के संपत्ति विवरण की सूचना पहली बार 16 अप्रैल 2001 को दी तथा उनके संपत्ति विवरण के प्रस्तुतीकरण में भ्रामक एवं त्रुटिपूर्ण सूचना दी गयी। अतः वे अखिल भारतीय सेवाएँ आचरण नियमावली 1969 के नियम 16 के उल्लंघन के दोषी हैं, जो कदाचार की श्रेणी में आता है। इस संबंध में उनके खिलाफ अनुशासन एवं अपील नियमावली के नियम 9(2) में नोटिस निर्गत किया जा रहा है। साथ ही श्री अवस्थी ने अमिताभ के खिलाफ लंबित शेष जांचों के जाँच अधिकारियों को 01 माह में प्रत्येक दशा में जाँच पूर्ण करने के भी निर्देश दिए हैं। अवमानना वाद की अगली सुनवाई 13 नवम्बर को होगी।


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